घरों से हो रहे खाद्य पदार्थ सप्लाई खाद्य विभाग कुंभकरण की नींद में
बीते दिनों पटियाला में एक 10 साल की बच्ची अपने जन्मदिन पर केक खाने के बाद मर गई । और सिर्फ बच्ची की ही मौत नहीं हुई बच्ची के परिजनों की भी हालत खराब है और उन्हें अस्पताल जाना पड़ा । शिकायत पुलिस तक पहुंची और जब जांच पड़ताल हुई तो पता चला कि परिजनों ने जिस जगह से केक मंगवाया था वहां पर वह दुकान उपलब्ध ही नहीं थी क्योंकि ज्यादातर लोग आजकल खाने-पीने का सामान ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं । ना तो उनको यह पता होता है कि जिस जगह पर वह आर्डर कर रहे हैं , क्या वहां पर वह दुकान उपलब्ध है या नहीं । और सबसे बड़ी बात तो यह की शायद ही किसी जिले के खाद्य विभाग के पास में भी आज के वक्त में इस बात की जानकारी उपलब्ध हो कि कितने लोग ऐसे हैं जो घर से खाने पीने का सामान बनाकर बेच रहे हैं । घर से खाने पीने का सामान बनाकर बेचने वालों के पास , ना तो किसी प्रकार का कोई लाइसेंस होता है ना ही साफ सफाई के सरकार के कड़े नियमों का ध्यान रखा जाता है।
पटियाला केक कांड मामले में बड़ा खुलासा , सेहत से खिलवाड
पटियाला बर्थडे केक कांड मामले में बड़ा खुलासा पुलिस के द्वारा किया गया है पुलिस ने बताया है कि जिस जगह से केक का आर्डर किया गया था । वह लोग 30 40 केक पहले से ही बना कर तैयार रखते थे और जब ऑर्डर आता था तब उसे केक को सजाकर लोगों के घरों तक ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियों के द्वारा भिजवा दिया जाता था । वह लोग किसी भी ऑर्डर को पूरा करने के पहले यह भी नहीं पड़ताल करते थे कि जो सामान वह भेज रहे हैं क्या वह खाने लायक है या नहीं।
उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन ऑर्डर करें तो क्या ध्यान दें
आजकल ज्यादातर लोग खाने पीने का सामान ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं । कभी-कभी तो सस्ते के चक्कर में भी ऑनलाइन ऑर्डर कर देते हैं । ऑनलाइन ऑर्डर करना कोई गुनाह नहीं है मगर उसके पहले कुछ जानकारियां आपके लिए जरूरी है जिनको अगर आप ध्यान रखेंगे तो किसी प्रकार से आपकी सेहत को नुकसान पहुंचने की संभावना कम से कम रहेगी।
जिस भी दुकान से आप ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं कम से कम उस दुकान की आपको जानकारी होनी चाहिए।
पहली बार अगर ऑर्डर कर रहे हैं तो उनके बारे में जानकारी जरूर रखें कि क्या वहां पर खाना बनाने की सुविधाएं हैं वह ठीक है या नहीं सिर्फ ऑनलाइन कंपनियों के भरोसे ना बैठे रहे।
जब ऑनलाइन ऑर्डर कर तो यह भी देखें कि क्या उनके पास खाद्य विभाग से संबंधित समुचित लाइसेंस है या नहीं।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी वाली कंपनियां सिर्फ आपके घर तक फूड डिलीवरी करती है उनको इसे कोई मतलब नहीं है कि वह खाना कैसा बना है । यह किस वातावरण बना है उनका काम है सिर्फ उसे समान को आपके घर तक डिलीवर करना।
खाद्य विभाग के आधिकारी कुंभकरण की नींद में
लगभग सभी जिले के खाद्य विभाग के अधिकारी बड़ी दुकानों पर तो दिखावे के लिए ही सही पर कभी कबार चल ही जाते हैं और सामान चेक करते हैं मगर घरों से चल रही इन मौत का सामान वाली फैक्ट्री पर ना तो उनके पास कोई डेटा है ना ही कोई जवाब देही किसी की । तो ऐसी स्थिति में स्वस्थ बिगड़ता है तो सिर्फ उपभोक्ता का । खाद्य विभाग आंख मूंद करके पूरी तरीके से बैठा हुआ है । खबर लिखे जाने के वक्त हमने पंचकूला के खाद्य अधिकारी प्रेम कुमार को फोन लगाकर संपर्क करने की कोशिश की की पंचकूला में घरों से चल रही इन खाद्य विभाग की दुकानों पर भी कभी छापेमारी की गई है या नहीं तो उन्होंने फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा जिसकी वजह से किसी प्रकार का जवाब नहीं मिल सका है।
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