राह नहीं आसान ; चंडीगढ़ नगर निगम की बजट बैठक एवं विशेष सत्र रद्द
भाजपा ने नियमों का हवाला दिया
चंडीगढ़ नगर निगम के नवनियुक्त मेयर एवं आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ में पहली बार चूने गए मेयर की राह आसान नहीं है । यह बात हम पहले ही आपको बता चुके हैं । मगर अब उसके नतीजे आने शुरू हो गए हैं । आज यानी 6 मार्च को बजट के लिए बैठक होनी थी एवं 7 मार्च को विशेष सत्र नगर निगम का आयोजित होना था । मगर नियमों का हवाला देकर भारतीय जनता पार्टी ने इस बजट बैठक को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से कहकर रद्द करवा दिया है ।
क्या होना था आज की बजट बैठक में
लोकसभा चुनाव के पहले होने जा रही इस बजट बैठक में आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव में वादा किया था कि चंडीगढ़ के निवासियों को 20000 लीटर फ्री पानी और पार्किंग फ्री दी जाएगी । लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगे उसके पहले आम आदमी पार्टी इन प्रस्तावों को बजट सत्र में पास करवाना चाहती थी , और भाजपा भी इस बात को समझ रही है की मेयर इन प्रस्ताव को लेकर के आएंगे बहुमत मेयर के पास है नहीं , ऐसी स्थिति में यह प्रस्ताव रिजेक्ट होंगे और सीधा-सीधा आरोप भाजपा पर लगेगा कि बीजेपी चंडीगढ़ के लोगों को फ्री की चीज नहीं देना चाहती । इसलिए आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने बजट सत्र रद्द कराया है ।
फाइनेंस एंड कांट्रैक्ट समिति में भी दबदबा बनाने की कोशिश में भाजपा
चंडीगढ़ नगर निगम की फाइनेंस एंड कांट्रैक्ट कमेटी के कुल पांच सदस्य होते हैं। बजट में कोई भी प्रावधान आने के पहले वह प्रावधान फाइनेंस कमेटी के सामने रखा जाता है वहां से पास होने के बाद बजट में आता है । इस कमेटी में 5 सदस्य होते हैं और हर एक सदस्य को जीतने के लिए सात वोटो की जरूरत होती है इस तरह से सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा को 19 पार्षद के वोट मिले थे। तो उसे तरह से दो सदस्य तो चुनाव के बाद भाजपा के हो ही जाएंगे एक सदस्य कांग्रेस का होगा क्योंकि कांग्रेस के सात पार्षद है जबकि आम आदमी पार्टी के 10 पार्षद है तो एक सदस्य ही आप पार्टी का होना है । पांचवा सदस्य भारतीय जनता पार्टी का ही बनेगा क्योंकि पार्षद उनके ज्यादा है। तो निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी का फाइनेंस एंड कांटेक्ट कमेटी में दबदबा रहने वाला है क्योंकि उनके तीन सदस्य रहेंगे ।
कह सकते हैं कि अभी तो शादी की मिठाई भी पूरी तरीके से नहीं बैठी है और रिश्ते टूटने की नौबत आ गई है कुछ ऐसी ही स्थिति चंडीगढ़ नगर निगम में वर्तमान मेयर की चल रही है ।अभी तो पहली बैठक भी शुरू नहीं हुई है और उसके पहले ही राह में रोड आने शुरू हो चुके हैं । और बीते दिनों ही भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा मेयर से अल्पमत में होने की वजह से इस्तीफा की मांग भी कर चुके हैं । बल्कि उन्होंने तो यह तक कह दिया था की जरूरत होगी तो निगम में अविश्वास प्रस्ताव भी लाया जा सकता है । आप देखना होगा कि आम आदमी पार्टी के पहली बार चुने गए चंडीगढ़ में मेयर किस तरीके से नगर निगम में अपना कार्यकाल सकुशल पूरा करते हैं ।
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