एसबीआई को 12 मार्च तक और चुनाव आयोग को 15 मार्च तक इलेक्टोरल बांड का पूरा ब्यौरा देना होगा
इलेक्टरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 12 मार्च तक एसबीआई को बताने होंगे नाम और 15 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को पब्लिक के लिए जानकारी पब्लिश करनी होगी । सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एसबीआई चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एफिडेविट फाइल करें कि दिए गए आदेश का पालन करेंगे अभी हम कोई भी कंटेंप्ट आफ कोर्ट नहीं लग रहे हैं लेकिन एसबीआई को नोटिस दे रहे हैं कि अगर आज के आदेश का वक्त रहते पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है ।
40 मिनट की सुनवाई के बाद पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है ।
लगभग आधे घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बांड पर फैसला लिखा जा रहा है कुछ ही देर में पता चल जाएगा कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को समय मिलेगा या उसे तुरंत जानकारी देने के लिए कह दिया जाएगा ।
ElectoralBondsCase SBI की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक को चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।
साल्वे का कहना है कि SBI की समस्या यह है कि पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा। एसओपी ने सुनिश्चित किया था कि कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं हो।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप तत्काल आदेश का पालन करिए. आप ईसीआई के सामने जानकारी ओपन करे. ये बहुत गंभीर मामला है ।
एसबीआई ने कहा कि बॉन्ड नंबर, नाम और कितने का बॉन्ड हैं, यह दो-तीन हफ्ते में ईसीआई को मुहैया करा देंगे. किस पार्टी को क्या दिया गया है ये भी तीन सप्ताह में मुहैया करा देंगे ।
कोर्ट ने पूछा कि पिछले 26 दिन में एसबीआई ने क्या किया? यह बात आपकी अर्जी के लिए नहीं बताई गई है. यह बताना था कि कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने डाटा उपलब्ध कराने के लिए क्या-क्या किया?
साल्वे ने कहा कि कम से कम तीन माह चाहिए. हम कोई गलती नहीं कर सकते, अन्यथा लोग हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा देंगे.
साल्वे ने कहा कि बॉन्ड किसने खरीदे, ये जानकारी दे सकते हैं, लेकिन नाम के साथ बॉन्ड नंबर देने के लिए समय चाहिए. काम चल रहा है ।
साल्वे ने कहा कि हमारी समस्या ये है कि हमारे पास पूरी जानकारी है, लेकिन सभी नाम अलग फिजिकली रखे गए हैं, जबकि बॉन्ड नंबर और किस राजनीतिक दल को बॉन्ड दिया गया, यह अलग है. यह बैंक की परेशानी है ।
साल्वे ने कहा कि केंद्र सरकार के नियम के अनुसार, बैंक बॉन्ड खरीददार और नंबर की जानकारी किसी प्राधिकार को नहीं दे सकती
CJI ने कहा कि सारी जानकारी मुंबई की सेंट्रल मेन ब्रांच भेजी जाती है तो फिर ईसीआई को देने में परेशानी क्या है?
CJI ने कहा कि सभी नाम सीलकवर में एसबीआई की मुंबई की मेन ब्रांच में भेजे जाते हैं, ऐसा आपने अपने आवेदन में लिखा है.
साल्वे ने कहा कि हमें पूरा प्रोसर रिवर्स करना होगा. ऐसे में इलेक्टोरल बॉन्ड लेने वालों के नाम और नंबर देने के लिए समय चाहिए. यह सीक्रेट था और अब ईसीआई को देना है.
एसबीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पूरी जानकारी देने के लिए बैंक को समय चाहिए
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!