सोशल मीडिया या अनसोशल मीडिया : ट्रोलिंग ने छीन ली एक परिवार से खुशियां
प्रेरणा ढिंगरा : ट्रोलिंग से परेशान दो बच्चों की मां ने करी खुदकुशी। चेन्नई मे रहने वाली महिला का जब सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल, तब उसने आत्महत्या करना ही सही समझा। कोयंबटूर के करमादाई पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी ने बताइ यह बात
सोशल मीडिया आजकल एक ऐसा प्लेटफार्म बना हुआ है, जहां एक इंसान को फेम भी खूब मिलता है और बदनामी भी खूब होती है। सोशल मीडिया को आज के जमाने में युवाओं का दोस्त कह सकते हैं, पर अगर यही दोस्ती दुश्मन बन जाए तब क्या होगा? दरअसल, चेन्नई में रहने वाली एक महिला ने इसी सोशल मीडिया की वजह से खुदकुशी कर ली है। उस महिला का बच्चा चौथी मंजिल से गिर गया और फिर रोड पर जाकर लटक गया। बच्चे की जान तो बच गई पर इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इसके बाद महिला को काफी ट्रॉल किया गया। लोगों का कहना था कि महिला अपने बच्चे का ध्यान नहीं रख पाई। खबर है कि वीडियो पर तरह-तरह के कमेंट आ रहे थे, जिससे तंग होकर महिला ने खुद की जान ले ली।
आखिर यह घटना हुई कैसे?
आपको बता दे की जानकारी के अनुसार यह घटना 28 अप्रैल की है। बच्चा अपनी मां की गोद में मां का दूध पी रहा था। दूध पिलाते वक्त महिला की गोद से बच्चा झटक गया और नीचे गिर गया। महिला का पड़ोसी उस समय सब देख रहा था, तभी उसने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी। सोशल मीडिया पर लोगों ने पड़ोसियों की तो प्रशंसा की, लेकिन मां पर सवाल उठाने लगे। मां पर आलोचना करते हुए लापरवाही का आरोप लगाया।
इस घटना से महिला की दिमाग पर असर पढ़ रहा था और वह परेशान रहने लग गई। तनाव के माहौल में महिला अपने पति और बच्चों के साथ दो सप्ताह के लिए मायके चली गई। वहां पर जाकर भी जब उस मां को अपनी परेशानियों का हल नहीं मिला, तब उसने थक कर खुदकुशी कर ली।
सोशल मीडिया क्या है अनसोशल मीडिया
सोशल मीडिया लोगों की जरूरत बन चुका है और यही जरूरत उनके डिप्रेशन का कारण भी बन रहा है। जहां लोगों से बात करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं इसके नुकसान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शोधकर्ताओं का माना है कि आज के समय में लोगों के अंदर डिप्रेशन का सबसे अहम रीजन सोशल मीडिया है। ब्रिटेन में 14 साल की लड़की मौली रसेल की मृत्यु की वजह अदालत ने सोशल मीडिया को माना था। USA के अंदर 10 से 15 साल की आयु के बच्चों की आत्महत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग आजकल आम बात हो गई है। अक्सर किसी न किसी की वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेडिंग होती है, जहां कमेंट में लोग मजाक बनाते हुए नजर आते हैं या किसी व्यक्ति को बुरा भला बोलते हुए देखे जाते हैं। इससे एक आम व्यक्ति की मानसिकता पर गहरा प्रभाव पड़ता है और जिस किसी व्यक्ति की ट्रोलिंग होती है, वह या तो चुप हो जाता है या चिड़चिड़ा रहने लग जाता है। समाज से कटना भी डिप्रेशन का एक इफेक्ट है। ट्रोलिंग से एक व्यक्ति को निराशा, गुस्सा, आहत या तनाव जैसी भावनाओं का अनुभव हो सकता है। ज्यादातर लोग ट्रॉल अपने मनोरंजन के लिए करते हैं। खराब मूड में होना ट्रोल पोस्ट का जवाब ट्रोल पोस्ट से देना यह सभी चीज ऑनलाइन देखी जा सकती है।
आखिर ट्रोलिंग से कैसे अपने मूड को ठीक रखें?
सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां कोई भी व्यक्ति किसी के भी बारे में कुछ भी बोल देता है। ऐसे में व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास का होना जरूरी होता है। अगर कोई व्यक्ति आपको ट्रोल कर रहा है, तो उसकी बातों पर ध्यान ना दे और खुद पर भरोसा रखें।
ज्यादा ट्रॉल करने वाला व्यक्ति आपकी अटेंशन चाहता है, ऐसे लोगों को ब्लॉक कर दें। यह सिर्फ आप अपने अकाउंट से नहीं बल्कि दिमाग से भी ब्लॉक कर दे।
ट्रोलिंग के लिए क्या है सजा का प्रावधान?
सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा, धमकी या मजाक उड़ना अपराध है। इसके लिए कानून में सजा का प्रावधान भी है। यह सब साइबर क्राइम माना गया है, जिस किसी भी व्यक्ति के दिमाग पर खराब असर पड़ सकता है। वह व्यक्ति रोलिंग करने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में सबूत के साथ शिकायत दर्ज करवा सकता है ।
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