खबर का असर : जनेंद्र गुरुकुल और अकाल एकेडमी के खिलाफ शोकॉज नोटिस हुए जारी
खबरी प्रसाद अखबार ने लगातार इस मामले को उठाया कि जो स्कूल खुले हुए थे उन पर कार्रवाई क्यों नहीं ?
कैंब्रिज स्कूल अलीपुर का नोटिस जारी होना बाकी
ईद की छुट्टी के दिन यह तीनों स्कूल पंचकूला में खुले हुए थे ।
खबरी प्रसाद रितेश महेश्वरी
ईद की सरकारी छुट्टी वाले दिन पंचकूला में तीन स्कूल सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर खुले हुए थे । जिसको लेकर खबरी प्रसाद अखबार ने प्रमुखता से अपने अखबार में बताया था और पंचकूला के जिला शिक्षा अधिकारी से शनिवार को छुट्टी वाले दिन इस संबंध में सवाल पूछा था कि आखिरकार 72 घंटे बीतने के बाद भी इन स्कूलों को अब तक नोटिस जारी क्यों नहीं हुआ है । तब उन्होंने कहा था कि सोमवार को इन स्कूलों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा जाएगा कि आखिरकार इन्होंने सरकारी छुट्टी 11 अप्रैल 2024 वाले दिन स्कूल क्यों खोला था । स्कूलों को भेजे गए इस नोटिस की कॉपी खबरी प्रसाद अखबार के पास मौजूद है । जिसमें आज 16 अप्रैल 2024 शाम को 5 बजे तक स्कूल से अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है । अगर स्कूल अपना पक्ष नहीं देता है तो विभाग अपनी तरफ से जो भी बनती कार्रवाई होगी वह करेगा । अब देखना यह है कि स्कूल इस संबंध में आज यानी कि शाम को 5 बजे तक किस तरीके का स्पष्टीकरण विभाग को देते हैं । कि आखिर उन्होंने स्कूल क्यों खोला था । और उस स्पष्टीकरण के बाद विभाग स्कूलों पर क्या कार्रवाई करता है यह भी देखने वाली बात जरूर होगी । क्योंकि खुद हरियाणा के मुख्य सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद के द्वारा कहा गया है कि किसी ने भी नियमों का उल्लंघन किया हो या कर रहा हो तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए । किसी भी स्कूल मैनेजमेंट के तार कितनी भी दूरी तक जुड़े हुए हो या कोई कितना भी रसुखदार हो सख्त कार्यवाही होनी चाहिए ।
लगातार चौथे दिन प्रशासन ने पूरे हरियाणा में स्कूल बसों की चेकिंग
11 अप्रैल को महेंद्रगढ़ के कनीना में स्कूल बस हादसा होने के बाद लगातार प्रशासन के द्वारा स्कूल बसों के ऊपर अपना शिकंजा कसके रखा गया है । और स्कूल चाहे छोटा हो या बड़ा , सभी स्कूलों में या तो प्रशासन खुद जा रहा है या सड़क पर गाड़ियों को रोक करके स्कूल बसों की इंश्योरेंस फिटनेस या अन्य जरूरी , जो भी नियम स्कूल बस के लिए है , क्या वह बस उस नियम के आधार पर चल रही है या नहीं अगर नहीं चल रही तो उसका चालान या अन्य नियम पूर्वक कार्रवाई की जा रही है ।
सख्ती से घबराए कई प्राइवेट स्कूलों ने अपने स्कूल अगले कुछ दिन के लिए किए बंद या अभिभावकों को लिखा मैसेज कि अपने बच्चों को खुद छोड़ें , खुद लेकर जाएं
हरियाणा में पहली बार प्राइवेट स्कूलों पर प्रशासन द्वारा इतना सख्त शिकंजा कसा जा रहा है । जिसकी वजह से स्कूल मैनेजमेंट ने अभिभावकों को मैसेज डालने शुरू कर दिए कि अपने बच्चों को खुद छोड़े और खुद ही लेकर जाएं क्योंकि स्कूल की बसों में प्रशासन के नियमानुसार कागजी कार्रवाई पूरी करवाई जा रही है , जिसमें कुछ दिन का वक्त लग सकता है । इसलिए स्कूल प्रशासन का सहयोग करें । वही हरियाणा के ही कई निजी स्कूलों ने अगले दो से तीन दिन के लिए अपने स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है । इन तीन दिनों के दौरान वह स्कूल के परिवहन में जो भी कमियां होगी वह दूर करेंगे ।
पंचकूला के स्कूल बस ऑपरेटर पहुंचे DTA दफ्तर और मांगी मोहलत
बीते कल सुबह-सुबह पंचकूला जिले के स्कूलों में चलने वाली बसों के संचालक ड्राइवर सेक्टर 5 स्थित जिला ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के कार्यालय में अधिकारियों से मिलने पहुंचे हुए थे और उन्होंने अधिकारियों से यह मांग रखी कि हमें कुछ दिनों की मोहलत दी जाए । जिस तरीके से रास्ते में खड़ी करके गाड़ी को रोक करके गाड़ी की चेकिंग की जाती है ऐसा ना करें क्योंकि ऐसा करने से बच्चे स्कूल में देरी से पहुंचते हैं और बच्चों को परेशानी होती है आप हमें समय बताएं आप जहां कहेंगे वहां पर हम अपनी गाड़ियों को लेकर के आ जाएंगे । या फिर वह स्कूल में आकर के गाड़ियां चेक कर सकते हैं ।
थ्री व्हीलर पर भी होगी अगले कुछ दिनों में कार्यवाही
स्कूल बसों के साथ-साथ बच्चों के स्कूल पहुंचने का एक दूसरा माध्यम थ्री व्हीलर भी है । जिनमें की बच्चे क्षमता से ज्यादा बैठकर आते हैं और कई बार तो बच्चे पीछे की तरफ लटक कर भी आते हैं । और बात अगर बीते कल की करें तो यमुनानगर में एक बच्चों से भरा हुआ ऑटो पलट जाने से एक 7 साल की बच्ची की मौत हो गई और कुछ बच्चे घायल हो गए । परिवहन विभाग से जुड़े हुए हमारे सूत्र बताते हैं अगले कुछ दिनों के अंदर भूसे की तरीके से भरकर आने वाले पर भी प्रशासन कार्यवाही करने की तैयारी कर रहा है ।
अभिभावक परेशान की बच्चों को स्कूल छोड़े या नौकरी पर ऑफिस जाए
स्कूल में पढ़ने वाले ऐसे बच्चों के अभिभावक जो की स्कूल बसों से स्कूल आया जाया करते थे । इस समय परेशान नजर आ रहे हैं । क्योंकि ज्यादातर स्कूल की बसें बच्चों को लेने नहीं आ रही है और ऐसी स्थिति में अभिभावकों को ही अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने और लेकर के आना पड़ रहा है । सबसे ज्यादा परेशानी प्राइवेट नौकरी करने वाले अभिभावकों को हो रही है ।
चाहे बस ऑपरेटर हो , या स्कूल मैनेजमेंट या फिर अभिभावक सब के सब एक साथ मिलकर सरकार को कोस रहे है । मगर सरकार के पक्ष की अगर बात की जाए तो यह सारा कुछ हमारे और आपके नौनिहालों की सुरक्षा के लिए किया हो रहा है । हां यह अलग बात है कि हमेशा सरकारी सिस्टम जागता तभी है जब कोई हादसा हो जाता है और उसके बाद में कुछ दिन तक वह जागता भी रहता है और फिर कुंभकर्णी नींद में सो जाता है । किसी और हादसे के इंतजार के लिए ।
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