गर रह गए बहुमत से पीछे तो , बीजेपी का प्लान बी तैयार
प्लान बी तैयार करने के लिए भाजपा की इंटरनल गोपनीय मीटिंग शुरू
अगर बहुमत से रह गए पीछे, इस पर कर रही भाजपा काम
खबरी प्रशाद दिल्ली पॉलिटिकल रिपोर्टर
लोकसभा चुनाव के 6 चरण संपन्न हो चुके हैं और सातवां चरण 1 जून को होना है । सभी राजनीतिक दलों को अपने-अपने रिसोर्सेस से उनको कितनी सीट मिलने जा रही है एक अंदाजा लग चुका है । यह अंदाजा थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है पर बहुत ज्यादा ऊपर नीचे हो जाए इसकी संभावना कम रहती है । तीन दिन पहले यानी 27 मई को हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी । इस बैठक में जो निकलकर सामने आया उससे भाजपा नेताओं के माथे पर शिकन आ गई है । भले आज भी कैमरे के सामने भाजपा नेता हरियाणा में लोकसभा सीटों को लेकर 10 में 10 नंबर दे रहे हो पर सच्चाई क्या है और कितने नंबर मिलेंगे इस बात की जानकारी भाजपा के हर कद्दावर नेता को है । आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था । यानी सभी 10 की 10 सीट भाजपा की झोली में आई थी । ऐसे ही कई और राज्य भी थे जहां पर की भाजपा ने लगभग क्लीन स्वीप ही कर दिया था । परंतु इस बार मोदी की आंधी नहीं चल पा रही है । यह बात भाजपा को अच्छी तरीके से समझ में आ चुकी है । चाहे वह राज्य उत्तर प्रदेश , राजस्थान , मध्य प्रदेश , हिमाचल, बिहार , दिल्ली या कोई अन्य राज्य हो । जिस तरीके से भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले 400 पार का नारा देकर एक नॉरेटिव बनाने की कोशिश की थी , पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान वह कहीं नहीं दिखा । और ऊपर से मतदान का प्रतिशत भी कम होना भाजपा की चिंता का एक दूसरा कारण भी है । और उसके साथ-साथ उत्तर भारत में खासतौर से हरियाणा पंजाब दिल्ली पश्चिम उत्तर प्रदेश के इलाकों में किसान विरोध ने भी भाजपा की नींद उड़ाई । इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अभी से प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है ।
हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक में खुली भाजपा की पोल
हरियाणा लोक सभा चुनाव संपन्न होने के 2 दिन के बाद पंचकूला के पांचकमल में हरियाणा भारतीय जनता पार्टी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई ।
समीक्षा बैठक में भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट रखी गई । भाजपा की ही समीक्षा बैठक में चार सीट सोनीपत ,अंबाला , कुरुक्षेत्र और भिवानी-महेंद्रगढ़ पर कड़ा मुकाबला बताया गया । इसके अलावा दो सीट सिरसा और रोहतक में तो भाजपा ने एक तरह से कह सकते हैं हथियार डाल दिए हैं मतलब भाजपा के इंटरनल सोर्स इस बात को मानते हैं कि इन दो सीटों पर भारतीय जनता पार्टी नहीं जीतने जा रही ।
और दो सीटों पर मुकाबला बहुत नजदीकी रहने वाला है । मतलब इन दो सीटों के लिए भी भाजपा पक्के तौर पर श्योर नहीं है कि यह सीट भाजपा की झोली में ही आ जाएगी । सिर्फ करनाल लोकसभा जहां से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चुनाव लड़ा है उस पर भाजपा पक्के तौर पर मजबूत मानी जा रही है । इसके अलावा गुरुग्राम सीट पर भी भाजपा अपने आप को मजबूत मानकर चल रही यह सीट जीत जाएंगे ।
भाजपा का प्लान बी क्या हो सकता है ?
कई मीडिया चैनलों की रिपोर्ट्स को अगर सच मान लिया जाए तो भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने छठे चरण के तुरंत बाद और सातवें चरण के पहले लोकसभा चुनाव के परिणाम को लेकर प्लान बी पर गोपनीय तरीके से काम करना शुरू कर दिया है । प्लान बी का मतलब है कि अगर भाजपा का कुनबा यानी कि एनडीए पूर्ण बहुमत की तरफ नहीं पहुंचता तो ऐसी स्थिति में भाजपा के पास क्या-क्या रास्ते हैं ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा ने उन छोटी पार्टियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है जिनके इकाई अंक में सांसद आ सकते हैं । ऐसी पार्टियों के प्रमुखों से संपर्क साधने की तैयारी की जा रही है ।
पुराने सहयोगियों पर भी नजर पुराने सहयोगी जो नाराज होकर एनडीए का कुनबा छोड़कर चले गए हैं , उन पर भी भाजपा की नजर है और उनको लेकर भी भाजपा आने वाले दिनों में नरम रूप ही रख सकती है ।
सूत्र बताते हैं कि भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट यह कहती है कि पूरा एनडीए बहुमत से थोड़ा पीछे रह सकता है जिसकी वजह से भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के माथे पर चिंता की लकीरें है जरूर , मगर वह अंदर ही अंदर है , कैमरे के सामने कहीं पर भी भाजपा नेतृत्व या भाजपा के कद्दावर नेता मानने को तैयार नहीं है कि एनडीए का कुनबा बहुमत से कम रह सकता है ।
लोकसभा चुनाव में भाजपा का दावा इस बार 400 पार
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि अबकी बार भाजपा को 400 से भी ज्यादा सीट मिलने जा रही हैं । परंतु चुनाव के 6 चरण बीतने के बाद भी कहीं पर भी मोदी लहर दिखाई नहीं पड़ी जिससे यह कहा जा सके कि भाजपा 400 पार होने जा रही है । बल्कि उल्टा भाजपा के ही कार्यकर्ता कहते हुए नजर आते हैं की जमीन पर स्थितियां अनुकूल नहीं है । अगर भाजपा अपना पिछला प्रदर्शन ही दोहरा लेगी तो बहुत बड़ी बात होगी । पिछला प्रदर्शन से मतलब 2019 का प्रदर्शन जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने अपने दम पर 303 सीटों पर विजय प्राप्त की थी ।
फिलहाल लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण अभी बाकी है और यह भारतीय जनता पार्टी है और बिल्कुल क्रिकेट की खेल की तरह अंतिम ओवर की अंतिम गेंद तक हथियार नहीं डालती । तो अभी करिए इंतजार आखिर सातवें चरण के चुनाव में मतदान कैसा होता है और मतदाताओं का रुझान कैसा रहता है । सब कुछ इसी पर डिपेंड करेगा ।
कब आएगा परिणाम
यु तो लोकसभा चुनाव का परिणाम 4 जून को आना है परंतु 1 जून को शाम को 6:00 बजे से ही एग्जिट पोल आ जाते हैं । और इन एग्जिट पोल से सरकार के बनने का और सरकार के जाने का पता चल जाता है हालांकि एग्जिट पोल हर बार सही हो इस बात को भी नहीं कहा जा सकता कई बार एक्जिट पोल गलत भी साबित हो जाते हैं । पर जनता का मूड पता चलना शुरू हो जाता है ।
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