बाबा जी हाजिर हो !!!!!!भ्रामक विज्ञापन पर पतंजलि पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा से कहा क्यों ना आपके ऊपर अवमानना का केस चले
खबरी प्रशाद दिल्ली प्रेरणा ढींगरा
पतंजलि सन 2006 मे भारत के अंदर स्थापित हुआ एक आयुर्वेदिक ब्रांड है । पर भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि के ऊपर सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का यह मानना है कि पतंजलि का विज्ञापन लोगों में भ्रम पैदा कर रहा है और इसी को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अंदर याचिका दायर की थी ।
फर्जी विज्ञापन के मायाजाल में फसी पतंजलि
पतंजलि पर फर्जी विज्ञापन चलाने का आरोप लगा है। इंडिया मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि पतंजलि ने अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापन अखबारों में छपवाया है जिसमें कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया गया है । ऐसा इसलिए ताकि लोग पतंजलि का प्रोडक्ट्स ज्यादा खरीदें। याचिका में लिखा हुआ है कि पतंजलि ने कोरोना के समय कोविड से छुटकारा पाने के लिए एक दवा का विज्ञापन दिया था और यह दावा किया था कि उनकी दवाई से किसी भी व्यक्ति को कोविड नहीं होगा पर इस बात की कोई भी पुष्टी इंडियन मेडिकल संगठन द्वारा नहीं की गई थी। पतंजलि के कैंपेन के बाद आयुष मंत्रालय ने उन्हें फटकारा भी और कैंपेन बंद करने के लिए कहा। आपको बता दें कि नवंबर महीने में कोर्ट ने पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन बंद करने के आदेश दिए थे और यह भी कहा था कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो पतंजलि के हर एक प्रोडक्ट पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा । पर बाबा रामदेव की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का कोई भी जवाब नहीं दिया । और अब विज्ञापन केस के चलते सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को कोर्ट में पेश होने का आदेश दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव के अलावा यह नोटिस आचार्य बालकृष्ण को भी भेजा।
जानिए कितना है पतंजलि का टर्नओवर
पतंजलि भारत में 2006 के दौरान बनी थी। बाबा रामदेव की यह आयुर्वेदिक कंपनी अपने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स बेचती है और 2020 से 2021 में पतंजलि ने 30,000 करोड़ से भी अधिक का टर्नओवर किया था तब पतंजलि का प्रॉफिट 886 करोड़ था। आज के समय में बाबा रामदेव के प्रोडक्ट 200 देशों मे बिकते हैं। पतंजलि ने आने वाले 5 सालों के लिए अपना लक्ष्य 50,000 करोड़ रखा है। पतंजलि का दावा है कि वह पहली स्वदेशी एफएमसीजी कंपनी है जिसने 30,000 करोड़ का टर्नओवर करा हो।
आखिर फर्जी विज्ञापन किस तरीके से आपकी सेहत और जेब को नुकसान पहुंचाते हैं
फर्जी विज्ञापन जेब और शरीर दोनों को ही नुकसान पहुंचाता है। अक्सर बड़े-बड़े कलाकार हमें किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन करते हुए नजर आते हैं जिससे लोग उनका प्रोडक्ट खरीदें। पर सवाल यह उठता है कि क्या कलाकार खुद उन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं? अगर वह प्रोडक्ट शरीर के लिए इतना ही फायदेमंद है तो कलाकार उनका इस्तेमाल खुद क्यों नहीं करता? सोचने वाली बात तो यह है कि हमने साबुन जैसे विज्ञापन में बॉलीवुड की हसीनाओं को उन्हें इस्तेमाल करते हुए देखा है पर असल जिंदगी में क्या वह लोग यह साबुन इस्तेमाल करते हैं। हम सभी जानते हैं कि पान मसाला सेहत के लिए कितना हानिकारक है पर बड़ी-बड़ी हस्तियां ऐसे विज्ञापनों में देखने को मिलती हैं। तो क्या यह मानना सही होगा कि वह खुद भी पान मसाला ग्रहण करते हैं। अक्सर महिलाएं सुंदरता के लिए अलग-अलग तरीके के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं। ब्यूटी प्रोडक्ट का विज्ञापन अकसर दावा करता है कि महिलाएं उनका प्रोडक्ट लगाने से गोरी हो जाएगी या उनकी उम्र कम दिखने लगेगी। ऐसे विज्ञापनों को देखकर महिलाएं महंगे प्रोडक्ट्स खरीद लेती है और बाद में जाकर उन्हें पछतावा होता है। कई बार तो प्रोडक्ट्स में हानिकारक रसायन मिलाया जाता है जिससे उनकी त्वचा और भी खराब हो जाती है। ऐसे प्रोडक्ट के विज्ञापन से सावधानी और सुरक्षा बरतनी चाहिए और इनका इस्तेमाल भी किसी विज्ञापन को देखकर नहीं करना चाहिए।
कानून तो है भ्रामक विज्ञापन पर, जमीनी हकीकत कोसों दूर
फर्जी या भ्रामक विज्ञापन के रोक के लिए सरकार ने कई सख्त कानून बनाए हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत सरकार ने कुछ नियम लागू किए हैं जिसका पालन हर एक कंपनी को करना होगा नहीं तो 50 लाख तक का जुर्माना लग सकता है और 2 साल की जेल भी हो सकती है। पहली बार फर्जी विज्ञापन देने के लिए 10 लाख तक का जुर्माना लिया जाएगा और अगर फर्जी विज्ञापन बंद नहीं किया गया तो 50 लाख तक भी देने पड सकते हैं ।
सरकार ने फर्जी विज्ञापन के कानून में यह भी कहा है कि कोई भी कंपनी अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए कंज्यूमर को जल्दी खरीदने के लिए नहीं बोलेगी। अगर कोई कंपनी प्रोडक्ट्स बेचने के लिए झूठा दावा करती है तो सख्त करवाई की जाएगी। फर्जी विज्ञापन करके लोगों को भटकना या अपना प्रोडक्ट लेने पर मजबूर करना अपराध माना गया है। ग्राहकों के साथ होने वाले फ्रॉड के लिए आप कंज्यूमर कोर्ट भी जा सकते हैं।
यह तो थी सरकारी नियमों की बात मगर हकीकत इन नियमों से कोसों दूर नजर आती है। फर्जी विज्ञापन या नकली प्रोडक्ट बनाने वाले लोग सरकार के नियमों में ही कमियां खोज लेते हैं और उन कमियों का फायदा उठाते हैं । इसके अलावा इन नियमों का पालन करवाने के लिए सरकार के पास जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी भी वृहद स्तर पर मौजूद है । जिसका फायदा भी नकली प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां उठाती हैं ।
नकली और असली में पुष्टि कैसे करें
आज के समय में मार्केट के अंदर नकली प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं तो ऐसे में कैसे समझे कि कोई प्रोडक्ट असली है या नकली। अगर आपके पास कोई नकली प्रोडक्ट आया है तो आप कोर्ट में जाकर कंपनी पर केस दर्ज कर सकते हैं। ग्राहकों को हमेशा सावधान रहना चाहिए और अगर एक ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग कर रहा है तो हमेशा जानी मानी वेबसाइट से ही खरीदी करनी चाहिए। कोई कंपनी अगर अपने प्रोडक्ट्स से गोरा होने का, लंबा होने का या सुंदर होने का दावा करती है तो ऐसी कंपनियों पर विश्वास ना करें। खाने पीने की चीजों के लिए भी सतर्क रहे क्योंकि मार्केट के अंदर खाने की चीजों में मिलावट देखा जा सकता है जिससे आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचेगा। फेक प्रोडक्ट का पता आप प्रोडक्ट नंबर या पेटेंट से लगा सकते हैं। फेक प्रोडक्ट में किसी भी तरीके का प्रोडक्ट नंबर नहीं होता है। धर्म के नाम पर भी कई बाबा या साधु ऐसे दावे करते हैं कि उनकी दवाई खाने से एक महिला को लड़का पैदा होगा और अपनी ऐसी दवाइयों का प्रचार भी करते हैं। ऐसे प्रचार पर भी सरकार ने रोक लगाई है। लोगों को ऐसे प्रचार या विज्ञापन से भी दूर रहना चाहिए जो किसी भी तरीके का भ्रम आपके दिमाग में पैदा कर रहा हो । जब तक एक प्रोडक्ट की पूरे तरीके से पुष्टि ना की जाए तब तक इन पर विश्वास ना करें। कुछ खरीदते समय सावधानी बरते और ऐसे धोखेबाजी का शिकार होने से बचे ।
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