नॉर्थ इंडिया के राज्यों में भाजपा को मुश्किलें , 2019 का रिकॉर्ड दोहराना मुश्किल
यूवा , किसान और जवान कर रहे हैं भाजपा का विरोध
नॉर्थ इंडिया में 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपना परचम लहराया था , परंतु 2024 आते-आते ऐसा क्या हो गया कि भारतीय जनता पार्टी की स्थिति लोकसभा चुनाव 2024 में नॉर्थ इंडिया के राज्यों में खराब नजर आ रही है । जबकि भारतीय जनता पार्टी का दावा है अबकी बार 400 पार । परंतु जो 400 पार वाली हवा है ऐसा लगता है कि नॉर्थ इंडिया के राज्यों में 400 पार वाली हवा की हवा निकल चुकी है , शहर हो या गांव कहीं पर भी ऐसी कोई भी लहर नजर नहीं आ रही जो यह कह सके कि भारतीय जनता पार्टी 2019 का प्रदर्शन दोहराने जा रही है । और न सिर्फ दोहराने की बात हो रही है बल्कि उस प्रदर्शन से बेहतरीन प्रदर्शन करना पड़ेगा अगर 400 सीट का आंकड़ा पूरा करना है तो ।
कौन-कौन से राज्य आते हैं नॉर्थ इंडिया में
नॉर्थ इंडिया में हमारी टीम ने दिल्ली , हरियाणा , पंजाब और हिमाचल के साथ केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ को चुना है । इन सभी राज्यों में छठवें और सातवें दौर में मतदान होना है । छठवें दौर में 25 मई को दिल्ली और हरियाणा में मतदान होगा । जबकि सातवें दौर 1 जून को पंजाब , चंडीगढ़ और हिमाचल में मतदान होगा ।
2019 के चुनाव में इन राज्यों में से कितनी सीट थी और कितनी बीजेपी को मिली थी
अगर बात 2019 की करी जाए तो दिल्ली में सात लोकसभा सीट थी हरियाणा में 10 लोकसभा सीट थी पंजाब में 13 चंडीगढ़ में एक और हिमाचल में चार लोकसभा सीट थी । और 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की सात , हरियाणा की 10 , चंडीगढ़ की एक , हिमाचल की सभी चार सीटों पर फतह हासिल की थी जबकि पंजाब में भारतीय जनता पार्टी के कोटे में दो सीट आई थी । कोटा शब्द इसलिए क्योंकि 2019 में भाजपा का और शिरोमणि अकाली दल का पंजाब में गठबंधन था मगर 2024 में दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं ।
वजह क्या है जो भाजपा की स्थिति हो रही है नॉर्थ इंडिया में खराब
2019 से 2024 के सफर में भारतीय जनता पार्टी को नॉर्थ इंडिया में कई ऐसे मामले का सामना करना पड़ा हैं जो कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं । सबसे बड़ा तो किसान आंदोलन है जिसकी वजह से भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ता गांव में प्रचार नहीं कर पा रहे । जैसे ही भाजपा के नेता गांव का रुख करते हैं तो वहां पर उनको किसने के विरोध का सामना करना पड़ रहा है । और अब तो अग्नि वीर योजना को लेकर सैनिक भी खुले तौर पर बड़े नेताओं और मंत्रियों के साथ-साथ उम्मीदवारों से सवाल करने लगे हैं । बढ़ती महंगाई , बेरोजगारी , पेपर लीक जैसे मामले भाजपा के लिए भारी पड़ रहे हैं । वही चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में आठ वोटो का मसला भी कहीं ना कहीं शहरी इलाके में भारी पड़ रहा है । गाहे बगाहे लोग चंडीगढ़ मेयर चुनाव के आठ वोटो की बात की भी चर्चा कर ही लेते हैं । और उसके बाद में हिमाचल में जिस तरीके से राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई उसके बाद में नेताओं को इधर से उधर किया गया उसका असर भी कहीं ना कहीं मतदाताओं पर पड़ा है जिसकी वजह से भी हिमाचल के क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है । अलग-अलग राज्यों में परिस्थितियों अलग हो सकती हैं पर एक स्थिति उम्मीदवारों के साथ एक जैसी है कि विरोध का सामना भाजपा के उम्मीदवारों को करना पड़ रहा है ।
तो क्या 400 पार के रथ में ब्रेक नॉर्थ इंडिया से ही लगेगा
इस बात को लेकर जब हमने राजनीति के जानकार और हरियाणा पंजाब के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सोनी से बात की तो उनका कहना था निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी 400 पार का आंकड़ा के आसपास भी नहीं फटकने जा रही है । अनिल सोनी का मानना है की 2019 के चुनाव में नॉर्थ इंडिया के इन राज्यों में 35 सीट में से 24 सीट पर फतह हासिल हुई थी । अगर परसेंटेज की बात की जाए तो तकरीबन यह 70% होता है । पर 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी लगभग इन्हीं राज्यों में 10 सीट के आसपास ही जीत पाने की संभावना उनको नजर आती है ।
उनका मानना है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता इस समय अति आत्मविश्वास में घूम रहे हैं और उसी का नतीजा है कि भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी ।
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