अब तक का देश का सबसे सबसे शांत चुनाव 2024
भाजपा कांग्रेस कम मतदान की वजह से नई रणनीति बनाने में जुटी
2024 चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित होंगे , पहले चरण की वोटिंग के बाद राजनीतिक पंडितों का पहला अनुमान
उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान के बाद राजनितिक पंडितों के सारे अनुमान ध्वस्त, UP की 8 सीटों पर कल मतदान खत्म होने के बाद सिर्फ 61% के आसपास ही मतदान हुआ है हालाकि फाइनल नंबर में 2% की बढ़त हो सकती है पर फिर भी ये 2019 के 66.6% से लगभग 3% कम हो सकता है । जो कि मतदाताओं की वोटिंग में अरुचि को दिखाता है, रामपुर में तो 7 बजे तक 54% ही मतदान हुआ है
भाजपा के वोटर ये मान कर बैठे है की मोदी जी चुनाव जीत ही जाएंगे चाहे वो वोट दें या नहीं जबकि विपक्ष के वोटर भाजपा का अबकी बार 400 पार का नारा, नेताओ के पलायल और विपक्ष की कमजोर लड़ाई के कारण उत्साह में नही है इसके साथ साथ राजपूतों का चुनाव में बायकाट भी असर करता दिख रहा है, मैसेज साफ है ये अबतक का सबसे #SilentElection हो रहा है
अगले चरणों में सभी राजनितिक दलों वा प्रशाशन को वोटर टर्नआउट बढ़ने पर मेहनत करनी होगी जनता में मोदी या राहुल किसी को लहर नहीं है चुनाव सिर्फ सोशल मीडिया पर लड़ा जा रहा है ऐसा लग रहा है की नतीजे अप्रत्याशित होंगे।
वही पहले चरण के चुनाव के बाद कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि पहले चरण के चुनाव के बाद ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की धड़कन बढ़ चुकी है और अर्जेंट मीटिंग बुलाई गई है । सुप्रिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जो लिखा हुआ नीचे दिया जा रहा है ।
BJP का ग्राफ: साउथ में साफ़, नार्थ में हाफ
एक सूत्र ने बताया कि पहले चरण के मतदान के बाद, BJP के लिए ग्राउंड से बेहद ख़राब प्रदर्शन की खबरें आयीं हैं. उसी बीच PM के ट्वीट ने इस घबराहट पर मोहर लगा दी है. सुनने में आ रहा है कि आज देर शाम मोदी, शाह और नड्डा की एक अहम बैठक बुलायी गई है. किसी नई ‘रणनीति’ पर चर्चा की खबर है
याद रहे, आज 21 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान हुआ और जितनी भी ग्राउंड रिपोर्ट अभी तक आयीं हैं, उनमें INDIA गठबंधन BJP से बहुत आगे है!
INDIA गठबंधन और कांग्रेस ने तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक में ज़बर्दस्त प्रदर्शन किया है
जो आस पास हो रहा है वो बदलते हुए वक़्त का प्रतीक है. Axis-MyIndia के प्रदीप गुप्ता को अपना वह ट्वीट डिलीट करना पड़ा जिसमें BJP 13 राज्यों में अपना जनाधार खो रही है.
BJP प्रत्याशियों का खुलेआम यह कहना कि मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि कोई मोदी फैक्टर नहीं है उसी बात की पुष्टि करता है जो हम लगातार कह रहे हैं
10 साल सत्ता में रहने के बाद नरेंद्र मोदी के पास आज भी कांग्रेस को कोसने के सिवा कहने को और कुछ नहीं है, कोई ऐसा काम नहीं किया जिसको गिनाये, कोई बड़ी उपलब्धि नहीं जिसपर चर्चा करें
इंटरव्यू से लेकर चुनावी सभाओं में भी मोदी बेहद थके, ऊबे और ऊर्जाविहीन नज़र आ रहे हैं – शायद उम्र का तक़ाज़ा हो. ऐसा लगता है जैसे एक बुजुर्ग आदमी को ज़बरदस्ती ठेला जा रहा है
ना रैलियों में तालियाँ बज रही हैं ना इंटरव्यू से कोई बड़ी हैडलाइन निकल रही है. लाख कोशिशों के बावजूद नैरेटिव सेट नहीं कर पा रहे हैं, वही घिसी पिटी बातें, वही पुराने बयान!
इधर राहुल गांधी ने नाक में दम कर रखा है, कभी गाड़ी में, कभी सड़क पर सीधे डायरेक्ट जनता से संवाद – उनकी बातों में ऊर्जा है. युवाओं को तो 100% विश्वास है कि अगर कुछ करेगा तो यही आदमी करेगा, बाक़ी किसी के बस की बात नहीं.
कांग्रेस के बेरोजगारी, महंगाई, ग़रीबी को ख़त्म करने के प्लान पर लोगों को विश्वास हो चला है! देर से ही सही, लेकिन संविधान के साथ खिलवाड़ कितनी तबाही मचायेगा यह भी लोग समझ गये हैं.
जनता सब समझती है, चुप रहती है और समय पड़ने पर बड़ा बदलाव करती है. उस बड़े बदलाव की पहली आहट आज पहले चरण के मतदान के बाद ज़ोर ज़ोर से गूंज रही है
साउथ में साफ़, नार्थ में हाफ, यह है BJP का ग्राफ!
@narendramodi @AmitShah
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