बातें गुजरे जमाने की :अमिताभ की सुपर डुपर हिट फिल्म “लावारिस” के आज 43 साल हुए पूरे
अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म लावारिस की 15 अनसुनी और रोचक कहानियां
मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है यह गाना शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने नहीं सुना होगा और अपने जीवन में कभी गुनगुनाया नहीं होगा । बल्कि कई बार तो दूसरो पर इसी गाने को लेकर तंज भी किया होगा । आज उसी फिल्म लावारिस की अनसुनी कहानियां
लावारिस फिल्म रिलीज़ हुई थी 22 मई 1981 को , यानि बीते कल लावारिस को रिलीज़ हुए 43 साल पूरे हो गए। चलिए लावारिस फिल्म से जुड़ी कुछ रोचक कहानियां जानते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको लावारिस फिल्म से जुड़ी हुई है अनसुनी कहानी जरूर पसंद आएगी । ऐसी ही और अनसुनी कहानियां को पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट ( www.khabariprashad.com ) पर बॉलीवुड में विजिट कर सकते हैं ।
1- पुराने ज़माने के दिग्गज अभिनेता डी.के.सप्रू की बेटी प्रीति सप्रू ने लावारिस में चंचल का किरदार निभाया था। फिल्म रिलीज़ होने के बाद प्रीति सप्रू डायरेक्टर प्रकाश मेहरा से बहुत नाराज़ हुई थी। क्योंकि प्रकाश मेहरा ने उनका रोल बहुत ज़्यादा काट दिया था। उन्होंने कई सीन्स शूट किए थे। लेकिन फिल्म जब रिलीज़ हुए तो उनके अधिकतर सीन्स एडिट आउट कर दिए गए थे। प्रीति सप्रू को ये बात अच्छी नहीं लगी थी। उन्होंने कुछ इंटरव्यूज़ में प्रकाश मेहरा की आलोचना की थी।
2- एक्टर सुरेश ओबेरॉय ने लावारिस में राम सिंह का कैरेक्टर निभाया है। जिस वक्त फिल्म की शूटिंग चल रही थी उस वक्त कई लोगों ने प्रकाश मेहरा को सलाह दी थी कि उन्हें सुरेश ओबेरॉय का रोल काफी छोटा कर देना चाहिए। उनका रोल फिल्म में कुछ खास नहीं दे रहा है। यहां तक कि खुद सुरेश ओबेरॉय को भी लगता था कि उनका रोल उतना मजबूत नहीं है जितना कि होना चाहिए था। सुरेश मानते थे कि अगर उनका रोल एडिट भी हो जाए तो कोई फर्क उन पर नहीं पड़ता। लेकिन प्रकाश मेहरा को ये रोल बहुत खास लग रहा था। इसिलिए उन्होंने सुरेश ओबेरॉय का रोल ना तो एडिट किया। और ना ही हटाया।
3- एक्ट्रेस प्रीति सप्रू और सुरेश ओबेरॉय लावारिस में भाई बहन के रोल में दिखाई देते हैं। लेकिन लावारिस के लगभग 9 साल बाद यानि 1990 में आई फिल्म आज का अर्जुन में प्रीति सप्रू और सुरेश ओबेरॉय ने पति-पत्नी का किरदार जिया है। और इत्तेफाक से उस फिल्म में भी अमिताभ बच्चन ही मुख्य हीरो हैं।
4- लावारिस फिल्म का सबसे मशहूर गीत है मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है। ये गीत अमिताभ बच्चन ने रिकॉर्ड किया है और अल्का याज्ञनिक ने भी रिकॉर्ड किया है। जिस वक्त अल्का याज्ञनिक ने ये गीत रिकॉर्ड किया था वो फिल्म इंडस्ट्री में नई-नई ही आई थी। इस गीत से पहले अल्का याज्ञनिक ने तीन-चार गीत ही रिकॉर्ड किए थे। मेरे अंगने में अल्का जी के करियर का पहला गीत है जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर अवॉर्ड का नॉमिनेशन मिला था।
5- एक्ट्रेस पद्मिनी कपिला ने लावारिस में रंजीत की गर्लफ्रेंड का रोल निभाया था। उन दिनों प्रकाश मेहरा और पद्मिनी कपिला के अफेयर की खबरें खूब आती थी। कहा जाता है कि प्रकाश मेहरा ने अपने असिस्टेंट के ज़रिए पद्मिनी कपिला के पास दो रोल्स का ऑफर भिजवाया था। पहला था वो रोल जिसे प्रीति सप्रू ने निभाया था। और दूसरा रंजीत की गर्लफ्रेंड का रोल। पद्मिनी कपिला ने रंजीत की गर्लफ्रेंड का रोल चुना। लेकिन जब फिल्म रिलीज़ हुई तो पद्मिनी कपिला को अहसास हुआ कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई। क्योंकि प्रीति सप्रू वाला रोल ज़्यादा असरदार था। पद्मिनी कपिला ने इसके लिए प्रकाश मेहरा के असिस्टेंट को ज़िम्मेदार ठहराया। पद्मिनी ने कहा था कि प्रकाश मेहरा के असिस्टेंट ने उन्हें दोनों रोल इस तरह से सुनाए थे कि उन्हें रंजीत की गर्लफ्रेंड का रोल ज़्यादा अच्छा लगा था। उन्हें नहीं पता था कि ये रोल प्रीति सप्रू के रोल के सामने कुछ नहीं है।
6- लावारिस इकलौती फिल्म है जिसमें अमिताभ बच्चन और पद्मिनी कपिला स्क्रीन पर एक ही फ्रेम में साथ दिखाई दिए थे। लावारिस के बाद पद्मिनी कपिला ने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म शान में भी काम किया था। लेकिन शान में इन दोनों का कोई दृश्य साथ में नहीं था।
7- लावारिस 1981 की ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। कमाई के मामले में लावारिस उस साल चौथे नंबर पर रही थी। पहले नंबर पर थी मनोज कुमार की क्रांति। दूसरे नंबर पर थी अमिताभ बच्चन की ही नसीब। तीसरे नंबर पर जितेंद्र की मेरी आवाज़ सुनो थी। उस साल अमिताभ की कालिया और याराना 8वें व 9वें नंबर पर रही थी। वैसे कुछ लिस्टों में ये दावा भी किया जाता है कि लावारिस 1981 की दूसरी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी।
8- लावारिस का एक और लोकप्रिय गीत था अपनी तो जैसे-तैसे कट जाएगी। इस गीत में एक लाइन है ‘आप भी मेरी तरह इंसान की औलाद हो।’ लावारिस के कुछ साल बाद प्रकाश मेहरा ने एक फिल्म अनाउंस की थी जिसका नाम था इंसान की औलाद। उस फिल्म में संजीव कुमार व मनोज कुमार के पुत्र कुणाल गोस्वामी मुख्य किरदार निभाने वाले थे। लेकिन वो फिल्म कभी नहीं बन पाई।
9- लावारिस फिल्म का गीत ‘मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है’ कितना लोकप्रिय हुआ था इसका अंदाज़ा आप ऐसे लगा सकते हैं कि फिल्म कालिया के जिस सीन में अमिताभ बच्चन परवीन बाबी को साड़ी पहनना सिखाते हैं उसमें बैकग्राउंड में मेरे अंगने में गीत की धुन सुनाई देती है।
10- अमजद खान और अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म में पिता-पुत्र का किरदार निभाया था। जबकी उनकी उम्र में मात्र 2 बरस का अंतर है। लावारिस दूसरी ऐसी फिल्म है जिसमें अमजद खान ने ऐसा कैरेक्टर प्ले किया है जो अमिताभ की मां को छोड़ देता है। इससे पहले 1979 में आई फिल्म सुहाग में भी अमजद खान का किरदार अमिताभ की मां को छोड़ देता है। उस फिल्म में अमिताभ की मां का रोल एक्ट्रेस निरूपा रॉय ने निभाया था।
11- लावारिस की अधिकतर शूटिंग कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुई थी। लगभग 75 प्रतिशत शूटिंग कंप्लीट करने के बाद प्रकाश मेहरा काफी बीमार पड़ गए थे। उन्हें मुंबई वापस लौटना पड़ा था। लौटने से पहले वो अमजद खान को फिल्म की बाकी शूटिंग कंप्लीट करने की ज़िम्मेदारी सौंप कर आए थे। इस तरह लावारिस के निर्देशन में अमजद खान का भी अनक्रेडिटिड योगदान है। अमजद खान ने प्रकाश मेहरा के असिस्टेंट राम सेठी के साथ मिलकर शूटिंग पूरी की थी।
12- लावारिस पहली फिल्म थी जिसमें राखी जी ने अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया था। हालांकि इस फिल्म में इन दोनों का कोई दृश्य साथ में नहीं है। लावारिस के बाद शक्ति में राखी जी एक दफा फिर से अमिताभ की मां के किरदार में दिखी थी। शक्ति में इनके काफी सीन्स साथ में हैं। शक्ति में राखी जी ने सिर्फ और सिर्फ इसलिए काम किया था ताकि वो दिलीप कुमार के अपोज़िट काम कर सकें। साल 2001 में आई एक रिश्ता में एक दफा फिर से बच्चन साहब व राखी जी पति-पत्नी के किरदारों में दिखे थे।
13- एक्ट्रेस पद्मिनी कपिला का कहना था कि प्रकाश मेहरा और उनके बीच नज़दीकियां लावारिस फिल्म की शूटिंग के दौरान बढ़ी थी। हालांकि प्रकाश मेहरा से उनकी पहली मुलाकात हुई थी फिल्म आखिरी डाकू की शूटिंग के दौरान। उस वक्त वो प्रकाश मेहरा को ज़रा भी पसंद नहीं करती थी। उन्हें प्रकाश मेहरा का अड़ियल स्वभाव पसंद नहीं था। लेकिन लावारिस के दौरान प्रकाश मेहरा से उनकी काफी बातें हुई और वो प्रकाश मेहरा को पसंद करने लगी। प्रकाश मेहरा ने तभी उन्हें बताया था कि आखिरी डाकू फिल्म के दौरान ही वो पद्मिनी कपिला को पसंद करने लगे थे।
14- लावारिस का संगीत दिया था कल्याणजी-आनंदजी ने। और इसका म्यूज़िक काफी लोकप्रिय हुआ था। अमिताभ बच्चन के सभी गीत किशोर दा ने गाए थे। सिवाय मेरे अंगने को छोड़कर। वो गीत तो अमिताभ ने खुद रिकॉर्ड किया था। लावारिस की म्यूज़िक एल्बम का एलपी रिकॉर्ड खूब सेल हुए थे। जबकि इसके डायलॉग्स का एलपी रिकॉर्ड अलग से रिलीज़ किया गया था। वो भी खूब बिका था।
15- प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई के बीच के कंप्टीशीन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री अच्छी तरह से वाकिफ थी। इन दो बड़े डायरेक्टर्स के बीच अमिताभ बच्चन मुख्य कड़ी थे। दोनों ही डायरेक्टर्स के पसंदीदा अमिताभ बच्चन हुआ करते थे। लावारिस के रिलीज़ होने के बाद मनमोहन देसाई ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि अगर बचपन में बिछड़ने व बाद में मिलने वाला फॉर्मूला खराब है तो प्रकाश मेहरा ने लावारिस में इसे क्यों इस्तेमाल किया? दरअसल, मनमोहन देसाई की फिल्मों की प्रकाश मेहरा खूब आलोचना करते थे। और मनमोहन देसाई उसी फॉर्मूला पर ही अधिकतर फिल्में बनाते थे।
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