लोकसभा चुनावों के पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में आई गिरावट
प्रेरणा धींगरा
पेट्रोल और डीजल के दाम कम करके क्या सरकार ने दिया है आम जनता को लॉलीपॉप?
हर महीने बेटियों को हजार रुपए देने के बाद सरकार ने पुरुषों को भी दी राहत। राज्य स्तर पर हुआ पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव। बेटियों के लिए हर महीने हजार रुपए की स्कीम निकालने के बाद अब पेट्रोल और डीजल के दामों में भी सरकार ने राहत दी।
जब दिल्ली और हिमाचल के बजट ऐलान में हर महीने महिलाओं को हजार रुपए देने की बात की गई तो एक यह भी सवाल उठा की महिलाओं के वोटो के लिए तो हर महीने हजार दे दिए पर पुरुषों की राहत के लिए क्या? हर महीने हजार देने के बाद जब पुरषो ने यह सवाल उठाया की पेट्रोल और डीजल तो रोज की जरूरत है अगर उसके दाम में बदलाव किया जाए तो कुछ बात है। इस बात का जवाब राज्य सरकारों ने पेट्रोल और डीजल के रेट में बदलाव करके दिया।
बिहार , मध्य प्रदेश , गुजरात, हरियाणा , महाराष्ट्र और ओडिसा में पेट्रोल और डीजल के भाव किए गए कम। आज सुबह ही पेट्रोल की कंपनी ने पेट्रोल की नई कीमत जारी कर दी है पर ऐसे कितने सारे राज्य हैं जिनमें पेट्रोल के दाम को बढ़ाया भी गया है। जहां एक जगह दाम कम हुए वहीं दूसरी जगह भाव को बढ़ा भी दिया और कई जगह तो ऐसी भी है जिनमें कोई बदलाव नहीं देखा गया। पेट्रोल और डीजल की भाव अभी केंद्र सरकार द्वारा नहीं बदली है बल्कि राज्य सरकारों द्वारा बदली गई है। दिल्ली मुंबई और कोलकाता राज्यों में अभी तक कीमत में कोई बदलाव नहीं देखा गया है वहीं चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 23 पैसे और डीजल की कीमत 22 पैसे कम हुई है।
बिहार में 10 पैसे घटा दिए हैं पेट्रोल और डीजल पर। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान , तेलंगाना, उत्तर प्रदेश , तमिलनाडु, उत्तराखंड , हिमाचल प्रदेश, गोवा , कर्नाटक, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए हैं।
क्या राज्य सरकारों द्वारा की गई है वोट ख़रीदने की साजिश?
महिलाओं को हर महीने हजार देने के बाद यह बात तो सही साबित होती है कि महिलाओं का वोट खरीदने की कोशिश सरकार द्वारा की गई है। इस बात पर सवाल यह उठ सकता है कि लोकसभा चुनाव के आने से पहले ही क्यों महिलाओं को हर महीने हजार रुपए देने का फैसला किया गया? इससे पहले यह फैसला क्यों नहीं लिया गया? अब महिलाओं के बाद पुरुषों के लिए भी पेट्रोल और डीजल के भाव को कम करके हाथ में लॉलीपॉप पकड़ा दिया है। राज्य सरकारों ने महिलाओं के बाद पुरुषों को भी अपनी तरफ कर लिया है। इस बात पर सवाल यह उठता है कि पहले क्यों नहीं डीजल और पेट्रोल के दामों को कम किया गया? लोकसभा चुनाव आते ही ऐसा क्या हो गया जो इन दामों में बदलाव लाया गया। पहले क्या महंगाई से परेशान लोग सरकारों की नजर में नहीं आते थे? सबसे अहम सवाल तो यह उठता है कि हर राज्य का पेट्रोल और डीजल कम नहीं हुआ है और जिन राज्यों मैं पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बदले गए हैं वहां क्या आम जनता को महंगाई नहीं सताती है? अब देखने वाली बात तो यह है कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी क्या पेट्रोल और डीजल के दाम कम ही रहेंगे या तब पैसों को बढ़ा दिए जायगा।
क्या सच में पेट्रोल और डीजल के दाम कम करके आम जनता को मिली राहत?
एक सबसे बड़ा सवाल तो यह भी उठता है कि क्या सच में पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव लाकर सरकार ने आम जनता को राहत दी है। आज के जमाने में पैसों की कीमत तो कुछ भी नहीं है और इसी जमाने में सिर्फ चंद पैसे कम करके आम जनता को आखिर कितनी राहत मिलेगी। 10 पैसे का बदलाव करके राज्य सरकारों ने सच में मीठी गोली ही दे दी है। जहां आज के जमाने में ₹10 की कीमत नहीं है वही इस जमाने मे सरकार ने 10 पैसे कम करके क्या सच में बदलाव किया है? इस महंगाई के दौर में 10 पैसे जितनी सहूलियत देकर सरकार ने कहने को बदलाव कर भी दिया और नहीं भी। हम सभी लोग जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल केंद्र सरकार की कमाई का एक बड़ा जरिया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार को टैक्स के तौर पर बड़ा हिस्सा पेट्रोल और डीजल से मिलता है और इस कमाई के जरिए में सरकार ने एक आम आदमी को सिर्फ 10 पैसे की छूट दी है। क्या इस छूट से सच में आम आदमियों का भला होगा?
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