ऐसे तो दाऊद इब्राहिम भी आकर चुनाव प्रचार शुरू कर देंगे और कहेंगे ,,
नेताओं के जेल से प्रचार करने से छूट देने की याचिका हुई खारिज !
लोकसभा चुनाव में कई दलों के नेताओं के द्वारा चुनाव प्रचार के लिए छूट की मांग की गई थी ताकि वह लोगों के बीच जाकर अपनी पार्टी का प्रचार कर सके मगर कोर्ट ने इस मामले पर सख्त रूप अपनाते हुए कड़ी टिप्पणी की है और कोर्ट का कहना है कि अगर जेल में बंद नेताओं को प्रचार की छूट दी गई तो ऐसे में खूंखार अपराधी भी अपनी पार्टी बनकर प्रचार करने के लिए मैदान में उतर जाएंगे । कोर्ट की हर टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में जेल में बंद है ।
चुनाव प्रचार में छूट को लेकर अदालत ने इस मांग पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा है कि हम चुनाव आयोग को जेल में बंद नेताओं को चुनाव प्रचार की इजाजत का आदेश नहीं दे सकते हैं। क्योंकि ऐसी परमिशन देना बहुत ही रिस्की और खतरनाक होगा। यदि जेल में बंद नेताओं को चुनाव प्रचार की छूट दी जाती है तो खतरनाक अपराधी भी अपनी पार्टी बनाकर चुनाव प्रचार की छूट मांगने लगेंगे ।
यह बात बुधवार को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की बेंच ने जेल में बंद नेताओं को भी चुनाव प्रचार करने की अनुमति मिलने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि ऐसा आदेश हम चुनाव आयोग को नहीं दे सकते हैं, क्योंकि जेल में बंद नेताओं को चुनाव प्रचार की अनुमति देना तो बहुत रिस्की एवं खतरनाक होगा। अदालत ने अर्जी को खारिज करते हुए कहा है कि ऐसी परमिशन देने पर जेल में बंद खतरनाक अपराधी भी चुनाव से पहले अपनी पार्टी बना लेंगे और उसके लिए चुनाव प्रचार हेतु अनुमति देने की मांग करेंगे।
याचिका दाखिल करने वाले अमरजीत गुप्ता के वकील से जस्टिस मनमोहन ने कहा कि ऐसे तो दाऊद इब्राहिम भी अपनी पार्टी बनाकर इलेक्शन में उतरेगा, क्योंकि वह कहेगा मैं दोषी नहीं हूं। हम ऐसे किसी व्यक्ति को चुनाव प्रचार की परमिशन नहीं दे सकते हैं जो किसी भी तरह के मामले को लेकर जेल में बंद है। यदि ऐसे लोगों को चुनाव कैंपेन की परमिशन दी जाती है तो सारे रेपिस्ट एवं हत्या के आरोपी तक आचार संहिता लगने से पहले अपनी पार्टी बना लेंगे और इलेक्शन में कैंपेन करेंगे ।
माननीय कोर्ट का बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद है और लगातार कोर्ट में जमानत की अर्जी के लिए गुहार लगा रहे हैं । उनका कहना है कि हम निर्दोष हैं और हमें सिर्फ राजनीतिक वजह से फसाया गया है ।
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