15 मार्च को होगी नए इलेक्शन कमिशन की नियुक्ति के लिए बैठक
लोकसभा चुनाव के पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा के बाद देश में हलचल मची है और सरकार भी सकते में आ गई है । अब पैनल में नए चुनाव आयुक्त कौन होंगे इसको लेकर 15 मार्च को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी ।
पैनल में तीन चुनाव आयुक्त होते हैं दो पद हो गए खाली
भारत के चुनाव आयोग में तीन चुनाव आयुक्त होते हैं पिछले महीने ही अनूप चंद्र पांडे रिटायर हो गए थे । जबकि 9 मार्च को अचानक दूसरे चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया । उनके इस्तीफा देने के बाद चुनाव आयोग में सिर्फ अकेले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं । जबकि लोकसभा चुनाव को लेकर अगले कुछ दिनों में आचार संहिता लगने वाली है ।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अरुण गोयल के बीच में मतभेद की वजह से हुआ इस्तीफा
सरकार द्वारा मीडिया को जारी किए गए पत्र में पता चला कि
अरुण गोयल ने अपने इस्तीफा में निजीकरणों का हवाला दिया है । जबकि जमीनी हकीकत इसके बिलकुल उलट है जानकारी मिली है मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अरुण गोयल के बीच में कुछ मतभेद चल रहे थे जिसकी वजह से और अगले इस्तीफा दे दिया ।
हिंदी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार लोकसभा चुनाव की तैयारी का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल गए थे वहां पर पश्चिम बंगाल चुनाव से जुड़ी हुई तैयारी को लेकर कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी जिसमें आने से इनकार कर दिया था । इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को अकेले प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी थी । वहीं से इन दोनों के बीच में मतभेद गहरा गए । जबकि राजीव कुमार ने कहा था कि अरुण गोयल की सेहत खराब है जिसकी वजह से वह दिल्ली लौट गए हैं । जबकि तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ही ऐसा कुछ भी नहीं था ।
अरुण गोयल के इस्तीफा के बाद विपक्ष ने क्या कहा
अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा इलेक्शन कमीशन या इलेक्शन ओमिशन । लोकसभा चुनाव के पहले ही ऐसा क्यों अगर हमने स्वतंत्र संस्थाओं का खत्म किया जाना नहीं रोका तो लोकतंत्र पर तानाशाही कब्जा कर लेगी ।
के सी वेणुगोपाल कांग्रेस नेता
कांग्रेस के बड़े नेता किसी गोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा 2019 के चुनाव के दौरान तत्कालीन आयुक्त अशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने पर इंकार कर दिया था उसके बाद उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा । इलेक्शन कमीशन जैसी संस्थाएं भी अब पारदर्शी नहीं है केंद्र सरकार बेवजह उन पर दबाव डालती है ।
अब कैसे चुने जाएंगे नए चुनाव आयुक्त
नए चुनाव आयुक्त का नाम चुनने के लिए कानून मंत्री और दो केंद्रीय सचिवों की कमेटी पांच नाम शॉर्टलिस्ट करके चयन समिति को देगी । उसके बाद प्रधानमंत्री एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता यह सबसे बड़े विरोधी दल के नेता की तीन सदस्यों की टीम इनमें से एक नाम तय करेगी उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नियुक्ति होगी । आपको बता दे 29 दिसंबर 2023 को ही केंद्र सरकार ने संसद में कानून लाकर मुख्य चुनाव आयुक्त और इलेक्शन कमिशन की नियुक्ति के कानून को बदला था ।
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