ईवीएम वीवीपैंट मामला – 5 घंटे की लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा वोटर को पर्ची क्यों नहीं दे सकते
इसका गलत इस्तेमाल होगा चुनाव आयोग के वकील सुप्रीम कोर्ट में
खबरी प्रशाद दिल्ली
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और वोटर वेरिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपीएटी को लेकर आज एक लंबी बहस सुप्रीम कोर्ट में चलती रही । और बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है । मगर उसके पहले आज आपको बताएंगे कि पूरे दिन कोर्ट में इस मामले पर हुआ क्या क्या ।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी के अलावा समूचा विपक्ष ईवीएम पर बार-बार सवाल खड़े करता है विपक्ष का कहना है की ईवीएम पर हमें भरोसा नहीं है , क्योंकि ईवीएम 100 फ़ीसदी सही परिणाम नहीं दे रही है । इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की तरफ से लगाई गई थी । याचिका करता की तरफ से वकील प्रसाद भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक रिपोर्ट दाखिल की जिसमें आरोप था कि केरल में मॉक पोलिंग के दौरान भारतीय जनता पार्टी को वोट ज्यादा जा रहे थे । इस आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से पूछा कि आप बताएं क्या यह बात पूरी तरीके से सही है तो वकील साहब ने कहा यह खबर पूरी तरीके से झूठी और बेबुनियाद है । कोर्ट में चुनाव आयोग के वकील से पूछा की वोटिंग के बाद वोटर को वीवीपेट से निकली पर्ची क्यों नहीं दी जा सकती , तो इस पर चुनाव आयोग की तरफ से तर्क आया कि इससे वोट की गोपनीयता से समझौता हो सकता है और पोलिंग बूथ के बाहर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है ।
इसका इस्तेमाल दूसरे लोग कैसे कर सकते हैं ,यह कहना हमारे लिए बहुत मुश्किल काम है । सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज ने चुनाव की पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से कैसे हो इसको लेकर चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए कदमों की पूरी जानकारी ली और कहा कि चुनाव की पवित्रता की प्रक्रिया बनी रहनी चाहिए । किसी भी पक्ष को यह शक नहीं होना चाहिए कि ऐसा होना चाहिए था और ऐसा हुआ नहीं ।
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