हाले ए जीरकपुर : बिना पुलिस वेरीफिकेशन के किरायेदार, गैंगस्टर बेखौफ
मोहाली जिले की आबादी 9,94, 628, पिछले साल 18634 लोगों की हो सकी है वेरिफिकेशन
जीरकपुर(संदीप सिंह बावा)
मोहाली जिले में आधे से अधिक किरायेदार बिना पुलिस वेरीफिकेशन के रह रहे हैं। पिछले दिनों कई अपराधियों की धरपकड़ के दौरान पुलिस को जांच के दौरान ऐसे मामले देखने को मिले। जिले में लोग घरों में किरायेदार तो रख लेते हैं पर वेरीफिकेशन नहीं कराते। शायद वह यह नहीं समझ पाते कि कहीं किराएदार के रूप में आपके घर में अपराधी तो शरण नहीं ले रहा।
पुलिस जल्द ही किरायेदारों का वेरीफिकेशन न कराने वाले लोगों पर पुलिस सख्ती करने जा रही है। आने वाले दिनों में पुलिस अभियान शुरु होने वाला है। किराएदार किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो मकान मालिक पर कार्रवाई होगी। किरायेदार की पुलिस वेरिफिकेशन इसलिए जरूरी है कि पता चल सके कि किराएदार का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड तो नहीं है।
वर्ष 2023 में भी पुलिस ने कई अभियान चलाए, लेकिन साल भर में मात्र 18, 634 लोगों की वेरीफिकेशन हो पाई थी। अगर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2023 में चलाए अभियान दौरान 941 लोगों पर किरायेदार की वेरिफिकेशन ना करवाने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। वर्ष 2024 में अभी ऐसा कोई अभियान शुरु नहीं हुआ है लेकिन आने वाले दिनों में यह अभियान शुरु होने वाला है और पुलिस किरायेदारों की वेरिफिकेशन ना करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी। प्रशासन के रिकार्ड अनुसार मोहाली जिले की कुल आबादी 9,94, 628 है इसमें 383 गांव व 4 ब्लॉक शामिल हैं। इस आबादी को कंट्रोल करने के लिए 27 पुलिस स्टेशन हैं। वर्ष 2023 में मोहाली शहर में 5665, जीरकपुर में 6358, खरड़ में 6289 व डेराबस्सी में मात्र 322 लोगों ने किरायेदारों की पुलिस वेरिफिकेशन करवाई थी।
वेरीफिकेशन जरूरी
मकान में रहने वाले किरायेदार का सत्यापन अनिवार्य है। इसके लिए पुलिस थाने जाकर अथवा मोहाली पुलिस की वेबसाइट पर किरायेदार फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फार्म में घर में रखे नौकर व किरायेदार का पासपोर्ट साइज फोटो, नाम-पते को सत्यापित करने वाली फोटो आइडी (आधार कार्ड, राशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, फोटो मतदाता पहचान-पत्र, बैंक पास बुक, मोबाइल नंबर) लगाकर भर सकते हैं।
जागरुकता का अभाव
पुलिस के एक अधिकारी बताते हैं कि लोग अभी इस दिशा में जागरूक नहीं हैं। तमाम अभियान व प्रचार प्रसार के बावजूद काफी कम लोग ही किरायेदार व घरेलू नौकर का पुलिस से वेरीफिकेशन कराते हैं। अनाधिकृत कॉलोनियों में तो स्थिति बहुत खराब है। लोगों को पता ही नहीं कि वेरीफिकेशन क्या बला है?
यह कानून में प्रावधान
किरायेदार का वेरीफिकेशन न कराना सीआरपीसी की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध है। एक माह की सजा व 200 रुपये का जुर्माना हो सकता है। मकान मालिक की चूक से मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न होता है तो छह महीने की सजा व 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
जीरकपुर सोसायटियों का हब, यहां भी वेरिफिकेशन न के बराबर
जीरकपुर में बड़ी सोसायटियां बन चुकी है। जीरकपुर की आबादी मौजूदा समय में 5 लाख के करीब है। इसमें से करीब ढाई लोग हैं जो किराये पर रहते हैं। यहां पिछले साल 6358 लोगों ने ही पुलिस वेरिफिकेशन करवाई थी। पिछले साल जीरकपुर ऐसा शहर था जहां सबसे ज्यादा गैंगस्टर पकड़े गए और उनके एनकाउंटर भी हुए।
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