सम्मन की होम डिलीवरी देने आई ईडी की टीम केजरीवाल को गिरफ्तार करके ले गई
“आप” के लिए शराब हानिकारक!!!
आखिरकार दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल को ईडी ने किया गिरफ्तार
हाई कोर्ट से झटका लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट से रात मे केजरीवाल को नहीं मिली राहत
खबरी प्रशाद, दिल्ली / रीतेश माहेश्वरी
बृहस्पतिवार को हाई कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को झटका मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम देर शाम केजरीवाल के सरकारी आवास पर पहुंच गई और लगभग ढाई घंटे के सवाल जवाब के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करके चली गई।
जिस समय एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की टीम केजरीवाल से पूछताछ कर रही थी उस समय आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता केजरीवाल के घर के बाहर मौजूद थे।
दिल्ली की तेज तर्रार मंत्री आतिशी ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ और सिर्फ केजरीवाल से डरती है इसलिए केजरीवाल को ही गिरफ्तार करने का प्लान रचा जा रहा है कि किसी भी तरीके से केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाए।
दिल्ली के विधानसभा स्पीकर ने कहा, केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे।
शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अब जेल पहुंच गए हैं यानी की दिल्ली की लगभग आधी आम आदमी पार्टी की सरकार अब जेल में है।
अरविंद केजरीवाल दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जिनको मुख्यमंत्री रहते हुए गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया है।
विपक्षी नेताओं दी कड़ी प्रतिक्रिया
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि चुनाव के चलते मुख्यमंत्री को इस तरह टारगेट करना एकदम गलत और संवैधानिक है। राजनीतिक का स्तर इस तरह से गिराना प्रधानमंत्री जी को ना शोभा देता है ना उनकी सरकार को।
चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 21, 2024
अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों…
भाजपा नेता संबित पात्रा की प्रतिक्रिया
भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा, बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाए, केजरीवाल के घर के बाहर तो भ्रष्टाचार का सेलिब्रेशन चल रहा है। पिछले 3 साल से जब केजरीवाल की शराब नीति को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब क्यों नहीं दिया और अगर आपकी शराब नीति इतनी ही अच्छी थी तो उसको फिर वापस क्यों लिया।
अपने आलोचकों से रणभूमि में उतरकर लड़िए : दीपा दुबे
चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दुबे ने कहा कि चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को।
अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए – यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है।
देश के विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज़ कर दिये गये हैं, तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर ED, CBI, IT का दिन रात दबाव है, एक मुख्यमंत्री जेल में डलवा दिये गये हैं, अब दूसरे मुख्यमंत्री को भी जेल ले जाने की तैयारी हो रही है। ऐसा शर्मनाक दृश्य भारत के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है।
जनता तय करेगी या जांच एजेंसी : रवीश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार
क्या 2024 का रिज़ल्ट घोषित हो चुका है? अब कोई भी सर्वे लाइये, कोई भी डेटा लाइये, सब सही हो जाएगा। कहीं से फ़िट कर दीजिए, सब सही हो जाएगा। 400 की जगह 543 लिख दीजिए, सही हो जाएगा। विपक्ष का मुख्यमंत्री भी सुरक्षित नहीं। हेमंत सोरेन गिरफ़्तार। केजरीवाल गिरफ़्तार। कांग्रेस का खाता बंद। विपक्ष रहित चुनाव। जनता तय करेगी या जाँच एजेंसी। बेकार का सवाल।
क्या जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल?
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील अनिल सोनी ने इस मामले पर कहा कि भारत के इतिहास में अब तक तो ऐसा कोई भी केस नहीं आया है की जेल में रहते हुए किसी मुख्यमंत्री ने सरकार चलाई हो। ना ही जेल से सरकार चलाने के बारे में संविधान में कोई नियम है। संभवत यह पहला केस ऐसा होगा की जेल में रहकर कोई मुख्यमंत्री सरकार चलाएगा। मगर उनका यह मानना है की जेल में रहकर सरकार चलाना इतना आसान काम नहीं है क्योंकि सरकार की बहुत सी गोपनीय फाइल होती है जिन पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर किए जाते हैं। अगर उन फाइलों को मुख्यमंत्री कार्यालय से जेल में लाया जाता है तो जेल मैनुअल के अनुसार बिना जेलर की अनुमति के कोई भी फाइल अंदर नहीं लेकर जाई जा सकती। तो इसके लिए सबसे पहले तो जेलर से अनुमति लेनी पड़ेगी तभी फाइलें अंदर जाएंगी और उसके बाद ही मुख्यमंत्री इस पर साइन कर पाएंगे। ऐसी स्थिति में जनता से जुड़े हुए कामों में देरी आ सकती है। दूसरी बात अगर कैबिनेट की बैठक करनी होगी तो किस तरीके से होगी उसके लिए भी जेलर की अनुमति लेनी होगी। बिना जेलर की अनुमति के जेल के अंदर कोई काम नहीं हो सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए कोर्ट से 2 साल की सजा हो जाती है तो ऐसी स्थिति में वह सरकार चलाने के लिए अयोग्य हो जाएंगे तब उनको अपने ही किसी सहयोगी को सत्ता देनी ही होगी।
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