क्या बृजभूषण की टिकट काटने में पश्चिम बंगाल और कर्नाटक कांड ने भूमिका निभाई ?
बारात तैयार है बस दूल्हे का इंतजार है । परंतु 2 मई की शाम को दूल्हा इंतजार ही करता रह गया । और बारात सज भी गई : 22 अप्रैल को दिल्ली से वापसी के बाद मीडिया कर्मियों से बृजभूषण शरण सिंह
दबदबा बना रहे इसलिए दिलवाई बेटे को टिकट सूत्रों के अनुसार वरना भाजपा किसी और को देने की थी इच्छुक
रीतेश माहेश्वरी
उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह की टिकट काटकर उनके बेटे को दे दी गई । जबकि 22 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह जब दिल्ली से टिकट मिलने का भरोसा लेकर वापस अयोध्या एयरपोर्ट पर उतरे थे तब उनके चेहरे पर जो रौनक थी वह यह बता रही थी की टिकट तो फाइनल हो चुकी है । बस सिर्फ हरी झंडी का इंतजार है । उस समय बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया कर्मियों से कहा था , बारात तैयार है बस दूल्हे का इंतजार है । परंतु 2 मई की शाम को दूल्हा इंतजार ही करता रह गया । और बारात सज भी गई
परंतु इन 10 दिनों में ऐसा क्या हो गया कि जो दूल्हा बारात में घोड़ी चढ़ने को तैयार था उसे अचानक घोड़ी पर से उतार दिया गया और दूल्हा किसी और को बना दिया गया सिलसिलेवार समझते हैं आपको ।
दरअसल प्रधानमंत्री 26 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में थे , और वहां पर प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुएलकहा
‘मां-माटी-मानुष का ढोल पीटने वाली TMC ने संदेशखाली की बहनों के साथ जो किया, वो देखकर आज पूरा देश दुखी है, आक्रोशित है। यहां आरोपियों को बचाने के लिए जो किया जा सकता था वो किया गया। BJP के लोगों ने महिलाओं के लिए लाठियां खाईं। माताओं-बहनों के साथ जो हुआ उसका बदला आप लेंगे या नहीं, क्या कुछ लोगों का वोट इन महिलाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। आपको शर्म आनी चाहिए।’
दरअसल महिलाओं के सम्मान में पश्चिम बंगाल में मोदी का बोला गया यह भाषण नॉर्थ इंडिया के लिए भी उतना ही लागू होता था जितना पश्चिम बंगाल के लिए। ऐसे में अगर भाजपा बृजभूषण को टिकट देती तो उत्तर प्रदेश, हरियाणा में एक बार फिर यौन शोषण का मुद्दा खड़ा हो जाता। इससे पार्टी की नारी शक्ति बचाओ वाली छवि पर दाग पड़ता।
और आग में घी का काम किया कर्नाटक के एनडीए उम्मीदवार के अश्लील वीडियो ने
संदेश खाली की घटना का आप तो तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर था । और वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महिलाओं के सम्मान हेतु जबरदस्त भाषण दिया था । परंतु कर्नाटक में एनडीए प्रत्याशी का अश्लील वीडियो रैकेट जब सामने आया, तब पार्टी बैकफुट पर आ गई , और उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण सीट पर समीकरण बदल गए ।
कर्नाटक के हासन से एनडीए उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज हो गई। पार्टी ने उन्हें जांच होने तक पद से हटा दिया। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को बड़ा मुद्दा बना दिया। खुद राहुल गांधी ने यह बयान दिया कि प्रधानमंत्री मास रेपिस्ट का प्रचार कर रहे हैं। दरअसल, नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को मैसूर रैली में थे और उस रैली में प्रज्वल रेवन्ना भी मौजूद थे। इस कांड के बाद से दिल्ली तक बीजेपी बैकफुट पर दिखाई दी। कर्नाटक वाले मामले पर भारतीय जनता पार्टी के किसी भी बड़े नेता ने बयान भी नहीं दिया हालांकि अमित शाह की तरफ से यह जरूर कहा गया कि अगर वह दोषी है तो उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए मगर यह मामला कांग्रेस की सरकार में हुआ है और कांग्रेस की सरकार को देखना चाहिए कि आखिर यह मामला हुआ और उसका वीडियो चुनाव के टाइम ही क्यों रिलीज किया गया ।
अब अगर ऐसी स्थिति में भाजपा बृजभूषण पर दाव खेलती तो इस मुद्दे को तुरंत कर्नाटक से जोड़ दिया जाता। इसलिए भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल को ही बृजभूषण को टिकट न देने का फैसला कर लिया गया था। पर इतने दिन तो उन्हें मनाने में लग गए। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि भाजपा ने बृजभूषण को यह कह दिया था कि आप अपने किसी करीबी को टिकट दिलवाने चाहे तो दिलवा सकते हैं परंतु बृजभूषण शरण सिंह ने अपने घर में ही सीट को रखना जरूरी समझा और अपने बेटे को टिकट मन मारकर दिलवा दी । ताकि दबदबा पूरी तरीके से बना ही रहे ।
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