कुछ तो है मजबूरी, तभी प्रचार से है दूरी
एकला चलो रे की तर्ज पर हो रहा चंडीगढ़ में प्रमुख पार्टियों का चुनाव प्रचार
खबरी प्रशाद, चंडीगढ़ / रीतेश माहेश्वरी
चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव 2024 में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय टंडन और गठबंधन के उम्मीदवार मनीष तिवारी के बीच होने की संभावना है। अगर कोई तीसरा उम्मीदवार दमदारी के साथ प्रदर्शन करेगा तो संभावना त्रिकोणीय मुकाबले की भी हो सकती है। मगर वर्तमान हालात की अगर बात करें तो भाजपा से संजय टंडन और गठबंधन ( कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संयुक्त प्रत्याशी ) से मनीष तिवारी अब तक मैदान में अकेले ही प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं। ना तो भारतीय जनता पार्टी के कोई कद्दावर नेता संजय टंडन के साथ है और कुछ ऐसा ही हाल मनीष तिवारी के साथ चल रहा है। अगर संजय टंडन की बात करें तो वहां पर उनके साथ भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा साथ होते हैं तो लगभग यही स्थिति मनीष तिवारी के साथ है मनीष तिवारी के साथ भी चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष लकी ही साथ नजर आते हैं। जबकि मनीष तिवारी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं मगर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन कागजों में तो है मगर जमीन पर अभी तक नजर नहीं आ रहा। सवाल इस बात का है कि आखिर टिकट मिलने के बाद कांग्रेस में इस्तीफो की झड़ी तो जग जाहिर हो चुकी है, परंतु क्या भाजपा में बिना इस्तीफा दिए ही अंदर खाने कुछ खिचड़ी पक रही है। अगर ऐसा नहीं है तो कहां है अरुण सूद और कहां है सत्येंद्र जैन। 10 साल की सांसद किरण खेर के बारे में तो कहा जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य खराब है जिसकी वजह से उन्होंने प्रचार से दूरी बना रखी है मगर सच्चाई इसके उलट है। सच्चाई तो यह है कि संजय टंडन ही किरण खेर को साथ लेकर नहीं चलना चाहते क्योंकि 10 साल की एंटी इनकंबेंसी भारी पड़ सकती है। आज हमने संजय टंडन और मनीष तिवारी के एकला चलो रे करो प्रचार को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कई नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर बात की कि आखिरकार क्यों नहीं प्रचार के लिए कद्दावर नेताओं के पैर घर से बाहर नहीं निकल रहे। पढ़िए इस व्यक्तिगत बातचीत के प्रमुख बातें जो की सभी नेताओं ने नाम न छापने के लिए कहा तो हम किसी भी नेता का नाम नहीं छाप रहे।
सबसे पहले बात सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की
एकला चलो रे और करें प्रचार, इसी सवाल को लेकर आज हमारी टीम ने भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं से बात की तो एक ही बात निकल कर सामने आई की भले कैमरे के सामने नाराजगी कोई ना दिख रही हो मगर अंदर से सभी नाराज है। सभी के अपने-अपने नाराजगी के कारण है। कोई खुलकर इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं है। मगर गुटबाजी की बात अगर कांग्रेस में खुलकर सामने आ रही है तो भारतीय जनता पार्टी में गुटबाजी परदे के पीछे चल रही है। टिकट के प्रमुख दावेदार पूर्व भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद गुट या फिर सत्येंद्र जैन गुट , माना जा रहा है कि उनके एक इशारे पर कई पार्षदों ने भी टंडन के प्रचार से दूरी बना रखी है। मगर कई नेताओं का यह भी मानना है कि अभी चुनाव में एक लंबा समय है लगभग 30 दिन का वक्त है और धीरे-धीरे सब कुछ पटरी पर आ जाएगा। एक नेता ने तो यह भी कहा कि जिस दिन मोदी जी चंडीगढ़ में अपना दरबार सजाएंगे उसी दिन सभी रूठे हुए अपने आप मान जाएंगे और प्रचार करने उतर जाएंगे और उसी दिन से भारतीय जनता पार्टी के संजय टंडन 2 लाख वोट से भी ज्यादा वोटो से आगे निकल जाएंगे। तो बीजेपी वाले कर रहे हैं सिर्फ अब मोदी जी का इंतजार, इसके बाद हमने रख किया कांग्रेस के नेताओं की तरफ।
कांग्रेस
लोकसभा चुनाव के सबसे प्रमुख दावेदार पूर्व रेल मंत्री और चंडीगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता माने जाने वाले पवन बंसल ने टिकट अनाउंसमेंट के होने के बाद पूरी तरीके से दूरी बना ली है। टिकट मिलने के पहले तो पवन बंसल चंडीगढ़ के लोकल मुद्दों को लेकर बहुत ज्यादा ही एक्टिव नजर आ रहे थे मगर जैसे ही उनका टिकट से नाम काटा तो शायद उन्होंने चंडीगढ़ के स्थानीय मुद्दों से भी अब कन्नी काट ली है। हालांकि पवन बंसल की कुछ फोटो बीते कल हरियाणा में कांग्रेस की सिरसा से प्रत्याशी कुमारी शैलजा के साथ प्रचार करते हुए की वायरल जरूर हुई थी। मगर बंसल साहब ने चंडीगढ़ से पूरी तरीके से दूरी बना ली है और ऊपर से कांग्रेस में पिछले कई दिनों से इस्तीफा की झड़ी लगी हुई है। हर दिन कोई ना कोई कार्यकर्ता इस्तीफा लेकर कांग्रेस दफ्तर पहुंच जाता है या फिर ईमेल से इस्तीफा भेज दिया जाता है। ऐसी स्थिति में मनीष तिवारी के सामने बड़ी विचित्र स्थिति खड़ी हो रखी है कि कहने को तो वह गठबंधन के प्रत्याशी है परंतु उन्हें ना तो साथ कांग्रेस के नेताओं का मिल पा रहा है ना ही आम आदमी पार्टी के नेताओं का जमीन पर मिल रहा है। कांग्रेस के ही पुराने और बड़े नेता ने हमसे कहा कि भारतीय जनता पार्टी में तो मोदी के आने पर रूठे हुए भी मान जाएंगे परंतु कांग्रेस में स्थिति ऐसी नजर नहीं आती की कोई बड़ा नेता आएगा और रूठे हुए नेता मान जाएंगे। और सबसे बड़ी बात है कि अब तक आम आदमी पार्टी का साथ जमीन पर नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में मनीष तिवारी सिर्फ चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लकी के साथ ही प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं। अगर कहा जाए तो साथ चलने वाले बड़े नेताओं की कमी मनीष तिवारी को भी अखर रही है।
सोशल मीडिया पर मनीष तिवारी का संजय टंडन को चैलेंज पब्लिक प्लेस पर कर लो डिबेट
कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय टंडन को खुला न्योता दिया है कि जब भी आपका दिल करे खुले मंच पर जनता के बीच में जनता के मुद्दों को लेकर एक खुली डिबेट कर ले। हालांकि समाचार लिखे जाने तक संजय टंडन की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है कि वह मनीष तिवारी का चैलेंज स्वीकार करेंगे या नहीं करेंगे।
कुछ तो रही होगी मजबूरी जो प्रचार से बना रखी है दूरी में आज के लिए इतना ही। फिर बात करेंगे चंडीगढ़ के किसी और मुद्दे पर, आम जनता के सवाल और उस पर नेता क्या कहते हैं। यदि आपके पास भी चंडीगढ़ से संबंधित कोई सवाल है तो हमें नीचे दी गई मेल आईडी पर लिख भेजे हम आपके सवाल को आपके ही नेता से पूछ करके यही पर उसका जवाब देंगे।
हमारी मेल आईडी है :
deskkhabari@gmail.com
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