10 दवाइयां में निकला हानिकारक केमिकल, बच्चों के 6 सिरप भी है इसमें शामिल
प्रेरणा ढींगरा : भारतीय मसाले के बाद अब दवाइयों की बारी आ गई है। एवरेस्ट और एमडीएच मसाले में मिले केमिकल की खबर तो सामने आ ही गई थी पर अब भारत की 10 दवाइयों में जानलेवा केमिकल पाया गया है। इसमें बच्चों को देने वाला सिरप भी शामिल है।
आपको बता दें की कई जानलेवा दवाइयां भारत में बेची जा रही है। जान बचाने की जगह जान लेने का काम करने वाली 10 दवाइयों में से 6 दवाइयां तो बच्चों को देने वाली सिरप ही है। इस बात का आरोप जीतू पटवारी द्वारा लगाया गया है, उनका कहना है कि पिछले 7 महीना में जानलेवा केमिकल मिले होने के 10 मामले सामने आ चुके हैं। दवाओं कि जांच में डाई -एथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया है, जो की जानलेवा केमिकल है। हालांकि, मध्य प्रदेश के ड्रग इंस्पेक्टर धर्मशील कुशवाहा का कहना है कि डाई-एथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल जलने का केमिकल नहीं है। इसे इंटीग्रेटर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
जाने कौन सी बच्चों की दवाइयां में मिला है केमिकल
10 में से 6 बच्चों दवाइयां जो की कफ सिरप है, उनमें यह केमिकल पाया गया है। इसमें कोफवोन एलएस, ग्वाइफेनेसिन सिरप-100, ग्वाइफेनेसिन, सिलप्रो प्लस और कोल्ड आउट के दो बैज शामिल है। 2023 से 2024 में सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन द्वारा की गई जांच में यह नतीजा पाया गया है। इस केमिकल द्वारा करीब एक दो साल में उज़्बेकिस्तान, कैमरून जैसे और कई देशों में करीब 140 ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।
जीतू पटवारी ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र पटवारी ने एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि “देश में कई ऐसी दवाएं बिक रही हैं, जो जान तक ले सकती हैं! सात महीनों में 10 दवाओं की जांच में जानलेवा केमिकल डाई-एथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकोल (ईजी) मिला है! चिंताजनक ये है कि इन 10 दवाओं में 6 कफ सिरप बच्चों के हैं! सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने अगस्त 2023 से फरवरी 2024 के बीच की गई जांचों में ये नतीजे निकाले हैं! मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए हुआ यह खुलासा देश के लाखों-करोड़ों परिवारों की नींद उड़ाने के लिए पर्याप्त है!”
आगे बढ़ते हुए जीतू पटवारी ने लिखा कि “नरेंद्र मोदी जी, बताया जा रहा है ये वही घातक केमिकल हैं, जिससे 1-2 साल में गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून सहित कई देशों में 140 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है! क्या देश में अब सरकार और व्यवस्था जैसे शब्दों का मतलब पूरी तरह से बदल गया है या फिर @BJP4India सरकार ने आंखें बंद कर ली हैं! जन-जन यह जानना चाहता है?”
फार्मा कंपनी के सैंपल हुए फेल
सीडीएससीओ माय 2023 में टेस्टिंग के बाद सभी कफ सिरप की लैब टेस्टिंग अनिवार्य कर दी थी। 2023 में जून से अक्टूबर यानी करीब 5 महीना में 54 फार्मा कंपनियों के सैंपल फेल हो चुके थे।
साइड इफेक्ट दवाओं का
खतरनाक केमिकल वाली दवाई लेने के बाद एक व्यक्ति को तीन से चार दिन में इसके साइड इफेक्ट दिखना शुरू हो जाते हैं। बच्चों की बात करें तो इनमें डायरिया जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
जरा सोचिए जब किसी बच्चों को खांसी या जुकाम होता है, तब उन्हें राहत पहुंचाने के लिए सिरप दी जाती है। लेकिन, अगर यही दवाई किसी की मौत का कारण बन जाए तो क्या होगा। ऐसी खबर के बाद कई सारे सवाल उठते हैं की अगर इन दवाइयां में हानिकारक केमिकल है, तो यह दवाइयां मार्केट में उपलब्ध क्यों है? और आखिर इन सब के पीछे किसकी गलती है?
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