बोर्नविटा या इससे मिलते प्रोडक्ट्स को ईकॉमर्स साइट से हटाओ , यह प्रोडक्ट हेल्थ ड्रिंक नहीं
बॉर्नविटा जैसी कंपनी को लगा बड़ा झटका, हटा दिया हेल्थ ड्रिंक की लिस्ट से
प्रेरणा धीमान
मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री अन्य वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को आदेश दिया है कि वह अपने प्लेटफार्म से बॉर्नविटा या बॉर्नविटा से मिलते जुलते जैसे पदार्थ को हेल्थ ड्रिंक केटेगरी से हटा दें ।
बॉर्नविटा जैसी ड्रिंक अब नहीं होगी हेल्थ ड्रिंकिंग कैटेगरी में शामिल। उनका कहना है कि उनके अंदर पाए गए पदार्थ उन्हें हेल्थ ड्रिंक नहीं बनाते।
आपको बता दे कि अब बॉर्नविटा और बॉर्नविटा जैसी ड्रिंक हेल्थ ड्रिंक के नाम से कई ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर बेची जा रही थी । एनसीपीसीआर की जांच रिपोर्ट आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक अधिसूचना के जरिए इसकी जानकारी दी है। सभी ई-कॉमर्स साइट और प्लेटफार्म पर यह निर्देश दिया गया है कि अब बॉर्नविटा और बॉर्नविटा जैसे दूसरे ड्रिंक हेल्थ ड्रिंक के नाम से नहीं बेचे जाएंगे। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि हेल्थ ड्रिंक शब्द को देश के खाद्य कानूनों में परिभाषित नहीं किया गया है।
उनका कहना है कि गलत शब्द का प्रयोग कस्टमर को गुमराह कर सकता है।
आखिर यह कदम क्यों उठाया गया?
दरअसल NCPCR ने जांच में पाया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स कानून के तहत कोई भी हेल्थ ड्रिंक नहीं है। FSSAI अधिनियम 2006, नियमों और विनियमों के तहत स्वास्थ्य पेय की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है। इन सभी मुद्दों को नजर में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। FSSAI ने यह भी कहा कि एनर्जी ड्रिंक्स शब्द को सिर्फ कार्बोनेटेड और गैर कार्बोनेटेड वाटर जैसे प्रोडक्ट्स पर उपयोग किया जा सकता है। इससे पहले इसी महीने सरकार ने ईकॉमर्स कंपनियों द्वारा हेल्थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बेचे जा रहे जूस पर रोक लगाई थी।
दरअसल कुछ समय से युवा एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बॉर्नविटा और दूसरी ड्रिंक का उपयोग कर रहे हैं जो FSSAI के अनुसार असल में एनर्जी ड्रिंक नहीं है। इससे युवाओं की हेल्प पर असर हो रहा है। बॉर्नविटा और दूसरी कंपनी हेल्थ ड्रिंक के नाम से अपने प्रोडक्ट को बेच रही हैं जिससे उनकी सेल बढ़ती ही जा रही है। अब सवाल यह है कि क्या इससे बॉर्नविटा और दूसरी कंपनी की सेल पर प्रभाव पड़ेगा ?
बॉर्नविटा को पहले भी मिल चुके हैं नोटिस
मॉडलिंग इंटरनेशनल इंडिया लिमिटेड यही कंपनी बॉर्नविटा का उत्पादन करती है । कुछ समय पहले राष्ट्रीय बाल श्रम अधिकार संरक्षण आयोग ( NCPCR ) द्वारा बॉर्नविटा में ज्यादा शुगर की मात्रा को लेकर नोटिस भेजा गया था । इस नोटिस में कहा गया था कि बॉर्नविटा को लेकर कई शिकायतें आ रही है जिसमें की कहां जाता है कि इसमें काफी मात्रा में शुगर है जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचती है ।
भ्रमित करने वाले विज्ञापन पर सरकार क्यों नहीं उठाती जल्दी सख्त कदम
लोगों के दिलों दिमाग पर छाने वाले विज्ञापन जो की सेहत के लिए तो नुकसानदाई है ही , जेब पर भी भारी पड़ते हैं । क्योंकि इन भरमाते भी विज्ञापन को देखकर व्यक्ति संबंधित प्रॉडक्ट खरीदना है । जबकि हकीकत इसके विपरीत होती है । आजकल टेलीविजन और छोटे पर्दे पर एक विज्ञापन बहुत भरमाता है कि दूध में चॉकलेट मिलाकर दो तो ताकत आती है जबकि जीरकपुर में बच्चों के डॉक्टर डॉक्टर जितेंद्र के अनुसार के अनुसार ऐसा नहीं है , की दूध में चॉकलेट पाउडर मिलने से दूध में ताकत आ जाती है चॉकलेट से कभी ताकत नहीं आती । हां स्वाद जरूर बदल जाता है चॉकलेट पाउडर मिलने से । लेकिन चॉकलेट पाउडर मिलने का नुकसान भी होता है क्योंकि चॉकलेट पाउडर में शुगर तत्व होते हैं जो कि शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं । यदि किसी माता-पिता को बच्चों के दूध में चॉकलेट पाउडर मिलना भी है तो उसके लिए डाइटिशियन से जानकारी जरूर करें की दूध में कितनी मात्रा में चॉकलेट मिलना चाहिए । और वैसे भी अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों के लिए कोई भी खाने-पीने का पैकेट बंद पदार्थ बाजार से खरीदते वक्त उसके इनग्रीडिएंट्स पर जरूर ध्यान दें कि ऐसा तो नहीं की विज्ञापन में जो चीज दिखाई जा रही हो वह पैकेट बंद सामान में है या नहीं ।
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