न्यायपालिका खतरे में 500 से ज़्यादा वकीलों ने लिखी मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी
न्यायपालिका पर एक विशेष गुट दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है
भारत के इतिहास में पहली बार 500 से ज़्यादा वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी य चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है और इस चिट्ठी में लिखा गया है कि भारत की न्यायपालिका पर छिछले आरोप लगाया कर न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है । यह एक विशेष गुट का काम है । इस पत्र को लिखने वालों में भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे सहित भारत के 500 से ज्यादा वरिष्ठ वकील शामिल है जिन्होंने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को यह चिट्ठी लिखी है ।
वकीलों ने क्या लिख चिट्ठी में
मुख्य न्यायाधीश डी य चंद्रचूड़ को लिखी गई चिट्ठी में वकील लिखा हम वह लोग हैं जो कानून को बरकरार रखने के लिए दिन-रात काम करते हैं । हमारा यह मानना है कि हमें अदालतों के लिए खड़ा होना होगा अब हम सबके साथ आने और आवाज उठाने का वक्त है उनके खिलाफ बोलने का वक्त है जो न्यायपालिका पर छिपकर वार कर रहे हैं । हम सबको मिलकर जा दर्द निश्चय करना होगा कि अदालत्ते लोकतंत्र का स्तंभ बनी रहे इन पर किसी का कोई हमला न होने पाए ।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार 26 मार्च को लिखी गई इस चिट्ठी में बर काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा भी शामिल है । चिट्ठी में लिखा गया है कि राजनीतिक मामलों में भ्रष्टाचार या कोई राजनेता भ्रष्टाचार के आरोप में गिरा है उनकी तरफ से अदालतों पर दबाव बनाने की कोशिश लगातार हो रही है । किस तरह की बातें लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरा बन रही है और अदालतों के लिए भी ।
चिट्ठी में लिखा गया है कि कुछ वकील दिन में तो किसी की राजनेता का या पार्टी का कैसे लड़ते हैं और देर शाम वह मीडिया में जाकर बयान देते हैं ताकि फैसले को प्रभावित किया जा सके एक तरह से यह मीडिया ट्रायल हो जाता है । यह अदालत की मानहानि भी है और अदालत की गरिमा पर हमला भी है ।
न्यायाधीशों के मामले में भी झूठ बोला जाता है । इस तरह के हमले से अदालत को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को खड़ा होना होगा कड़े कदम उठाने होंगे चुप रहने और कुछ न करने से इन सभी लोगों को और ज्यादा हिम्मत मिलेगी ।
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