शक मैं पति ने लगा दिया पत्नी के प्राइवेट पार्ट पर ताला, जानिए पूरा मामला
प्रेरणा ढींगरा : पति ही जब जान का दुश्मन बन जाए तो कैसा होगा? हैवानियत में कोई इंसान किस हद तक जा सकता है, इस बात का पता महाराष्ट्र के इस मामले से पता चला। दरिंदगी उस हद तक करी की खुद की पत्नी के प्राइवेट पार्ट पर शक होने की वजह से लगा दिया ताला। खून से लतपत पत्नी ने केस दर्ज करवाया।
आपको बता दे की एक खबर महाराष्ट्र के पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ शेर के वाकड़ इलाके से सामने आ रही है, जिसने सबके होश उड़ा दिए। मामला इतना हैरान कर देने वाला है कि लोगों को सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाए। शक जिससे अक्सर अच्छे-अच्छे रिश्तों की नीव टूट जाती है, उस शक में कोई इंसान किस हद तक जा सकता है कि अपनी ही पत्नी के प्राइवेट पार्ट में कील ठोकर ताला लगा दे। दर्द से छटपटा रही पत्नी लेकिन पति ने एक भी ना सुनी और लगातार उसे पिटता रहा।
आखिर क्या है पूरा मामला?
पति उपेंद्र बलबहादुर होडके की उम्र 30 साल है। नेपाल का रहने वाला उपेंद्र वाकड़ इलाके की एक बिल्डिंग में सिक्योरिटी गार्ड का काम किया करता है। वही पत्नी की उम्र 28 वर्ष बताई जा रही है। इस शादीशुदा जोड़े के बीच विवाद रोजाना होता था। दरअसल, पति को पत्नी पर शक था कि उसका किसी और के साथ अफेयर चल रहा है। इसी कारण आए दिन दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा होता और उपेंद्र उस महिला को पिटता था।
11 मई के दिन सारी हदें पार हो गई। पति ने पत्नी के प्राइवेट पार्ट में दो लोहे की कील ठोक दी और फिर उसी जगह पीतल का ताला लगा दिया। पत्नी पूरी तरीके से खून मे थी पर फिर भी पति लगातार मारता गया। इसके बाद महिला को परिवार अस्पताल लेकर गई और महिला ने अपने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। डॉक्टर के मुताबिक, पत्नी के शरीर में गहरी चोटें लगी हुई है। फिलहाल महिला का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
पुलिस में की शिकायत
हदें पार होने के बाद महिला ने पुलिस में FIR दर्ज करवाई और पति को भारतीय दंड सहित 326 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या साधनों से गंभीर चोट पहुंचाना), 506 (2) (आपराधिक धमकी), और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज करवाया गया।
भारत में अक्सर महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती है। उनमें से कई महिलाएं तो पति की मार सहकर चुप हो जाती है और कई महिलाएं अपने हक के लिए आवाज उठाती है। भारत में जहां स्त्री को एक थप्पड़ मारना भी कानूनी जुर्म है, वही ऐसा अपराध तो कोई मानसिक रोगी ही कर सकता है।
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