मोहन राज मे ना गुरुकुल मे और न ही स्कूल मे बच्चे बच्चियां सुरक्षित
आश्रम से लेकर स्कूल में भी बच्चे सुरक्षित नहीं है, क्या होता है जब गुरु ही बन जाए सबसे बड़े दुश्मन
मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक खबर आई है। जिसमें उज्जैन के एक आश्रम में बच्चों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। आचार्य और सेवादार पर लगा है आरोप ।
जहां भारतीय संस्कृति में गुरुओं को माता-पिता से भी ऊपर का दर्जा दिया जाता है, वहां ऐसी बात सामने आई है जिसने सबके रोंगटे खड़े कर दिए। आपको बता दे की उज्जैन के महाकाल थाना क्षेत्र अंतर्गत दांडी आश्रम के अंदर एक आचार्य और एक सेवादार पर गंभीर आरोप लगाया गया है। आचार्य का नाम राहुल शर्मा और सेवादार का नाम अजय बताया गया है। जिनमें से आचार्य को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन सेवादार की तलाशी अभी पुलिस को है।
नाबालिक बच्चों के साथ बलात्कार का आरोप
दरअसल, आश्रम में नाबालिग बच्चे कर्मकांड और वेद पाठ सीखने आए थे, लेकिन आचार्य ने शिक्षा देने की बजाय उनका यौन शोषण कर दिया। राजगढ़ जिले के 14 साल के किशोर की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया। असम के 19 बच्चों ने इस मामले की शिकायत की है पर पुलिस ने अब तक सिर्फ तीन बच्चों का मेडिकल करवाया और इन तीनों बच्चों में से एक के माता-पिता ने अपने हाथ पीछे कर लिए हैं। उनके माता-पिता का क्या नाम है कि वह कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाना चाहते।
सूत्रों से ऐसी भी खबर सामने आ रही है कि 19 बच्चों के साथ यौन शोषण किया गया है, पर इस बात का कोई पुख्ता सबूत अब तक नहीं मिला है। बच्चों ने पुलिस से बातचीत के दौरान बताया कि किस तरह आचार्य और सेवादार रात के समय कमरे में बुलाकर जोर जबरदस्ती के साथ गलत काम किया करते थे और किस तरह बच्चों को बहला फुसलाकर उनका यौन शोषण किया जाता था।
आचार्य राहुल शर्मा ने बचाई एक बच्ची की जान
हैरान करने वाली बात तो यह है कि जिस आचार्य का नाम दुष्कर्म के आरोप में उछल के सामने आया है, उसने करीब 7 महीना पहले एक बच्ची के साथ बलात्कार होने पर आवाज उठाई थी। जब आचार्य ने बच्ची को आश्रम के बाहर अर्धनग्न अवस्था मैं देखा तो उसे कपड़े से ढक दिया और तुरंत पुलिस को सूचना दी और अब उन्हीं के ऊपर दुष्कर्म का आरोप लगा है।
दुष्कर्म का मामला भोपाल का भी
बच्चों के साथ बलात्कार या दुष्कर्म का मामला मध्य प्रदेश के भोपाल से भी सामने आया है, जिसमें एक 8 साल की मासूम बच्ची के साथ हॉस्टल के अंदर दुष्कर्म कर गया।
खबर सामने आई है कि बच्ची के खाने में कुछ नशीली दवा मिलाकर इस अपराध को अंजाम दिया गया। बच्ची को जब होश आया तब उसने देखा कि एक लड़का उसके साथ गलत काम कर रहा था तो वहीं पास में एक लड़का खड़ा हुआ था। मंगलवार के दिन धारा 376 और पास्को एक्ट के तहत पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
बच्ची ने बताई उसके साथ हुआ रेप
बच्ची ने अपनी मां से बात करते हुए कहा कि “हेलो! मम्मी आप आ जाओ यहां, दाढ़ी वाले अंकल और एक और ने मेरे साथ गंदी हरकत की है”। जब बच्चे की मां वहां पहुंची तब बच्ची उनसे गले लग कर रोने लगी।
जिस स्कूल में बच्ची के माता-पिता उसे उज्जवल भविष्य के लिए छोड़ कर गए थे उन्हें क्या पता था कि वहां पर ही वह हैवानियत का शिकार बन जाएगी। 15 दिन पहले ही बच्ची को माता-पिता ने स्कूल में छोड़ा था। घटना वैसे तो 4 से 5 दिन पुरानी है पर जिसने भी सुना उसकी इंसानियत से ही विश्वास उठ गया।
वार्डन ने बच्ची को चुप करवाया
जिस दिन बच्ची के साथ बलात्कार हुआ, उसने उसी दिन अपने माता-पिता से बात करने की जिद कि लेकिन उस वक्त वार्डन ने उसे स्कूल भेज दिया। वार्डन पर बच्ची को धमकाने का आरोप लगाया गया है।
बच्ची ने बताया कि वार्डन ने उसे कहा अगर उसने घटना के बारे में अपने माता-पिता के साथ जिक्र किया तो वह उसकी बात उसके माता-पिता से नहीं करवाएंगे। इसके बाद बच्ची डर गई और उसने चुप रहना ही सही समझा।
अक्सर हम अखबारों में पढ़ते है कि नाबालिक बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में मां-बाप किस पर यकीन करें? स्कूल भेजना तक आज के समय में दुश्वार हो गया है। घरों तक में बच्चे सुरक्षित नहीं है, तब सवाल यह उठता है कि यकीन किस पर किया जाए?
क्या सावधानी बरते जब बच्चो का दाखिला किसी हॉस्टल या गुरुकुल मे करवाए
हर एक माता-पिता चाहता है कि उसके बच्चे अच्छे से अच्छी जगह पर पढ़ाई करें और वह जगह सुरक्षित भी रहे । मगर जिस जगह पर मां-बाप अपने नौ निकालो का दाखिला कर रहे हैं अगर वहां पर कोई अनचाही घटना हो जाए तो बच्चे क्या करें और परिजन क्या करें यह जानना भी बहुत जरूरी है । अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों को इस बात की जानकारी देकर रखें कि किसी अनहोनी स्थिति में उन्हें सबसे पहले क्या करना है ।
बच्चों को बताएं कि
अगर बच्चों के साथ किसी प्रकार का कोई अभद्र व्यवहार होता है , तो सबसे पहले वह चिल्लाए , चिल्लाने से अपराधी में डर बैठता है और वह अपराध की जगह से दूर जाता है ।
पहली बार में ही अगर कोई गलत हरकत करता है तो इसकी शिकायत अधिकारियों तक पहुंचाएं और अपने परिजनों तक तुरंत दें ।
जिस भी शहर में आप अपने बच्चों को छोड़कर जा रहे हैं उसे शहर के प्रमुख अधिकारियों के टेलीफोन नंबर और ईमेल आईडी बच्चों के फोन में या फिर कॉपी में या फिर किसी सुरक्षित जगह पर जरूर लिखें ताकि जरूरत पड़ने पर काम आ सके।
अगर बच्चा आपसे दूर है तो कोशिश करें की हफ्ते में एक बार परिजन जरूर मिलकर आए । इससे बच्चन में हौसला बनता है । और अपराध करने वाले को भी डर बना रहता है ।
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