बेल के फायदे और नुकसान : बेल में कई पोषक तत्व हैं और बेल कई प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर है
खबरी प्रशाद,गर्मियों का मौसम आते ही तमाम तरह की बीमारियों जैसे कि दस्त, लू लगना, पेचिश आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे मौसम में बेल का सेवन इन सभी समस्याओं से आराम दिलाने में बहुत कारगर है। बेल मुख्य रुप से भारत में पाया जाने वाला एक पौधा है। आमतौर पर लोग जूस या शरबत के रुप में बेल का सेवन ज्यादा करते हैं।हिंदू धर्म में इसे एक पवित्र पौधा माना जाता है और पूजा में बेल के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकांश लोगों को बेल के फायदों के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है जबकि आयुर्वेद में इसे महत्वपूर्ण औषधि माना गया है जो पाचन संबंधी कई बीमारियों में फायदेमंद है। इस फल का हर हिस्सा ही सेहत के लिए के लिए गुणकारी है, बाहर से यह फल जितना ही कठोर होता है अंदर से उतना ही मुलायम और गूदेदार होता है। इसके गूदे में मौजूद बीज भी कई बीमारियों के इलाज में फायदा पहुंचाते हैं।
बेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व : बेल के फल में विटामिन और पोषक तत्वों की भरमार होती है। बेल में मौजूद टैनिन और पेक्टिन मुख्य रुप से डायरिया और पेचिश के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा बेल के फल में विटामिन सी, कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन और आयरन भी अधिक मात्रा में मिलते हैं। बेल के नियमित सेवन से शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
बेल के औषधीय गुण : बेल पेट से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में बहुत ही कारगर है। इसके सेवन से पाचन तंत्र ठीक रहता है जिससे अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। आयुर्वेद में बेल के गुणों का प्रमुखता से उल्लेख मिलता है और ऐसा बताया गया है कि यह कब्ज़ के अलावा डायबिटीज, डायरिया, पेचिश, कान दर्द, स्कर्वी आदि रोगों में भी लाभकारी है। बेल के गूदे के साथ साथ बेल के बीज भी बहुत गुणकारी होते हैं।
बेल के सेवन का तरीका : बेल को आप कई तरीकों से खा सकते हैं। आमतौर पर बेल का रस या बेल के शरबत का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है लेकिन आप इस फल को तोडक़र सीधे खा भी सकते हैं। इसका बाहरी हिस्सा काफी कठोर होता है उसे तोड़ दें और अंदर के लिसलिसे गूदे में से बीज को निकालकर खाएं या रात भर इस गूदे को पानी में भिगोकर रखें और अगली सुबह इसे खाएं। कई लोग इसके गूदे को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर सेवन करते हैं जिसे बेलगिरी चूर्ण कहा जाता है। इसके अलावा बेल की पत्तियों का रस भी बहुत गुणकारी है और कई बीमारियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। आप घर पर ही बेल का मुरब्बा बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं। यह स्वाद में भी मीठा होता है और लाभकारी भी है।
बेल के फायदे : पाचन ठीक करने समेत बेल के अनगिनत फायदे हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकांश लोग पेट की समस्याओं से पीडि़त रहे हैं और पाचन तंत्र के ठीक से काम ना करने की वजह से आगे चलकर और कई तरह के रोग होने लगते हैं। ऐसे में बेल पाचन को ठीक करके बाकी सभी समस्याओं से आराम दिलाती है साथ ही शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिनों की आपूर्ति करती है।
डायरिया और पेचिश: डायरिया और पेचिश के इलाज में बेल का सेवन करना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। अक्सर खाना ठीक से ना पचने के कारण लूज मोशन और डायरिया आदि समस्याएं होने लगती है। ऐसे में बेल का सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है और डायरिया अगले 2-3 दिनों में ठीक हो जाता है। अगर आप गंभीर रुप से डायरिया से पीडि़त हैं तो बेल के सेवन के साथ साथ डॉक्टर की सलाह भी ज़रुर लें।
सेवन विधि : आधा चम्मच बेलगिरी के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।
बार बार शौच जाने की समस्या: आज के समय में कई लोग बार बार शौच जाने की समस्या से पीडि़त रहते हैं और उन्हें हमेशा ऐसा महसूस होता है जैसे उनका पेट ठीक से सा$फ ही नहीं होता। आयुर्वेद में इस रोग को अजीर्ण नाम दिया गया है। ऐसे लोगों के लिए बेल का सेवन बहुत फायदेमंद है। बेल के सेवन से पेट ठीक से सा$फ होता है और बार बार शौच जाने की समस्या से आराम मिलता है। बेल में लैक्सेटिव क्षमताएं होती हैं जो आंतों को भी ठीक तरह से सा$फ रखती हैं। बेल का फल खाने से या इसका शरबत नियमित रुप से पीने से पेट का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
सेवन विधि : दो चम्मच बेल के गूदे को आधा गिलास पानी में मिलाकर जूस बना लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें।
खून साफ करने में मदद : बेल के जूस में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो खून को सा$फ करने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से खून शुद्ध होता है और खून में संक्रमण की वजह से होने वाली कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है।
सेवन विधि : ताजे बेल के गूदे को निकालकर रात भर के लिए पानी में भिगोकर रखें और सुबह उसे मैश करके खाएं।
लू से बचाव : गर्मियों के दिनों में लू लग जाना एक आम समस्या है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई भी गर्मियों के दिनों में लू की चपेट में आ सकता है। इसलिए लू से बचाव के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। बेल का शरबत शरीर को ठंडक पहुंचाती है और शरीर को लू से बचाती है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। धूप में निकलने से पहले एक गिलास बेल का शरबत पीकर ही निकलें।
सेवन विधि : दो चम्मच बेल के गूदे को आधा गिलास पानी में मिलाकर बेल का जूस बनाएं और इस जूस का दिन में एक से दो बार सेवन करें।
किडनी के लिए फायदेमंद : बेल का सेवन किडनी के लिए भी फायदेमंद है और यह किडनी की कार्यक्षमता को और बढ़ाती है। एक शोध के अनुसार बेल की जड़ों और पत्तियों में डायूरेटिक गुण होते हैं जो मूत्र का उत्पादन बढ़ाती हैं। यह $खास तौर पर वाटर रिटेंशन की समस्या से आराम दिलाने में बहुत कारगर है।
सेवन विधि : आधा चम्मच बेल की पत्तियों के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर सेवन करें।
लीवर के लिए फायदेमंद: ऐसा देखा गया है कि बेल की पत्तियां लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। लीवर से जुड़ी बीमारियां अक्सर तभी होती हैं जब शरीर में टॉक्सिन या हानिकारक विषैले पदार्थ बढ़ जाते हैं या किसी तरह का संक्रमण हो। शोध के अनुसार बेल में एंटी-फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं साथ ही इसमें बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है जो लीवर को किसी भी तरह के संक्रमण और चोट से बचाने में मदद करते हैं।
सेवन विधि: ताजे बेल के गूदे को निकालकर रात भर के लिए पानी में भिगोकर रखें और सुबह उसे मैश करके खाएं।
कान के दर्द से आराम : बेल फल के फायदे सिर्फ पाचन तंत्र को ठीक करने तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि यह कान दर्द में भी बहुत उपयोगी हैं। कान में दर्द और कान से तरल का स्राव होना एक आम समस्या है। आयुर्वेद में ऐसा बताया गया है कि बेल के उपयोग से कान के दर्द, कान बहने और बहरेपन जैसी समस्याओं से आराम मिलता है। हालांकि कई बार कान में दर्द की समस्या किसी और वजह से भी हो सकती है। इसलिए कान से संबंधित इलाज में आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही बेल का सेवन करें।
उपयोग विधि : बिल्वादी तेल एक आयुर्वेदिक तेल है, इसकी मुख्य सामग्री बेल होती है। यह तेल कान के दर्द से आराम दिलाने में बहुत कारगर मानी जाती है। हालांकि इसका उपयोग आप चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें।
बेल के नुकसान : वैसे देखा जाए बेल फल के फायदे बहुत ज्यादा हैं और सीधे तौर पर इससे कोई $खास नुकसान नहीं होते हैं लेकिन अगर आप ज़रुरत से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं तो आपको बेल के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। आइये जानते हैं कि बेल के सेवन से क्या नुकसान हो सकते हैं और किन परिस्थितियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
कब्ज़: अगर मल के कठोर होने के कारण आपको कब्ज़ की समस्या है तो ऐसे में बेल के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह मल को सख्त बनाती है। इस वजह से आपकी कब्ज़ की समस्या और बढ़ सकती है।
डायबिटीज रोगी करें परहेज : अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और बाज़ार में मिलने वाले बेल का शरबत का सेवन कर रहे हैं तो जान लें कि उस शरबत में मौजूद शुगर की अधिक मात्रा आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। बेल खुद भी एक मीठा फल है और इसका शरबत बनाने में लोग अक्सर थोड़ी मात्रा में चीनी मिला देते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को बेल के शरबत से परहेज करना चाहिए या चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन करें।
थायराइड रोगी करें परहेज : कुछ मामलों में ऐसा पाया गया है कि बेल, थायराइड हार्मोन पर और थायराइड की दवाइयों के प्रभाव पर असर डालती है। इसलिए थायराइड के मरीजों को बेल के सेवन से परहेज करना चाहिए या चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन करें।
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