गंगा दशहरा पर 100 साल बाद बन रहा 3 अद्भुत संयोग, जाने शुभ मुहूर्त व पूजन विधि, महत्व
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाए जाने का विधान है. हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन धरती पर मां गंगा अवतरित हुई थीं.
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. अपने पूर्वजों की आत्मा के उद्धार के लिए भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे. गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व होता है. गंगा दशहरा पर हर साल गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. ऐसा कहते हैं कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी तरह के पाप मिट जाते हैं. इस बार गंगा दशहरा 16 जून, रविवार को यानि आज है.
3 शुभ योग में गंगा दशहरा
इस साल गंगा दशहरा वाले दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 05:23 बजे से 11:13 बजे तक रहेगा. उसके साथ ही अमृत सिद्धि योग 05:23 ए एम से 11:13 ए एम तक है. इन दोनों के अलावा पूरे दिन रवि योग बना रहेगा. ये तीनों ही योग शुभ फलदायी होते हैं.
गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त
इस बार गंगा दशहरा 16 जून, रविवार यानि आज मनाया जाएगा. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को रात 02 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और दशमी तिथि का समापन 17 जून को सुबह 04 बजकर 34 मिनट पर होगा. साथ ही इस दिन पूजन का समय सुबह 7 बजकर 08 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगा.
गंगा दशहरा स्नान-दान मुहूर्त
इस साल गंगा दशहरा पर स्नान दान का समय रविवार, 16 जून को सुबह 04 बजकर 03 मिनट से लेकर 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.
गंगा दशहरा पर शुभ संयोग
ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि गंगा दशहरा पर इस साल तीन शुभ संयोग बन रहे हैं. गंगा दशहरा पर रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग बन रहा है. इस दिन सूर्योदय के साथ ही रवि योग शुरू हो जाएगा. इस शुभ योग में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों को करना बहुत ही शुभ माना जाता है. गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में धरती पर उतरी थी. इस बार हस्त नक्षत्र 15 जून को सुबह 8 बजकर 14 मिनट से लेकर 16 जून को सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
गंगा दशहरा पूजन विधि
गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने का विधान है. यदि आप गंगा के तट पर नहीं में असमर्थ हैं तो आस-पास के तालाब या नदी में भी मां गंगा का नाम लेकर डुबकी लगाई जा सकती है. डुबकी लगाते समय ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का उच्चारण जरूर करें.
आप चाहें तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. गंगा दशहरा के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन दान-धर्म के कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन 10 चीजों का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. पूजन सामग्री में भी 10 चीजों का इस्तेमाल करें. 10 प्रकार के ही फल और फूल का इस्तेमाल करें.
गंगा दशहरा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के फलस्वरुप मां गंगा ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को भगवान शिव की जटाओं से होगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, इस वजह से इस दिन को गंगा अवतरएा दिवस के रूप में भी मनाते हैं. गंगा दशहरा या गंगा अवतरण दिवस गंगा जयंती नहीं है. गंगा दशहरा के दिन मां गंगा पृथ्वी पर आईं और राजा भगीरथ के 60 हजार पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया.
गंगा दशहरा पर इन वस्तुओं का करें दान
गंगा दशहरे के पर्व पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरा पर दान की जाने वाली वस्तुओं की संख्या 10 होनी चाहिए। इस दिन आप 10 फल, 10 पंखे, 10 सुराही, 10 छाते या फिर 10 हिस्से अन्न का दान कर सकते हैं। गंगा दशहरे पर कुछ लोग अपने घर में हवन पूजन करवाते हैं। कहते हैं इस दिन हवन करने से आपके घर से हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
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