सुप्रीम कोर्ट का आया आदेश, इलेक्शन कमीशन को सौंपी गई सारी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रोल बॉन्ड मामले को लेकर अपना फैसला सुना दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आदेश दिया था कि वह इलेक्ट्रोल बोर्ड मामले में सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपे। वहीं चुनाव आयोग को आदेश दिया गया है कि वह सारी जानकारी 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर डालें।
एसबीआई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 12 मार्च को इलेक्ट्रोल बॉन्ड का सारा डाटा चुनाव आयोग को दे दिया है। इस डाटा को अब चुनाव आयोग 15 मार्च को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगी। इलेक्ट्रोल बॉन्ड मामले में एसबीआई को 11 मार्च के दिन सुप्रीम कोर्ट ने काफी फटकार लगाते हुए यह आदेश दिया था। 11 मार्च के ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की समय अवधि की याचिका को खारिज करके 12 मार्च तक का समय एसबीआई को दिया था। अपनी याचिका में एसबीआई ने कहा था कि सारा डाटा तो अलग-अलग ब्रांच में जमा किया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते वक्त यह भी कहा कि अगर उनके दिए गए समय पर काम नहीं किया गया तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए उन्हें कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी।
एसबीआई ने एक पेन ड्राइव और दो पीडीएफ फाइल के जरिए सारा डाटा इलेक्शन कमीशन को सौप दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड को किसी भी पार्टी को नहीं सौंपा गया है उसे पीएम केयर फंड में डाल दिया गया है। बैंक ने इस डाटा में बताया कि अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक 22217 इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड खरीदे थे जिसमें 22030 का प्रयोग कर लिया गया है और 187 पीएम केयर फंड रिलीफ में जमा कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड और उसके नाम समेत सभी जानकारी इलेक्शन कमीशन को मिल चुकी है।
सवाल तो अभी भी यही है कि ऐसा क्या था उस डाटा में जो उसे पूरी दुनिया से छुपाया गया। इस डाटा से लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ता है यह तो वक्त ही बताएगा। 15 मार्च के दिन इलेक्शन कमिशन सारा डाटा अपनी वेबसाइट पर डाल देगी। एक सवाल यह भी उठता है कि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के दबाव में सारा डाटा एक ही दिन के अंदर इलेक्शन कमीशन को सौंप दिया तो वह इस डाटा के लिए 4 महीने का समय क्यों मांग रही थी? आखिर सुप्रीम कोर्ट को एसबीआई पर दबाव डालने की नौबत क्यों आई?
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