गर्ल्स हॉस्टल में पकड़ा गया एमएमएस कांड, 900 लड़कियों की निजी तस्वीर और वीडियो खींची गई
पुणे की एक यूनिवर्सिटी में हुई दरिंदगी की हदें पार
विद्यालय को बनाया अश्लीलता का अड्डा
खबरी प्रशाद दिल्ली प्रेरणा ढिंगरा
गर्ल्स हॉस्टल में पकड़ा गया एमएमएस कांड , 900 लड़कियों की भेजी गई अश्लील वीडियो। चोरी चुपके निजी तस्वीर खींच बॉयफ्रेंड को भेजी जाती थी। मामला सामने आते ही छात्रा को यूनिवर्सिटी से निकला गया।
आपको बता दे की पुणे में सीओईपी टेक यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में एमएमएस कांड पकड़ा गया है। आरोप है कि विश्वविद्यालय की एक छात्रा चोरी छुपे बाकी लड़कियों की तस्वीर खींचा करती थी, वीडियो बनाया करती थी और इसके बाद अपने ही प्रेमी को भेजती थी। जब फोन की तलाशी ली गई तब पता चला कि 900 लड़कियां इस दरिंदगी की शिकार बनी है। जैसे ही संस्था को पता चला उन्होंने उस लड़की को कॉलेज से निकाल दिया।
900 न्यूड फोटो और वीडियो का पूरा मामला
विश्वविद्यालय की एक छात्रा काफी समय से वीडियो और फोटोस का यह खेल खेलती थी। कई समय तक किसी को भी इस बात की भनक नहीं लगी। लेकिन कुछ समय बाद 1 मई की रात उस लड़की को हॉस्टल की दूसरी लड़कियों ने फोटोस और वीडियो बनाते हुए देख लिया। जब इस बात की जानकारी उन्होंने विश्वविद्यालय को दी तब उन्होंने उच्च स्तरीय आंतरिक जांच समिति बनाई। अब यह जांच समिति अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को देगा। तब तक के लिए उस लड़की को कॉलेज से निकाल दिया गया है।
हालांकि इस बात का अब तक नहीं पता चला की लड़की इस तरीके की घटिया हरकत क्यों किया करती थी और उसका बॉयफ्रेंड इन वीडियो को क्यों मांगा करता था। पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही मामले का पता चलेगा।
शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि आईपीसी की धारा 354-सी और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामला दबाया
वहां की छात्राओं का कहना है की यूनिवर्सिटी इस मामले को लगातार दबाने की कोशिश कर रही है। छात्राओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस मामले को सब तक पहुंचने की कोशिश की। हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि वह किसी भी तरीके की कोई गलती नहीं करना चाहती पर उन्होंने उस छात्रा को कॉलेज से निकाल दिया है।
बिना इजाजत के निजी तस्वीर खींचना है जुर्म
बिना किसी व्यक्ति की अनुमति के उसकी निजी तस्वीर खींचने पर हो सकती है जेल। IPC की धारा 354C में इस अपराध को लेकर सजा का प्रावधान है। इस धारा में साफ कहा गया है की कोई महिला अगर अपना निजी काम कर रही है तो उस समय उसको देखना या उसकी तस्वीर खींचना कानून की नजरों में जुर्म माना गया है। पहली बार अगर कोई व्यक्ति ऐसा करते हुए पकड़ा गया तो उसे 3 साल तक की सजा मिलेगी और वहीं दूसरी बार दोषी करार होने पर उसे तीन से सात साल तक की सजा मिल सकती है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुआ था एमएमएस कांड
ऐसा ही एक मामला 2022 में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का सामने आया था। जहां गर्ल्स हॉस्टल में एक छात्रा चुपके से नहाते हुए लड़कियों की वीडियो बनाया करती थी और उसे बाद मे वायरल कर देती थी। इसकी शिकार करीब 60 महिलाएं हुई थी।
इस रेकिट में युवती का साथ उसका बॉयफ्रेंड भी शामिल था। पुलिस ने बॉयफ्रेंड और युवती समेत दो अन्य युवक को गिरफ्तार किया था। उस समय गिरफ्तार युवक के पास चार मोबाइल बरामद हुए।
क्या करें जब कॉलेज या विश्वविद्यालय में ऐसी घटना होने लगे।
माता-पिता अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अपने से दूर उन्हें हॉस्टल या कॉलेज में भेजा करते हैं और यहां जाकर उनकी सुरक्षा कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय या कॉलेज की जिम्मेदारी बन जाती है। तो क्या यह कहना सही होगा ऐसे कांडों में विश्वविद्यालय या कॉलेज अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं?
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