अपना पेशाब पीते थे भारत के एक ऐसे प्रधानमंत्री और एक पार्टी के मुखिया !!!!!
अपना खुद का पेशाब पीने में छुपा है फिटनेस का राज !
मोरारजी देसाई पीते थे अपना मूत्र, जानिए कुछ बातें जो आपको चौंका देंगी
प्रेरणा ढींगरा
आज के समय में हर कोई अपनी फिटनेस का काफी ध्यान दे रहा है पर हैरानी की बात तो यह है कि भारत के एक प्रधानमंत्री अपनी फिटनेस के चलते खुद का यूरिन यानी मूत्र का सेवन करते थे।
यह बात चौंका देने वाली है कि देश के छठे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई खुद की सेहत के लिए मूत्र पिया करते थे और जब उन्होंने यह बात सार्वजनिक तौर पर सबके सामने रखी तब लोगों ने इस बात का काफी मजाक भी बनाया। साल 1978 में जब मोरारजी देसाई अमेरिका की यात्रा पर गए। वहा उन्होंने सीबीएसई वीकली न्यूज मैगजीन को करीब घंटे भर का एक इंटरव्यू दिया और पत्रकार डैन राथर को अपनी जिंदगी के बारे में बताया। इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यूरिन पीने की बात को भी बताया। उसे समय मोरारजी देसाई की उम्र कुछ 82 वर्ष थी।
जानिए मोरारजी देसाई ने क्या कहा?
इंटरव्यू देते वक्त जब पत्रकार ने उनकी फिटनेस का राज पूछा तब उन्होंने बताया कि “वह ताजा फल और सब्जियों का जूस पीते हैं।इसके अलावा दूध, दही, शहद और ड्राई फ्रूट्स का सेवन भी करते हैं। दिन लहसुन की पांच कलियां को चबाए करते हैं। हर दिन सुबह खाली पेट 5 से 8 आउंस अपना यूरिन भी पीते हैं”।
आखिर मोरारजी देसाई अपना मूत्र क्यों पीते थे?
मोरारजी देसाई का मानना था कि मूत्र पीने से वह फिट रहेंगे। तमाम जानवर फिट रहने के लिए अपना मूत्र पीते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के कई हिस्सों में माता है अपने बच्चों को पेट दर्द की दवा देते हुए मूत्र पिलाया करती थी। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि यदि आप अपने यूरिन का सेवन करते हैं तो कुछ समय बाद आपका शरीर शुद्ध हो जाता है। अमेरिकी वैज्ञानिक हृदय की बीमारियों के इलाज के लिए मूत्र अर्क तैयार कर रहे हैं। उन्होंने मूत्र पीने को “प्राकृतिक उपचार” बताया था।
शरद पवार भी पीते हैं खुद का यूरिन
मोरारजी देसाई के बाद शरद पवार भी खुद का यूरिन पीते हैं। शरद पवार महाराष्ट्र के प्रमुख नेताओं में से एक है। वह भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। शरद पवार ने अपनी किताब ऑन माय टर्म्स मैं बताया कि मोरारजी देसाई ने उन्हें खुद का पेशाब पीने के लिए कहा था। उन्होंने बताया कि “1977 में मोरारजी देसाई देश के PM बने थे। अपने कार्यकाल में वो महाराष्ट्र के दौरे पर आए। एयरपोर्ट पर मैं भी उनके साथ था। हम लोग शराबबंदी के मुद्दे पर बात कर रहे थे। उसी समय मेरे सीने में कुछ दर्द हुआ तो मैंने अपना हाथ सीने पर रख लिया। मोरारजी ने कहा कि तुम शिवाम्बू थेरेपी करो। इससे सही हो जाओगे। शिवाम्बू थेरेपी में लोग अपना ही पेशाब पीते है”।
कुछ दिनों बाद जब शरद पवार और मोरारजी देसाई मिले तब उन्होंने बताया कि मैं आपके मुताबिक मूत्र पीना शुरू किया था और उसके बाद मुझे आराम मिला।
क्या यूरिन पीना सही में फायदेमंद होता है?
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, यूरिन पीने की प्रथा लंबे वक्त से चली आ रही है। आज के समय में इस प्रोसेस को यूरोफैगिया या यूरोथेरेपी कहा जाता। है। प्राचीन रोम, ग्रीस और मिस्र से जुड़ी कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि मूत्र चिकित्सा का उपयोग मुंहासे से लेकर कैंसर तक हर चीज कि बीमारी के लिए किया जा सकता है।
आपको बता दे की यूरीन थेरेपी एक बहुत प्राचीन थेरेपी है, जो शरीर में एक दवा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यूरिन में मिनरल , एंटीबॉडी , एंजाइम और हार्मोन पाए जाते हैं, पर मेडिकल साइंस की रिपोर्ट मानती है कि यूरीन पीने से बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक पदार्थ आपके खून में प्रवेश कर सकते। मूत्र हमारे शरीर से निकला हुआ एक वेस्ट है। अगर मूत्र हमारे शरीर में जाता है तो वह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। अब अपना यूरिन यानी मूत्र पीना कितना ठीक है और कितना गलत इस बात का कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है।
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