दम मारो दम : धुंआ उड़ाने में टीनएज लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ा
नाबालिक लड़कियों में धूम्रपान का सेवन बढ़ा, जानिए क्या है इसके नुकसान
प्रेरणा ढिंगरा : स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक टीनएज लड़कियों में स्मोकिंग की तुलना लड़कों से ज्यादा बढ़ रही है। सिगरेट की तलब सबसे ज्यादा टीनएज लड़कियों में देखने को मिल रही है । कम उम्र की लड़कियों में सिगरेट या बीड़ी पीने की लत तेजी से बढ़ रही है।
हम सब लोग जानते हैं कि स्मोकिंग, सिगरेट, तंबाकू शरीर के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। लगातार सरकार और अलग-अलग एनजीओ हमें स्मोकिंग से होने वाली तकलीफों के बारे में संकेत देते रहते हैं। लेकिन फिर भी इसका सेवन बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि जब सबको स्मोकिंग से होने वाली तकलीफों के बारे में पता है, तो इसका सेवन लोगों में बढ़ता क्यों जा रहा है? आप जान के हैरान हो जाएंगे कि स्मोकिंग की तलब टीनएज लड़कियों में टीनएज लड़कों के मुताबिक ज्यादा देखने को मिल रही है । एक दशक में स्मोकिंग करने वाली टीनेज लड़कियां 3.8% बढ़ी है, जबकि इसी दौरान लड़कों की संख्या 2.3% बढ़ी है। टोबैको कंट्रोल इन इंडिया 2022′ के नाम की रिपोर्ट चिंता में डालती है कि नाबालिक लड़कियों में स्मोकिंग का सेवन अधिक है।
आंकड़े क्या बताते हैं?
हाल ही में जारी स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट बताती है कि 2009 में देश में 2.4% लड़कियां स्मोकिंग किया करती थी। जबकि, 2019 में ये बढ़कर 6.2% हो गई। यानी, 10 सालों में स्मोकिंग करने वाली लड़कियों की संख्या में 3.8% इजाफा हुआ है। इसी तरह 2009 में 5.8% लड़के ऐसे थे, जो स्मोकिंग किया करते थे और 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 8.1% हो गई। यानी, 10 साल में स्मोकिंग करने वाले लड़के 2.3% बढ़ गए। इसका मतलब है कि 10 साल में स्मोकिंग करने वाले लड़कों की संख्या उतनी नहीं बढ़ी, जितनी लड़कियों की बढ़ गई है।
लेकिन, इस रिपोर्ट में ये भी बताया है कि देशभर में तंबाकू का सेवन करने वालों की आबादी घटी है, लेकिन ये ज्यादातर वो हैं जिन्होंने गुटखा और पान मसाला छोड़ दिया है।
आखिर नई पीढ़ी में स्मोकिंग की तलब देखने को क्यों बढ़ रही है ?
एक सवाल जो इस रिपोर्ट से खड़ा होता है वह है स्मोकिंग की तलब नाबालिक लड़के और लड़कियों में इतनी अधिक क्यों है? इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोगों से पता चला कि स्मोकिंग को आजकल के युवा फैशन समझते हैं। ज्यादातर लड़कियों का स्मोकिंग करने का कारण होता है कि वह लड़कों से बराबरी का मुकाबला कर सके। समाज में पीछे ना रहे जाने का डर युवाओं को स्मोकिंग की तरफ प्रभावित करता है।
इसके अलावा अपना गुस्सा ठंडा करने के लिए भी लड़कियां स्मोकिंग का सेवन करती है। जबकि, अपना गुस्सा ठंडा करने से स्मोकिंग का कोई लिंक नही है। फिल्में भी युवाओं को स्मोकिंग करने के लिए प्रेरित करती है। आजकल के समय में ज्यादातर मूवीस में स्मोकिंग करना एक स्टेटस सिंबल की तरह बन चुका है। अगर कानून की बात की जाय तो 18 साल से कम उम्र यानी बच्चों को तंबाकू उत्पादन बेचना कानूनी जुर्म है।
धूम्रपान कैसे हानिकारक है?
तम्बाकू के धुएँ में 5,000 से ज़्यादा रसायन होते हैं, जिनमें निकोटीन भी शामिल है। जो लोग धूम्रपान करते हैं, वे निकोटीन के आदी हो चुके होते है, हालाकि नुकसान धुएँ में मौजूद टार, कार्बन मोनोऑक्साइड और दूसरे रसायनों मैं होती है। जिसमें से कई रसायन कैंसर का कारण होते हैं। जब भी आप धूम्रपान करते हैं, तबीयत रसायन आपके फेफड़ों में जाकर नुकसान पहुंचाते हैं। धूम्रपान से न केवल आपके फेफड़ों पर असर पड़ता है, बल्कि दिल के दौरे, स्ट्रोक , अन्य कैंसर ,त्वचा की उम्र बढ़ना ,स्तंभन दोष और बांझपन जैसी मुसीबतें भी होती है।
धूम्रपान छोड़ना मुश्किल क्यों है?
तम्बाकू में मौजूद निकोटीन आपके मस्तिष्क में पहुँच जाता है और धूम्रपान जारी रखने की इच्छा पैदा होती है। जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करना बंद कर देता हैं, तब उसके मस्तिष्क में निकोटीन का गिरता स्तर धूम्रपान करने की इच्छा पैदा करने लगता है। इन इच्छाओं को नियंत्रित करना धूम्रपान छोड़ने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
धूम्रपान छोड़ने के लिए क्या करें?
अगर एक व्यक्ति को धूम्रपान छोड़ना है, तब उसे सबसे ज्यादा नियंत्रण अपने दिमाग में बनाना होगा। बस एक दिन धूम्रपान ना करने के ठान ले और दिमाग पर काबू करें तो हर एक व्यक्ति स्मोकिंग छोड़ सकता है। किसी डॉक्टर से सही तरीके की सलाह ले।
डिस्क्लेमर : खबरी प्रशाद अखबार धूम्रपान को बढ़ावा नहीं देता है । धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है यह धूम्रपान के सभी सामानों पर लिखा होता है ।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!