भारतीय महिलाओं की सेक्स लाइफ, सेक्स करने की सही उम्र ?
प्रेरणा ढींगरा
भारत में सेक्स को लेकर लोग काफी खुलकर बात नहीं करते पर असल में सेक्स एक एहम विषय बन चुका है आजकल के समय में एक आम व्यक्ति के लिए जिस तरह खाना , पीना जरूरी है ठीक उसी तरह सेक्स जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। आज भी भारत में कई सारे लोगों में सेक्स को लेकर पूरी जानकारी मौजूद नहीं है।
एक आम युवा के सामने जब सेक्स की बात की जाती है तब उनके दिमाग में कई सारे सवाल उठाते हैं। जैसे सेक्स किस उम्र में करना सही है? क्या सेक्स जैसी चीज शादी से पहले करना जुर्म है? सेक्स क्या सिर्फ पुरुषों के लिए बना है? ऐसे ही कई सारे सवालों के जवाब आपको आज हम देंगे।
शारीरिक संबंध बनाने की उम्र और कुछ आंकड़े
आपको बता दे की NHFS की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 साल की उम्र तक सेक्स करने की संभावना महिलाओं में पुरुषों से अधिक होती है। 15 वर्ष की उम्र में सेक्स करने वाले पुरुषों का आंकड़ा 0.8% बताया गया है वहीं महिलाओं का आंकड़ा 10.3% है लेकिन भारत में शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 वर्ष है। 18 वर्ष से पहले सेक्स भारत में गैरकानूनी माना गया है फिर भी फिर भी 6% महिलाएं 18 वर्ष की उम्र से पहले ही शारीरिक संबंध बना लेती है। महिलाओं का सेक्शुअली एक्टिव होना इस बात पर भी निर्भर है कि भारत समाज में पुरुष का दबदबा बी का ही अधिक है। सेक्स जैसी चीजों में पुरुषों की मर्जी भारत में कई ज्यादा चलती है। महिलाओं में यौन एक्टिव होने का एक कारण योग उत्पीड़न का शिकार होना भी है।
भारत में शादी से पहले सेक्स करना कानून जुर्म नहीं माना गया है पर 18 वर्ष से पहले अगर एक महिला या पुरुष सेक्स करता है तो उन्हें जेल हो सकती है
एक डेटा के अनुसार धन संपत्ति के बारे में बात करें तो शारीरिक संबंध बनाने में निम्न वर्ग के पुरुष कम और अमीर घराने के पुरुष ज्यादा है वहीं महिलाओं में आंकड़ा कुछ उल्टा देखा जा सकता है। निम्न वर्ग की महिलाएं शारीरिक संबंध जल्दी बना लेती है और अमीर घराने की महिलाओं का आंकड़ा कम उपलब्ध है।
क्या महिलाओं में भी यौन उत्तेजना होती है?
फीमेल ऑर्गेज्म यानी संभोग के दौरान योनि में लुब्रिकेशन होना। शारीरिक संबंध बनाते हुए चर्मसुख की प्राप्ति क्या सिर्फ पुरुषों में होती है? क्या महिलाएं भी चरम सुख प्राप्त कर सकती है? ऐसे सवाल अक्सर हमारे मन में होते हैं की क्या शारीरिक संबंध सिर्फ पुरुषों की जरूरत है। आपको बता दे की चर्मसुख की प्राप्ति अक्सर योनि में डिस्चार्ज के बाद होती है। चर्मसुख की प्राप्ति पुरुषों को वैजाइना यानि योनि में पेनिट्रेशन सही हो जाती है परंतु महिलाओं में इसका कुछ उल्टा देखा जा सकता है। महिलाओं में चरम सुख की प्राप्ति के लिए क्लीटोरिस उत्तेजना की जरूरत पड़ती है। शारीरिक संबंध के दौरान फोरप्ले की आवश्यकता महिलाओं को होती है ताकि उन्हें चरम सुख की प्राप्ति हो सके। ऐसा भी माना जाता है कि काफी महिलाओं को उनके महावारी यानी पीरियड्स के दिनों में शारीरिक संबंध बनाना अधिक अच्छा लगता है और उन्हें माहवारी के दिनों में आराम भी पहुंचता है। एक सर्वे के दौरान ऐसा पता चला है कि सिर्फ 30% महिलाएं है यानी में पेनिट्रेशन से चरम सुख प्राप्त करती है। ज्यादातर पुरुष को महिलाओं के जी स्पॉट के बारे में जानकारी नहीं होती। जी स्पॉट एक ऐसी जगह है जिससे महिलाओं को चरम सुख मिल सकता है। जी स्पॉट महिलाओं की योनि के अंदर पाया जाता है। जी स्पॉट ऑर्गेज्म के लिए पुरुष को अधिक ताकत लगानी पड़ती है।
भारत में ही कामसूत्र का आविष्कार हुआ और इसी भारत में शारीरिक संबंध यानी सेक्स जैसी चीजों के बारे में बात करने से लोग कतराते हैं। सेक्स एक आम जीवन की जरूरत है। अक्सर लोगों को यह नहीं पता होता की सेक्स में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को मजा आता है। महिलाओं में सेक्स उत्तेजना पुरुषों से अधिक पाई जाती है।
,,,,,,,बाकी अगली कड़ी मे
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