विपक्ष ने डाले सत्ता पक्ष के आगे हथियार ,घोषित नहीं कर पा रहा उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा हो चुकी है और सत्ता रूढ़ भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार घोषित कर रही है जबकि विपक्ष की तरफ से अभी तक बैठकों का ही दौर जारी है । भारतीय जनता पार्टी लगातार अपने अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट रेलिया में जनता के बीच से मैसेज पहुंचने की कोशिश कर रही है कि अबकी बार 400 पार । मगर भारत का विपक्ष क्या कर रहा है इसी बात को लेकर आज भारत की फायर ब्रांड तेज तर्रार पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर विपक्ष को ही घेरा है और विपक्ष से ही सवाल पूछा है। प्रज्ञा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा ,
जब 2024 के चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा..तो दर्ज किया जाएगा..कि सत्ता से डरे हुए उत्तर भारत के विपक्ष ने..वोटिंग से 14 दिन पहले तक कोई इंडीवीजुअल चुनावी रैली नहीं की..जब 2024 के चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा..तो लिखा जाएगा की एक-दो पार्टियों को छोड़कर बाकी सभी पार्टियां सत्ता धारी पार्टी की बी टीम की भूमिका में दिखाई दे रही थीं…
जब 2024 के चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा..तो लिखा जाएगा..कि 2024 के चुनाव में जो पार्टियां विपक्ष में थीं..उनमें एक दो को छोड़कर साभी डरपोक और कामचोर थीं…2024 के चुनाव का इतिहास जब लिखा जाएगा..तो दर्ज किया जाएगा..कि गांव गरीब मजदूरों की बात करने वाली पार्टियों ने लगभग 60 प्रतिशत उस जनता को..जो सत्ताधारी पार्टी को वोट नहीं देना चाहती थी..उसके सामने से विकल्प खत्म कर दिए थे…जब 2024 के चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा तो..उसमें दर्ज किया जाएगा कि उत्तर भारत के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य का विपक्ष..धुआंधार चुनाव प्रचार के समय..एक ही सीट पर रोज टिकट काटकर नए कैंडीडेट को देता था..जब 2024 के चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा तो दर्ज किया जाएगा कि देश के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव में...एक दो पार्टियों को छोड़कर विपक्ष कन्फ्यूज था..2024 के चुनाव का जब इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें लिखा जाएगा कि 2024 चुनाव से पहले एक दो पार्टियों को छोड़कर सबने अपना स्वाभिमान सत्ता के आगे गिरवी रख दिया था.. चुनाव सिर्फ पैसे से लड़ा जाता है ऐसा नहीं है..चुनाव हौसले और हिम्मत से भी लड़ा जाता है...गांव में जाने के लिए..लोगों से मिलने के लिए...समाज में विचारण के लिए...पैसों के जहाज पर ही बैठकर जाया जा सकता हो..ऐसा नहीं है...आज की तारीख का सच ये है कि विपक्ष से ज्यादा सत्ता पक्ष को आईना देश के स्वतंत्र पत्रकार दिखा रहे हैं..चुनाव से 14 दिन पहले एक दो संघर्षरत पार्टियों को छोड़कर बाकी संपूर्ण उत्तर भारत के विपक्ष को प्रज्ञा मिश्रा की तरफ से श्रद्धांजलि...ईश्वर अकस्मात मृत्यु को प्राप्त हुए विपक्ष की आत्मा को शांति दे..
तो अगर विपक्ष का यह हाल रहने वाला है तो किस तरीके से विपक्ष सत्ता पाने के सपने देख रहा है । युद्ध में जाने के लिए जो तैयारी होती है वह विपक्ष की तरफ से कहीं नजर नहीं आ रही । सच तो यह है कि एक तरह से देखा जाए तो विपक्ष की लगभग लगभग पूरी टीम ने सत्ता पक्ष के आगे हथियार डाल दिए हैं।
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