सीआईडी और सीएम फ्लाइंग की संयुक्त कार्यवाही में पकड़ा गया हरियाणा पुलिस में भर्ती करवाने वाला व्यक्ति
फर्जी लेटर , पर वर्दी असली , तनख्वाह अकाउंट में , देकर जीतता था भरोसा
पुलिस की हर पोस्ट के लिए था रेट कार्ड
खबरी प्रशाद पंचकुला केशव भुरारिया
चिराग तले अंधेरा यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी । और पंचकूला में यह कहावत पूरी तरीके से चरितार्थ तब हुई जब , पंचकूला के सेक्टर 10 की पुलिस चौकी से महज कुछ मीटर की दूरी पर स्थित गुर्जर भवन में एक व्यक्ति द्वारा हरियाणा होमगार्ड और हरियाणा पुलिस में भरती दिलाने के नाम पर कुछ लोगों को बेवकूफ बनाकर पैसे ऐठ लिए गए । जालसाज ने इन लोगों को इस तरीके से समझा बूझकर रखा था कि किसी को भी किसी तरीके का शक ना पड़े । मौके पर मिले 11 लोग जो कि हरियाणा पुलिस में भर्ती होने का सपना लिए हुए थे इन 11 लोगों में कुछ युवक थे तो कुछ युवतियां भी थी । फर्जी वादा करने वाले व्यक्ति ने इन लोगो हरियाणा पुलिस में भर्ती करवाने के नाम पर पैसे भी वसूल लिए थे और भरोसा जीतने के लिए इन लोगों को बाकायदा वर्दी , आई कार्ड , ऑफर लेटर तक दे दिया गया था । यहां तक की इनको एक महीने की तनख्वाह भी उनके अकाउंट में दे दी गई थी । पीड़ितों ने बताया की लगातार 3 महीने की तनख्वाह दिए जाने के बाद बाकी के पैसे भी दिए जाने थे । मगर एक कहावत है चोर कितना भी होशियार हो , गलती कर ही जाता है । मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित व्यक्ति के अकाउंट में तनख्वाह के नाम पर नगद जमा हुआ । और पीड़ितों को शक हो गया । धीरे-धीरे यह मामला सीआईडी और फिर सीएम फ्लाइंग तक पहुंच गया ।
और फिर हरियाणा पुलिस और होमगार्ड में फर्जी भर्ती मामले में पंचकूला की सीआईडी और सीएम फ्लाइंग टीम ने शुक्रवार को सेक्टर 10 में पुलिस चौकी से से कुछ दूर गुर्जर भवन में चल रहे इस रैकेट बारे गुप्त सूचना पर दबिश दी और मुख्य आरोपी को पकड़ लिया। शुरुआती जांच में सामने आया कि सब इंस्पेक्टर, 4 कांस्टेबल और अन्य होम गार्ड उम्मीदवारों के अलग अलग रेट तय किए गए थे। इंस्पेक्टर के रेट तो 20 लाख से भी ज्यादा थे।
टीम को मौके पर 11 पीड़ित लोग मिले जिनको नकली भर्ती लेटर, आई कार्ड और वर्दी भी दी, जिनको जांच के दौरान बरामद किया गया । सीएम फ्लाइंग टीम की पकड़ में आए जालसाज की पहचान रविंद्र के तौर पर हुई, जो सिरसा का रहने वाला बताया जाता है।
सीएम फ्लाइंग टीम के डीएसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि गुज्जर भवन में फर्जी पुलिस कर्मियों की भर्ती की जा रही है। दो दिन से पुलिस सूद भवन के नजदीक डेरा लगाए सब गतिविधियां भांप रही थी। इस बीच सूचना ये भी थी कि हरियाणा के दूरदराज क्षेत्रों से उम्मीदवार सेक्टर 10 में आकर गुर्जर भवन में रुके हुए हैं। मामला संदिग्ध लगा तो छानबीन शुरू हुई। टीम को मौके पर रविंद्र नाम का शख्स मिला जिसके साथ 11 अन्य उम्मीदवार थे। पुलिस विभाग में भर्ती के लिए उम्मीदवारों को अपने पास रोक कर उनसे भर्ती के नाम पर सौदा किया गया।
उन्हें पिछले 2 महीनों की सेलरी भी दी जा रही थी। अभी कुछ और भर्तियों का सिलसिला जारी था कि पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।
डीएसपी ने खुलासा किया कि पुलिस भर्ती के नाम पर आरोपी मासूम उम्मीदवारों को झांसा देकर नकली अपॉइंटमेंट लेटर देते साथ ही उन्हें वर्दी भी दी गई ताकि उन्हें विश्वास हो जाए की उनकी भर्ती सही हाथों में हुई है। पुलिस को मौके पर मिले कुछ लोगों ने वर्दी दिए जाने की भी बात की है। इस बारे छानबीन जारी है।
उम्मीदवारों को पुलिस में भर्ती किए जाने के बाद उन्हें बकायदा सैलरी भी दी गई। अब नया महीना जैसे ही चढ़ा तो सैलरी भी कैश दी गई। इससे उम्मीदवारों को शक हो गया। डीएसपी ने मीडिया को बताया कि आरोपियों ने फर्जी लेटर के जरिए कैसे भर्ती का खेलखेला इस संबंध में पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है। सीएम फ्लाइंग को शक है कि पहले से ही ये रैकेट और लोगों की भी भर्ती कर चुका था जिसके बारे पता लगाने के लिए सीएम फ्लाइंग टीम आरोपी को हिरासत में लेने के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में दबिश देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस रैकेट का पता लगाएगी कि उम्मीदवारों के साथ आरोपियों ने कैसे संपर्क किया और उनसे अब तक भर्ती के नाम पर कितने पैसे लिए गए थे।
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