अपने घर पर इस विधि से मनाएं हनुमान जन्मोत्सव, खुश होंगे बजरंगबली
हर साल चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि हनुमान जी आज भी सशरीर धरती पर मौजूद हैं, इसलिए इसे हनुमान जन्मोत्सव कहना भी गलत नहीं होगा. कहते हैं कि बजंरगबली का नाम लेने से ही दुख, संकत, भूत, पिशाच कोसों दूर भाग जाते हैं. तभी तो तुलसीदास ने हनुमान जी को लेकर लिखा है, ‘संकट कटे मिटे सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बल बीरा.’ इसका अर्थ है- हनुमान जी में हर तरह के कष्ट, ताप को दूर करने की क्षमता है।
कब है हनुमान जन्मोत्सव
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03 बजकर 25 मिनट पर आरंभ होगी और 24 अप्रैल 2024 को यानी अगले दिन सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में हनुमान जयंती का त्योहार 23 अप्रैल दिन मंगलवार को ही मनाया जाएगा. हनुमान जयंती जब मंगलवार या शनिवार के दिन पड़ती है तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त
हनुमान जयंती पर बजरंगबली की पूजा के दो शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह के वक्त रहेगा, जबकि दूसरा मुहूर्त रात्रिकाल में होगा.
पहला शुभ मुहूर्त: 23 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक
दूसरा शुभ मुहूर्त: 23 अप्रैल को रात 08 बजकर 14 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 35 मिनट तक
हनुमान जयंती की पूजन विधि
हनुमान जयंती पर सुबह स्नानादि के बाद बजरंगबली की पूजा का संकल्प लें. हनुमान जी की पूजा अबूझ मुहूर्त देखकर ही करें. सबसे पहले उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. हनुमान जी के साथ श्री राम जी के चित्र की स्थापना करें. हनुमान जी को लाल और राम जी को पीले फूल अर्पित करें. लड्डू के साथ-साथ तुलसी दल भी अर्पित करें. पहले श्री राम के मंत्र ऊं राम रामाय नमः का जाप करें. फिर हनुमान जी के मंत्र ऊं हं हनुमते नमः का जाप करें.
उपाय
बरगद के पेड़ का एक पत्ता लें और इसे अच्छे से साफ कर लें. इसके बाद पत्ते को भगवान हनुमान के सामने रख दें. पूजा करें और उसके बाद इस पत्ते पर केसर से प्रभु श्री राम का नाम लिखें. पूजा समाप्त होने के बाद इस पत्ते को अपने पर्स में या फिर पैसों के स्थान पर रख दें. ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगेगा.
महिलाएं कर सकती हैं हनुमान जी की ऐसे पूजा
हनुमान जी की पूजा करते समय महिलाएं फूल, माला, धूप, दीपक आदि जला सकती हैं। इसके साथ ही बजरंग बाण को छोड़कर हनुमानाष्टक, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं। इसमें कोई पाबंदी नहीं है।
हनुमान जी को न करें स्पर्श
शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है। इसलिए महिलाओं को बजरंगबली को स्पर्श नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
हनुमान जी की जन्मकथा
शास्त्रों में वर्णन है कि श्रृंगी ऋषि की यज्ञ में पूर्णाहुति के बाद अग्निदेव के हाथों मिली खीर को राजा दशरथ ने तीनों रानियों में बांटा. इसी दौरान वहां पहुंची एक चील प्रसाद की खीर का एक कटोरा चोंच में भरकर उड़ गई. यह हिस्सा किष्किंधा पर्वत पर भगवान शिव की उपासना कर रही अंजनी माता की गोद में जाकर गिरा. माता अंजनी से इस प्रसाद को ग्रहण किया, मान्यता है इससे फलस्वरूप देवी अंजनी की कोख से हनुमान जी ने जन्म लिया. बजरंगबली को वायु पत्र भी कहा जाता है.
हनुमान जयंती पर लड्डू और बूंदी के प्रसाद का विशेष महत्व
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें बूंदी, लड्डू का प्रसाद जरूर चढ़ाएं। साथ ही हनुमान जयंती पर उन्हें केसरिया रंग का सिंदूर जरूर चढ़ाएं।
इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ करने हनुमान जी की कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बरसती रहती है।
हनुमान जन्मोत्सव पूजा विधि
हनुमान जयंती के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करें. बजरंगबली के समक्ष व्रत का संकल्प लें. इस दिन पीला या फिर लाल रंग का वस्त्र धारण करना शुभ होता है. हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर चोला चढ़ाएं. चमेली के तेल का दीपक लगाकर, गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें. हनुमान जी को एक साबुत पान का पत्ता चढ़ाएं. बजरंगबली का प्रिय भोग गुड़-चना पूजा में शामिल करें. बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं. अब हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें. इस दिन घर में रामायण पाठ करना श्रेष्ठ होता है. आरती के दिन बाद जरुरतमंदों को यथाशक्ति वस्त्र, अन्न, धन का दान दें.
हनुमान जन्मोत्सव उपाय
हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को केवड़ा का इत्र गुलाब के फूल में डालकर अर्पित करें. इससे वह जल्द प्रसन्न होते हैं. नौकरी में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती है.
अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो हनुमान जयंती के दिन घी में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को इसका लेप लगाएं. ये आरोग्य प्रदान करता है.
व्यापार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती पर सिंदूरी रंग का लंगोट बजरंगबली को अर्पित करें.
हनुमान जयंती पर मंदिर की छत पर लाल झंडा लगाना शुभ होता है, इससे आकस्मिक संकटों से मुक्ति मिलती है.
आर्थिक संपन्नता के लिए हनुमान जयंती के दिन एक सफेद कागज पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाकर इसे पहले हनुमानजी को अर्पित करें.
आचार्य पं. सुधांशु तिवारी, प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
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