लाखों रुपए की लागत से खरीदी मशीनें फिर भी लग रहे कूड़े के ढेर
मशीनें होने के बावजूद करोड़ों का टेंडर लगाने की तैयारी, पैसे की बर्बादी की जा रही है
जीरकपुर (संदीप सिंह बावा)
जीरकपुर नगर परिषद कूड़े के पहाड़ का निपटारा करने में असफल साबित हो रही है। जबकि गीले व सूखे कूड़े के इलावा प्लास्टिक (लेगेसी) कूड़े का पहाड़ दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है। जिसके निपटारे के लिए नगर परिषद ने लाखों रूपये की लागत से दो ट्रोमल मशीन खरीदी थी। जिनको ट्रायल के बाद एक दिन भी नहीं चलाया गया और वह पिछले छह महीने से जंग खा रही है। हैरानी की बात तो यह है की लाखों रूपये की मशीन मंगावने के बाद अब परिषद लेगेसी कूड़े के निपटारे के लिए करोड़ो रूपये से टेंडर किसी ठेकेदार को देने की तैयारी कर रही है।
जो की सरासर जनता व सरकार के पैसे की बर्बादी है। बता दें की इस से पहले नगर परिषद रोजाना पांच क्विंटल कूड़े का निपटारा करने वाली मशीन से काम चला रही है जबकि शहर में रोजाना करीब 50 टन कूड़ा निकलता है। जिसमें आधे से ज्यादा कूड़ा प्लास्टिक का होता है और इस समय डंपिंग ग्राउंड पर कूड़े का पहाड़ बनना शुरू हो गया है। जबकि एक ट्रोमल मशीन की क्षमता रोजाना 25 से 30 टन कूड़ा निपटाने की क्षमता है। जो पैसे की बर्बादी के साथ साथ धुल फांक रही है। जहां अब कूड़े के बड़े बड़े पहाड़ बनने शुरू हो गए हैं। जिसकी गवाही आसपास लगे पेड़ दे रहे हैं। क्योंकि डंपिंग ग्राउंड के आसपास लगे पेड़ों के ऊपर प्लास्टिक इस तरह लटक रहा है जैसे प्लास्टिक पेड़ पर उगने शुरू हो गए हैं। यहां पेड़ों पर पत्तों व फलों की जगह प्लास्टिक लगा हुआ दिखाई दे रहा है। जो हमारे पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। वहीं दुसरी तरफ लोगों की मांग है की ट्रोमल मशीनों पर लगाए पैसे बर्बाद करने की बजाए उनसे काम लेना चाहिए। क्योंकि वह कूड़े का निपटारा करने की क्षमता रखती हैं ।
क्या कहते है अधिकारी ?
हमने फरवरी महीने में ठेकेदार को बुलाकर मौके का जायजा भी लिया था। ठेकेदार की तरफ से कुछ देरी की जा रही है बाकी हमारी तरफ से लगभग काम पूरा है। हम इस पर काम भी कर रहे हैं उम्मीद है के अगले सप्ताह इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। बाकी ट्रोमल मशीनों का परीक्षण चल रहा है उनको भी काम में लिया जाएगा।
अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर
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