पोर्न को लेकर कोर्ट ने कहीं एक बड़ी बात, देखना अपराध नहीं, लेकिन वीडियो में बच्चों का इस्तेमाल करना गेरकानुनी
प्रेरणा ढिंगरा :पोर्न देखना अपराध नहीं है कि फैसले ने सबको हिला डाला। हाई कोर्ट में लगी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की इतनी बड़ी टिप्पणी।
मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा पोर्न देखना अपराध नहीं है पर पोर्न में बच्चों का इस्तेमाल करना अपराध है। हाई कोर्ट के एक फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा, ‘पोर्न देखना अपराध नहीं हो सकता है, लेकिन हाईकोर्ट का कहना है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अपराध नहीं होगा। किसी बच्चे का पोर्न देखना शायद अपराध न हो, लेकिन पोर्नोग्राफी में बच्चे का इस्तेमाल होना अपराध।
जानिए पूरा मामला क्या है
दरअसल कुछ समय पहले एक 28 साल के लड़के पर बच्चों की अश्लील वीडियो देखने का आरोप था। इंटरनेट से चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करने के अपराध में उन पर पास्को एक्ट और आईटी एक्ट दर्ज किया गया था जिस पर हाई कोर्ट से उन्हें बेल मिल गई थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले पर यह भी कहा था कि लड़के को फोन देखने की आदत थी, लेकिन उसने वह डाउनलोड कर वीडियो किसी के साथ शेयर नहीं किया। पोर्न को फोन में देखने की उन्हें सजा देने की बजाए जागरूक करना चाहिए और आरोपी को अगर पोर्न देखने की आदत है तो उसे काउंसलिंग लेनी चाहिए।
दो एनजीओ मिलकर यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लेकर गए और याचिका दायर की। इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी चिंता जताई। हाई कोर्ट में पेश वकील ने कहा आरोपी 2 साल से लगातार यह वीडियो अपने मोबाइल में देख रहा था। अगर ऐसी कोई वीडियो आती है तो उसे तुरंत डिलीट कर देना चाहिए।
इस मुद्दे पर सवाल उठता है कि क्या अश्लील फोटो या वीडियो डाउनलोड करना अपराध है? हमारे कानून के हिसाब से अगर एक व्यक्ति पोर्न देख रहा है तो उसका वह निजी मामला है, लेकिन अगर एक व्यक्ति अश्लील वीडियो या फोटो फोन में डाउनलोड करता है तो यह कानून की नजर में एक अपराध है। इस अप्रैल में 3 साल की जेल होती हैं। भारत में पोर्न लीगल भी नहीं है, लेकिन अगर आप निजी डिवाइस पर इस तरह का कंटेंट देख रहे हैं तो कोई जुर्म भी नहीं है।
पोर्न देखना क्या सही है?
डॉक्टर्स मानते हैं कि पोर्न देखने में कोई बुराई नहीं है। अपने आप की संतुष्टि के लिए पोर्न एक जरिया बन सकता है पर अगर वह एक आदत बन जाए तो कई मुसीबतें भी खड़ी कर देता है। ज्यादा फोन में देखने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और मन में लोगों के प्रति गलत भावनाएं भी आती है।
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