सेक्टर 16 के शोरूम में पहली मंजिल पर लगी आग, दूसरी मंजिल पर इंस्टीट्यूट
बाल बाल बचे 20 से ज्यादा बच्चे
रांची और दिल्ली की याद आई लोगों को
पंचकूला में आज एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया जब सेक्टर 16 के एक शोरूम में पहली मंजिल पर आग लग गई जबकि दूसरी मंजिल पर एक इंस्टीट्यूट था । आग लगने के वक्त ऊपर 25 बच्चे अपनी पढ़ाई कर रहे थे जब धुंवा फैला और बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हुई तब भगदड़ मची । हालांकि लोगों ने फायर विभाग को सूचित कर दिया था जिसकी वजह से समय पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच जाने से बड़ा हादसा होने से बच गया । इस हादसे ने पंचकुला के लोगों को रांची और दिल्ली में हुए हादसे की याद दी जहां पर कई बच्चों की असमय जान चली गई थी ।
पंचकूला में कुकुरमुत्ता के तरीके से सेकंड फ्लोर पर बने हुए इंस्टीट्यूट
पंचकूला के सेक्टर 11 , 16 , 15 , 20 सहित अलग-अलग सेक्टर में बने शोरूम के सेकंड फ्लोर पर अनेकों इंस्टिट्यूट बने हुए । जहां पर हजारों बच्चे रोजाना पढ़ाई करने के लिए आते हैं । मगर ज्यादातर इंस्टीट्यूटों के अंदर फायर सेफ्टी से जुड़े हुए नियमों का उल्लंघन होता है और अगर ऐसे में कभी कोई हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा इसके लिए पंचकूला का कोई भी अफसर जिम्मेदार नहीं लेने को तैयार है ।

सीढी के रास्ते बच्चों को दूसरे फ्लोर से नीचे उतरा गया , अगर कोई हादसा हो जाता तो कौन होता जिम्मेदार
क्या होना चाहिए
नियमित तौर पर अग्निशमन विभाग को ऐसी जगह पर जांच पड़ताल करते रहना चाहिए ,जहां पर आग लगने की संभावनाएं सबसे ज्यादा है परंतु ऐसा होता नहीं है । सब कुछ खेल कागजों में चल रहा है जब कोई हादसा होता है तब नेता भी अफसोस जताने पहुंच जाते हैं । और फिर कुछ सख्त आर्डर जारी होते हैं परंतु कुछ दिन के बाद में फिर वही ढक के तीन पात , और सारे ऑर्डर ठंडा बस्ते में चले जाते हैं ।

सीढी के रास्ते बच्चों को दूसरे फ्लोर से नीचे उतरा गया , अगर कोई हादसा हो जाता तो कौन होता जिम्मेदार

सीढी के रास्ते बच्चों को दूसरे फ्लोर से नीचे उतरा गया , अगर कोई हादसा हो जाता तो कौन होता जिम्मेदार
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