कांटे के मुकाबले में चंडीगढ़ लोकसभा सीट कांग्रेस के पाले में
10 साल बाद कांग्रेस ने जीती चंडीगढ़ सीट
भाजपा अध्यक्ष का दावा था एक लाख मतों से जीतेंगे चंडीगढ़ सीट
भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन को नहीं मिला अपनों का साथ
चंडीगढ़ लोक सभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार या कह सकते हैं गठबंधन के उम्मीदवार मनीष तिवारी ने जीत हासिल कर ली है। 3689 वोटो से 14 में राउंड में तिवारी ने जीत हासिल की है। 10 साल बाद कांग्रेस ने चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय टंडन को हराकर मनीष तिवारी ने जीत हासिल की है।
बहुत ही कड़े मुकाबले में मनीष तिवारी ने संजय टंडन को हराया
भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ में पहले राउंड से ही कभी भी विनिंग कंडीशन में नहीं आई, ना ही कभी संजय टंडन मनीष तिवारी से आगे निकल पाए।
इज्जत के मुकाबले में मल्होत्रा की साख हुई कम तो लकी की साख बढ़ी
भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय टंडन को भाजपा के ही नेताओं का साथ ना मिल पाना उनकी हर का बड़ा कारण रहा। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद, कद्दावर नेता सत्येंद्र जैन, भाजपा की वर्तमान सांसद किरण खेर पूरे प्रचार के दौरान कहीं पर भी नजर नहीं आई।
किरण खेर के प्रचार में आए थे नरेंद्र मोदी टंडन के में नहीं
किरण खेर के चुनाव प्रचार में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाला था जबकि संजय टंडन के चुनाव प्रचार में ना तो नरेंद्र मोदी आए ना ही अमित शाह। योगी, मनोज तिवारी और जेपी नड्डा ने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला था।
भारी विरोध के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष लकी ने बचाई अपनी साख
मनीष तिवारी का नाम घोषणा होने के साथ ही चंडीगढ़ कांग्रेस में जिस तरीके से भगदड़ मची थी उसके बावजूद भी मनीष तिवारी के जितने से चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष लकी का कद बढ़ गया है और कह सकते हैं कि चंडीगढ़ में अब बंसल युग का अंत हो गया है। कहा जाता था कि चंडीगढ़ कांग्रेस का मतलब पवन बंसल पर अब ऐसा नहीं है। अब चंडीगढ़ में मनीष तिवारी की चलेगी।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!