पूरा परिवार रातों-रात हो गया खत्म, खौफनाक कत्ल के पीछे की कहानी
एक घर में हुआ 6 लोगों का कत्ल। मामले की गुत्थी सुलझाने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कहानी को वापस घुमा दिया। एक साथ एक ही परिवार के 6 लोगों की हो गई मौत। पूरा परिवार चंद घंटे में खत्म हो गया। पुलिस की तहकीकात अभी भी चालू है और कई सारे राज खुलने बाकी है।
खबरी प्रशाद दिल्ली प्रेरणा ढिंगरा
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के पाल्हापुर गांव में 6 लोगों की एक ही दिन में मौत हो जाती है। मोकाये वारदात पर जब पुलिस पहुंचती है, तब वह अपनी सोच से मामले को सुलझाने की कोशिश करती है। उन्होंने यह मामला सुलझा ही लिया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सबको चौंका के रख दिया। अभी तक पुलिस को यह केस काफी सीधा नजर आ रहा था, पर अब यह मामला और भी पेचीदा होता हुआ नजर आ रहा है।
जानिए पूरा मामला क्या है
दरअसल, 11 मई सोमवार का दिन था जब उत्तर प्रदेश के गांव में दिल दहला देने वाली घटना होती है। एक पूरे परिवार का कत्ल हो जाता है। उस परिवार में मां, बहु बेटा और उनके तीन बच्चे यानी कुल मिलाकर 6 लोग रहा करते थे। जब पूछताछ हुई तब पुलिस ने यह बताया कि पहले ऐसा लग रहा था की बेटे ने सबको मारके खुदकुशी कर ली। यानी पहले पुलिस को सिर्फ पांच लोगों की कत्ल का केस लगता था।
रिश्तेदारों से लेकर पड़ोसियों ने भी इस कहानी को सच मान लिया था। लेकिन, जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तब कहानी ने एक नया मोड़ लिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा क्या था?
पहले हर कोई इस कतल के पीछे घर के बेटे को दोषी मानता था। पुलिस का कहना था कि घर का बेटा पागल है और उसने इसी पागलपन में आकर सबको जान से मार दिया और खुद भी खुदकुशी कर ली। 24 घंटे बाद जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तब उसमें लिखा हुआ था कि लड़के के सर पर एक नहीं बल्कि दो दो गोलियां लगी थी और उसके सिर पर हथौड़े से मारने के निशान भी थे। फिर सवाल उठने लगे कि क्या कोई व्यक्ति अपने ही सर में दो गोलियां मार सकता है? या उसके सर पर हथौड़े से किसने मारा?
बेरहमी से हुआ कत्ल
कत्ल कुछ इस तरीके से हुआ की तीन छोटे-छोटे बच्चे घर के बाहर खुली जगह पर तड़प रहे थे। उनमें 12 साल की एक बच्ची आरना, 8 साल का उसका छोटा भाई आद्विक और 7 साल की उसकी छोटी बहन अरवी शामिल थी। इनका स्व खून से लतपत था। जब गांव वालों ने उन्हें देखा तो आंखों से आंसू आ गए। तीनों ही बच्चों के हाथ पांव टूटे हुए थे। जब पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे तब उन्होंने देखा की हालत तो और भी खराब है। घर के अंदर अनुराग सिंह, उसकी बीवी प्रियंका की और अनुराग की 65 साल की बुजुर्ग मां सावित्री कि लाश मिली।
10 मई से लेकर 11 मई कि रात इस परिवार के लिए काफी खौफनाक थी। सबके मन में एक अहम सवाल अभी तक चल रहा है कि उस रात इस परिवार के साथ ऐसा क्या हुआ? सवाल इतने पर जवाब एक भी नहीं। आखिर मासूम बच्चों को दूसरी मंजिल से नीचे क्यों फेंक दिया गया? जिस मामले को पहले पांच लोगों की कत्ल और एक इंसान की खुदकुशी का बताया जा रहा था अब छह लोगों के कत्ल का बन गया था।
आखिर यह खौफनाक कत्ल किसने किया?
इतना बड़ा हादसा हो गया लेकिन आस पड़ोस के लोगों को इस बात की भनक तक क्यों नहीं लगी? लोगों के पहुंचने तक एक बच्चे की सांस चल रही थी, पर उसने भी अस्पताल तक आते-आते अपना दम तोड़ दिया। मां को तो कमरे के अंदर ही मार दिया गया था, अनुराग की बीवी प्रियंका की लाश पहली मंजिल के बरामदे में मिली और अनुराग की लाश पहले मंचल के कमरे में मिली।
आखिर किसने मारा इस पूरे परिवार को? इस बात का जवाब लखनऊ में रहने वाले अनुराग के साले अंकित यानी प्रियंका के भाई ने दिया। उनका कहना है कि इस कत्ल को अंजाम अनुराग के छोटे भाई अजीत ने दिया। अंकित ने बताया कि जायदाद के लालच में आकर अजीत ने यह करा। अंकित ने लिखित में पुलिस को तहकीकात के लिए कहां है और उन्होंने दावा किया है कि इस साजिश के पीछे कई लोगों का हाथ है। यह भी सच है कि जब बच्चों को अस्पताल ले जाने की बारी आई तब उन्हीं के चाचा यानी अजीत ने अपनी गाड़ी देने से मना कर दिया।
परिवार के बारे में मिली जानकारी
अनुराग गांव में ही 100 बीघा जमीन पर खेती किया करता था। प्रियंका एक इंश्योरेंस कंपनी में काम किया करती थी। लखनऊ के अंदर प्रियंका ने एक प्लॉट ले रखा था और वही उसके बच्चे भी रहा करते थे। प्रियंका अक्सर अपने पति के पास गांव में बच्चों को लेकर आया करती थी। अनुराग का भाई अजीत गांव में ही घर के पास रहा करता है। पहले पूछताछ में अजीत ने बताया कि उसका भाई नौकरी ना होने की वजह से काफी परेशान रहा करता था और उसकी पत्नी प्रियंका से भी अक्सर उसकी लड़ाई रहा करती।
फिलहाल सच खुलकर सामने नहीं आया है कि इस वारदात के पीछे का मकसद क्या है और आखिर किसने इस घटना को अंजाम दिया है? पुलिस अभी भी छानबीन में लगी हुई है।
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