वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए असरदार घरेलू उपचार
शरीर जब मोटापे से ग्रस्त हो जाता है तो अनेक बीमारियों से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह बहुत दुबला-पतला शरीर भी अस्वस्थ होने का संकेत होता है। अधिक कमजोर शरीर स्वस्थ शरीर की तुलना में जल्द रोगग्रस्त हो सकता है। प्रायः दुबले-पतले लोग अपना वजन बढ़ाने या मोटा होने के लिए अनेक उपाय करते हैं, लेकिन उन्हें पूरी सफलता नहीं मिलती। आप वजन बढ़ाने या मोटा होने के लिए यहां बताए जा रहे घरेलू उपाय कर सकते हैं।
आयुर्वेद में एक-दो नहीं बल्कि कई उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन कर आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
1 वजन का बढ़ना क्या है?
2 असामान्य रूप से वजन के घटने का कारण
3 वजन के बढ़ने का कारण
4 वजन बढ़ाने या मोटा होने के लिए घरेलू उपचार
4.1 वजन बढ़ाने के लिए केला का सेवन
4.2 वजन बढ़ाने के लिए दूध और शहद का सेवन
4.3 वजन में वृद्धि के लिए बादाम, खजूर और अंजीर का सेवन
4.4 वजन बढ़ाने के लिए बीन्स का प्रयोग लाभदायक
4.5 वजन बढ़ाने के लिए दूध और ओट्स का सेवन
4.6 वजन बढ़ाने के लिए सेब और गाजर का उपयोग
4.7 वजन में वृद्धि के लिए किशमिश का सेवन
4.8 वजन में वृद्धि के लिए जौ का प्रयोग
4.9 वजन बढ़ाने के लिए सोयाबीन का प्रयोग
5 वजन बढ़ाने (मोटा होने) के लिए आपका खान-पान
6 वजन बढ़ाने (मोटा होने) के लिए आपकी जीवनशैली
7 वजन बढ़ाने (मोटा होने) के दौरान परहेज
8 वजन बढ़ाने (मोटा होने) से जुड़े सवाल-जवाब
वजन का बढ़ना क्या है?
शरीर के भार में वृद्धि को वजन बढ़ना (Weight Gain) कहते हैं। जब व्यक्ति द्वारा ग्रहण की गई कैलोरीज की तुलना में उसकी शारीरिक गतिविधि कम होती है, तब वजन बढ़ता है। यह शरीर में वसा या अतिरिक्त तरल पदार्थ के जमा होने से होता है। सामान्य रूप से वजन का बढ़ना कोई समस्या नहीं है।
असामान्य रूप से वजन के घटने का कारण
टाइप-1 डायबिटीज– टाइप-1 डायबिटीज के कारण भी वजन घटता है।
अवसाद या तनाव – अवसाद में व्यक्ति का वजन बढ़ता है, लेकिन कई बार व्यक्ति में चिड़चिड़ापन एवं भूख में कमी आ जाती है, जिस कारण वजन घटता है।
हार्मोन संबंधी विकार- हार्मोन संबंधिक विकार में एड्रीनल ग्लैंड्स (Adrenal glands) अपर्याप्त मात्रा में हार्मोन का निर्माण करती है। इसके कारण वजन में कमी आती है। यह सभी उम्र के लोगों में हो सकता है।
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज – इसमें आँतों में सूजन आ जाती है, जिससे पेट में दर्द होता है, और व्यक्ति को भूख नहीं लगती है। इससे धीरे-धीरे वजन घटने लगता है।
छोटी आँत में परेशानी– जब आँत भोजन के जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता है तो इस स्थिति को कुअवशोषण (Malabsorption) कहते हैं। इस कारण भी वजन नहीं बढ़ता है, बल्कि घटने लगता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis)– अर्थराइटिस होने पर भी वजन नहीं बढ़ता है, लेकिन घटने जरूर लगता है। यह बीमारी 30-50 वर्ष की महिलाओं में होती है। यह एक सूजनकारी बीमारी है, जिसमें शरीर की ऊर्जा घटती-बढ़ती है।
थायरॉइड संबंधी समस्या- हाइपोथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) में थायरॉयड (Thyroid) ग्रंथी अति सक्रिय हो जाती है। इससे शरीर की चयापचय क्रिया तेज हो जाती है। इसके कारण भी वजन घटने लगता है।
वात दोष– वात की वृद्धि के कारण जठराग्नि तेज हो जाती है जिस कारण व्यक्ति को और भूख लगती है और वह और अधिक भोजन करता है, लेकिन वजन नहीं बढ़ता है।
पेट में अल्सर की समस्या होना (Pepticular)-अल्सर होने पर पेट में तेज दर्द होता है और भोजन के प्रति अरूचि हो जाती है। भोजन ना करने के कारण वजन घटता है।
ट्यूबरक्लोसिस – टी.बी. एक संक्रामक रोग होता है, इसमें व्यक्ति की भूख कम हो जाती है, चयापचय क्रिया भी सुस्त पड़ जाती है। इसमें व्यक्ति का वजन तेजी से घटता है।
कैंसर के कारण- कैंसर होने पर शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की जरूरत होती है इसलिए वजन घटने की समस्या हो सकती है।
वजन के बढ़ने का कारण
हार्मोनल असंतुलन के कारण।
शारीरिक गतिविधियों का अभाव।
बार-बार कुछ ना कुछ खाने की आदत।
थायरॉइड से संबंधित समस्या (हाइपोथायरायडिज्म के कारण।
अवसाद। अधिक तनाव में व्यक्ति को अधिक भोजन करने की आदत हो जाती है।
अधिक तैलीय, वसायुक्त एवं बासी भोजन , जंकफूड, प्रिजरवेटिव युक्त आहार का सेवन।
अधिक भोजन करना, लेकिन सुस्त जीवनशैली होना। यदि आप अधिक मात्रा में, या वसायुक्त भोजन ग्रहण करते हैं, लेकिन दिन भर बैठे रहना पड़ता है, तो आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है।
वजन बढ़ाने या मोटा होने के लिए घरेलू उपचार
शरीर में दोषों के घटने या बढ़ने के कारण रोगों पैदा होते हैं। आयुर्वेदीय उपचार प्राकृतिक उपचार है। यह शरीर के दोषों को संतुलित कर रोग को जड़ से खत्म करता है। अयुर्वेदिक चिकित्सा द्वारा बढ़े हुए दोषों को कम किया जाता है, और कम हो जाने पर संतुलित किया जाता है। इसलिए वजन बढ़ाने के लिए व्यक्ति को आयुर्वेदिक उपाय करना चाहिए, जो ये हैंः-
वजन बढ़ाने के लिए केला का सेवन
दिन में कम से कम तीन से चार केले खाएँ। केला पौष्टिक एवं पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे दूध या दही के साथ खा सकते हैं। यह वजन में वृद्धि करने में मदद करता है।
वजन बढ़ाने के लिए दूध और शहद का सेवन
रोज नाश्ते में, और रात में सोने से पहले दूध के साथ शहद का सेवन करें। यह वजन बढ़ाने में मदद करता है। इससे पाचनशक्ति भी ठीक होती है।
वजन में वृद्धि के लिए बादाम, खजूर और अंजीर का सेवन
तीन से चार बादाम, खजूर और अंजीर को कूटकर दूध में डालकर उबालें। अच्छी तरह उबलने के बाद दूध को गुनगुना होने पर रोज सोने से पहले पिएँ।
वजन बढ़ाने के लिए बीन्स का प्रयोग लाभदायक
सब्जी में बीन्स का प्रयोग अधिक करें। यह पौष्टिक होने के साथ-साथ वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।
वजन बढ़ाने के लिए दूध और ओट्स का सेवन
वसायुक्त दूध को ओट्स के साथ सेवन करें।
वसायुक्त दूध में गेहूँ का दलिया बनाकर खाएँ। इससे वजन में वृद्धि होती है।
वजन बढ़ाने के लिए सेब और गाजर का उपयोग
बराबर मात्रा में छिल्का सहित उत्तम गुणवत्ता के सेब और गाजर लेकर कद्दूकस कर लें। इसे दोपहर भोजन के बाद खाएँ। कुछ ही हफ्तों में इससे लाभ मिलता है।
वजन में वृद्धि के लिए किशमिश का सेवन
10 ग्राम किशमिश को लगभग चार घण्टे तक दूध में भिगोकर रखें। सोने से पहले इस दूध को उबाल लें। गुनगुना होने पर दूध पीकर किशमिश को खा लें। किशमिश शरीर को पुष्ट करती है, एवं तेजी से वजन बढ़ाती है।
वजन में वृद्धि के लिए जौ का प्रयोग
आवश्यकतानुसार जौ को भीगोकर कूट-छिल लें। इस जौ का 60 ग्रा. की मात्रा को 500 ग्रा. दूध में मिलाकर खीर बनाएँँ। इसका नाश्ता दो महीने तक करें। दो महीने तक रोज इस खीर का सेवन करने से दुबले या कमजोर व्यक्ति भी मोटे हो जाते हैं। इससे वजन में वृद्धि होती है।
वजन बढ़ाने के लिए सोयाबीन का प्रयोग
नाश्ते में सोयाबीन एवं अंकुरित अनाज का सेवन करें। इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है, जिससे शरीर मजबूत बनता है और वजन में वृद्धि होती है।
वजन बढ़ाने (मोटा होने) के लिए आपका खान-पान
वजन बढ़ाने के लिए आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स और वसायुक्त आहार को प्राथमिकता दें।
मक्खन एवं घी का अपने भोजन में प्रयोग जरूर करें।
सूखे मेवे एवं वसायुक्त दूध का सेवन करें।
अपनी डायट को पाँच भागों में बाँटे। सुबह के नाश्ते और भोजन के बीच में मीठे फल खाएँ। शाम के वक्त केले एवं दूध से बना शेक पिएँ।
वजन बढ़ाने (मोटा होने) के लिए आपकी जीवनशैली
वजन बढ़ाने के लिए आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
समय पर भोजन करें
धीरे-धीरे चबाकर भोजन खाएँ।
रात में जागने से बचें, और 6-7 घण्टे की भरपूर नींद लें।
अत्यधिक तनावयुक्त जीवनशैली से बचें।
नियमित रूप से प्रात प्राणायाम करें।
वजन बढ़ाने (मोटा होने) के दौरान परहेज
उपवास करने से बचें।
वजन बढ़ाने (मोटा होने) से जुड़े सवाल-जवाब
वजन क्यों कम होने लगता है?
आयुर्वेद के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य वात-पित्त-कफ के संतुलन के ऊपर निर्भर करता है। कई बार व्यक्ति में लगातार वजन घटने की समस्या देखी जाती है। इसमें वात एवं कफ दोष मुख्य कारण है। शरीर में वात के बढ़ने एवं कफ की कमी के कारण वजन कम होता चला जाता है। वात की वृद्धि वातवर्धक आहार-विहार का सेवन करने के कारण होती है।
क्या आनुवांशक रूप से भी लोगों का शरीर दुबला होता है?
वजन का कम होना कई बार पारिवारिक इतिहास (आनुवांशिकता) के कारण भी होता है। अगर माता-पिता का शरीर दुबला-पतला हो तो संभव है कि बच्चे का शरीर भी दुबला-पतला रहे।
क्या दुबला-पतला होने से शरीर को रोगी माना जाए?
कुछ लोगों में नियमित रूप से पौष्टिक आहार लेने के बाद और घरेलू उपचार करने के बाद भी वजन नहीं बढ़ता है, लेकिन वे स्वस्थ होते हैं। इसलिए यह कहना गलत होगा कि हर दुबला-पतला शरीर वाला व्यक्ति अस्वस्थ है।
क्या वजन बढ़ाने के लिए दवाओं का सेवन करना सही है?
आजकल बाजार में कई तरह की दवाइयाँ वजन बढ़ाने के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें हानिकारक स्टेरायड होते हैं। ऐसी दवाइयों के सेवन से वजन तो बहुत तेजी से बढ़ता है, लेकिन इससे शरीर रोगों का घर बन जाता है। स्टेरायड के सेवन से कई गंभीर बीमारियाँ होती हैं।
वजन बढ़ाने का सबसे बेहतर उपाय क्या है?
वजन बढ़ाने के लिए प्राकृतिक उपायों का सहारा लेना चाहिए। घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक उपचार द्वारा शरीर को पोषण प्राप्त होता है। इससे वजन प्राकृतिक रूप से बढ़ता है। प्राकृतिक उपायों से केवल वजन ही नहीं बढ़ता, बल्कि व्यक्ति का शरीर पुष्ट रहता है। वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ भी रहता है।
क्या वजन बढ़ाने के लिए मांसाहारी भोजन करना बेहतर होता है?
ज्यादातर लोगों में यह मिथक प्रचलित है कि वजन बढ़ाने के लिए मांसाहार का सेवन अति आवश्यक है, लेकिन ऐसा नहीं है। मांसाहार तामसिक गुणों से युक्त होता है। इससे व्यक्ति का वजन तो बढ़ सकता है, लेकिन यह व्यक्ति को स्थूल एवं तामसिक गुणों का बना देता है।मांसाहार की बजाय शाकाहार में सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह वजन बढ़ाने में मांसाहार की तुलना में कम फायदेमंद नहीं होता। शाकाहारी आहार व्यक्ति को मानसिक एवं शारीरिक दोनों तरह से स्वस्थ रखता है। केवल शाकाहारी आहार के सेवन से भी वजन आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
ऊपर के उपाय से फायदा नहीं मिलने का क्या कारण हो सकता है?
अधिकांश मामलों में ये उपाय बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। अगर व्यक्ति वजन के घटने के कारणों को ध्यान में रखता है और उनमें सुधार ना करके वजन को बढ़ाने वाले उपायों का सही तरह से पालन करता है तो वजन में जरूर बढ़ोतरी होती है।
वजन के ना बढ़ने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए
यदि किसी व्यक्ति का वजन अचानक कम होने लगे, और घरेलू उपायों एवं उचित खान-पान अपनाकर भी वजन ना बढ़ रहा हो तो डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। यह किसी रोग का संकेत हो सकता है।
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