इस बार महाशिवरात्रि पर 72 साल बाद बन रहा है खास संयोग, पूजा करने पर बरसेगी महादेव की कृपा : पं. रामकिशन महाराज
दीपक माहेश्वरी: अबकी बार महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी और इस बार महाशिवरात्रि के दिन बेहद खास संयोग का निर्माण हो रहा है, यह जानकारी देते हुए प्राचीन छपारिया हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रामकिशन महाराज गोवर्धन-मथुरा वाले ने बताया कि महाशिवरात्रि पर शिवयोग सहित कई शुभ योग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसी कड़ी में हर माह मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है और फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि मनाते हैं। पंडित रामकिशन ने बताया कि अबकी बार महाशिवरात्रि के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं जिसके चलते इस बार महाशिवरात्रि की पूजा शिवभक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि के दिन 72 सालों बाद अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है। अत: अबकी बार महाशिवरात्रि के दिन कोई भी शिवभक्त भोले की पूजा से वंचित न रहे।
महाशिवरात्रि पर क्या बन रहा है खास संयोग….
देवों के देव महादेव की महाशिवरात्रि के दिन पूरे मनोभाव से शिवभक्त पूजा करते हैं, और शिव साधना के लिए महाशिवरात्रि पर्व बहुत खास होता है। अबकी बार की महाशिवरात्रि की पूजा के लिए बन रहे अद्भुत संयोग के बारे में बताते हुए पंडित रामकिशन महाराज ने कहा की इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन होने वाला अद्भुत संयोग 72 साल बाद बन रहा है। उनका कहना था कि इस बार महाशिवरात्रि पर शिवयोग, सिद्ध योग और चतुरग्रही योग का निर्माण हो रहा है इन तीनों योग का एक ही दिन महाशिवरात्रि के पर्व पर बना अद्भुत संयोग है। पंडित रामकिशन ने बताया कि इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन ही शुक्र प्रदोष व्रत बन रहा है। उन्होंने बताया कि अबकी बार महाशिवरात्रि 8 मार्च शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी और इसी दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। उनका कहना था कि प्रदोष व्रत जब शुक्रवार के दिन बनता है तो उसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। जिसको लेकर इस अत्यंत शुभ खास संयोग में अबकी बार शिवभक्तों के लिए भोले की पूजा करना अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
महाशिवरात्रि व्रत तिथि व शुभ पूजा मुहूर्त…
छपारिया हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात्रि 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होगी जो की 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। क्योंकि शिवरात्रि विशेष पूजा रात्रि के दौरान की जाती है इसलिए इसमें सूर्योदय का समय अर्थात उदयातिथि देखना आवश्यक नहीं है। महाशिवरात्रि व्रत पूजा प्रदोष काल में प्रारंभ की जाती है इसी कारण से यह व्रत अबकी बार 8 मार्च शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर शिवयोग का निर्माण हो रहा है जो मध्य रात्रि में 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा। इस दिन श्रवण नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है जो की रात्रि में 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
महाशिवरात्रि क्यों रखती है विशेष महत्व….
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि दो मुख्य कारणों से विशेष महत्व रखती है। एक तो मान्यता अनुसार इस दिन भगवान शिव ने अपना तपस्वी जीवन त्याग दिया था और देवी पार्वती के साथ गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इस दिन रात्रि में शिवजी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसके अलावा एक अन्य किंवदंती के अनुसार शिव पहली बार महाशिवरात्रि पर प्रकट हुए थे, और उनकी दिव्य उपस्थिति को ज्योतिर्लिंग, विशेष रूप से अग्नि के लिंग द्वारा दर्शाया गया था। महाशिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग 64 अलग-अलग जगह पर प्रकट हुए थे। ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा करने से सभी कष्ट और कठिनाइयां दूर हो जाती है।
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