चंडीगढ़ की राजनीति में रूठने मनाने का दौर शुरू , अनशन बाबा ने उड़ा रखी है भाजपा कांग्रेस की नींद
अनशन बाबा को मिल रहा है चंडीगढ़ की जनता का ढेर सारा प्यार और अपनापन , जब वह लोगो के बीच बताते है अपना चुनावी घोषणा पत्र
रितेश महेश्वरी
लोकसभा चुनाव के लिए अब लगभग सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं । जिनको टिकट मिल गई है उनके समर्थक खुश है और जिनको टिकट नहीं मिली है उनके समर्थक मायूस है और नाराज है । टिकट मिलने वाले प्रत्याशी के मन में इस बात का डर है , कि कही अंदर खाने कोई खेल ना हो जाए । प्रत्याशी चाहे भारतीय जनता पार्टी से संजय टंडन हो या फिर कांग्रेस से मनीष तिवारी डर दोनों को सता रहा है । वजह साफ है की टिकट की दौड़ में कई लोग थे मगर भारतीय जनता पार्टी से बाजी हाथ लगी संजय टंडन के ,तो कांग्रेस से मनीष तिवारी के हाथ में लोकसभा चुनाव 2024 की टिकट आई ।
पहले शुरुआत कांग्रेस से ही करते हैं । कांग्रेस में टिकट के बड़े दावेदार पवन बंसल का टिकट कटने के बाद उनके समर्थक जबरदस्त तरीके से मायूस है । और पवन बंसल से भी ज्यादा बड़ा झटका चंडीगढ़ कांग्रेस को एक या दो दिन में लग सकता है जब मुस्लिम समुदाय के बड़े नेता अनवर उल हक संभावित कांग्रेस को अलविदा कहकर किसी दूसरी पार्टी से टिकट से चुनाव में उतरने जा रहे हैं । दरअसल मामला बिगड़ा है संगठन बनाने को लेकर । कांग्रेस अध्यक्ष लकी ने वार्ड नंबर 4 से संगठन बनाने में कांग्रेस की तरफ से वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने वाली जन्नत जहां की पूरी टीम की अनदेखी कर दी जिसकी वजह से जन्नत जहां और उनके पति अनवर उल हक बुरी तरीके से नाराज है यहां तक की लकी ने अनवर उल हक को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है कि क्यों ना आपको पार्टी से निकाल दिया जाए और वह 7 दिन कल सोमवार को पूरे हो रहे हैं । मगर लगता है कि वह 7 दिन पूरे हो उसके पहले ही अनवर उल हक पार्टी को टाटा कह सकते हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनवर उल हक पार्टी को बाय-बाय तो कर ही सकते हैं । इसके साथ-साथ वह किसी दूसरी पार्टी से टिकट लेकर लोकसभा चुनाव में ताल भी ठोक सकते हैं । और ऊपर से पवन बंसल गुट अलग से नाराज है । पवन बंसल गुट से पवन बंसल के समर्थकों का मानना है कि चाहे कुछ भी हो जाए हम मनीष तिवारी के साथ खड़े नहीं होंगे । और जल्दी ही कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ता कांग्रेस का दामन भी छोड़ सकते हैं । अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चंडीगढ़ में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगने वाला है । हालांकि इस बार कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी है । कांग्रेस का अपना वोट बैंक के साथ-साथ आम आदमी पार्टी का वोट भी मिलने की संभावना है ।
वही बात अब भारतीय जनता पार्टी की कर लेते हैं तो भारतीय जनता पार्टी में भी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जहां संजय टंडन को टिकट मिला है तो अरुण सूद भी टिकट के जबरदस्त दावेदार थे। हालांकि अभी तक खुलकर अरुण सूद गुट ने किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है मगर बहुत ही भरोसेमंद सूत्रों से खबरी प्रसाद अखबार को जो जानकारी मिली है उसके अनुसार लोकसभा चुनाव 2024 से अरुण सूद गुट के कई नेताओं ने अभी से दूरी बनानी शुरू कर दी है और आने वाले वक्त में यह दूरी और बढ़ सकती है ।
हालांकि दोनों पक्षों के नेताओं की तरफ से कैमरे के सामने किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है मगर मन की कसक गाहे बगाहे अपनों के बीच तो निकल ही जाती है ।
तो चंडीगढ़ में अब आधिकारिक तौर पर अगर भारतीय जनता पार्टी से संजय टंडन लोकसभा चुनाव में ताल ठोकेंगे तो कांग्रेस की तरफ से मनीष तिवारी ताल ठोकेंगे । वही अभी दूसरी और अन्य पार्टियों भी कुछ अन्य उम्मीदवार भी सामने आएंगे , जो ताल ठोकेंगे ।मगर चंडीगढ़ की फिजा में एक निर्दलीय उम्मीदवार प्रताप सिंह राणा भी पिछले काफी दिनों से चंडीगढ़ में अपना वोट बैंक मजबूत करने में लगे हुए हैं । यह वही प्रताप सिंह राणा है जिनको लोग अनशन बाबा के नाम से जानते हैं । अनशन बाबा यानी प्रताप सिंह राणा का मानना है कि जनता अब बदलाव चाहती है । चंडीगढ़ में अब तक या तो कांग्रेस की सांसद रहे हैं या फिर भारतीय जनता पार्टी के दोनों ने चंडीगढ़ के लिए कभी कुछ नहीं किया । प्रताप सिंह राणा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी से नाराज और कांग्रेस से नाराज लोग भी उनको अंदर खाने समर्थन दे रहे हैं । राणा के समर्थक कहते हैं की इस बार जनता बदलाव की बात करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार को भी अपना प्यार देने को तैयार है । और चंडीगढ़ इस बार 1 जून को इतिहास रचने जा रहा है । अब चंडीगढ़ की जनता का कितना प्यार अनशन बाबा को मिलता है । इसका पता तो 4 जून को ही चलेगा मगर कहीं ना कहीं यह तो निश्चित है की स्थापित पार्टियों की नींद तो अनसन बाबा ने उड़ा ही रखी है ।
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