ज्योतिष की नजर तलाक & मुकदमा क्या है कारण ?
तलाक -लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे – जन्मपत्री में छुपा है राज वैदिक ज्योतिष अनुसार कारण और उपाय
ज्योतिषाचार्य डॉ कनिका अनुसार कुंडली में तलाक केस का कोर्ट न्यायालय में लम्बे समय तक चलने में जातक की जन्मपत्री में ” छठा भाव ” में वक्री ग्रह की विशेष भूमिका -अष्ठम भाव -पति की रोग ऋण भाव पर दृस्टि पायी हैं। अथवा वक्री ग्रह पर अष्ठम भाव की दृस्टि
मुकदमे के लिए यह ग्रह जिम्मेदार होते हैं। शनि और नीच नवमांश का मंगल अदालती मुकदमों का ज्योतिषीय संबंध – शनि इंसाफ मिलने में देरी करवाता है जिससे दोनों पक्षों के बीच परेशानियां बढ़ सकती है। शनि के खराब प्रभाव के कारण जातक मुकदमे के दौरान अत्यधिक तनाव से गुजर सकता है।
मंगल को ज्योतिष में वाद विवाद, तर्क और उग्रता का ग्रह माना जाता है. मंगल हर तरह के विवाद और मुकदमेबाजी के लिए जिम्मेदार होता है. मंगल के खराब होने से . अपराध भी होते हैं और जेल यात्रा की नौबत भी आ जाती है. मंगल के साथ शनि खराब हो तो जिंदगी जेल में कट जाती है. मंगल के साथ राहु का सम्बन्ध होने से झूठी झूठी मुकदमेबाजी होती है परन्तु अगर बृहस्पति केंद्र में हो और मजबूत हो तो व्यक्ति की रक्षा होती है।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पुरुषो की कुंडली में शुक्र को देखा जाता है और स्त्रियों की कुंडली में मंगल को. यदि दोनो ग्रह शुभ अवस्था में नहीं है तब वैवाहिक जीवन में सुख का अभाव देखा जा सकता है. आइए शुक्र व मंगल से संबंधित कुछ बातों पर विचार करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र अनुसार ‘सप्तम भाव ‘ पूरी कुंडली का वैवाहिक जीवन बयान कर देता हे यह सम्पूर्ण निर्धारण जातक की कुंडली कंसल्टेंसी. में ही बता पाउँगा यदि पृथकता वादी अलगाववादी पापी ग्रहो की इस ग्रह में प्रभाव दांपत्य जीवन की हानि करके रहेंगा ।
पति या पत्नी किसी की भी कुंडली के सप्तम या अष्टम भाव में किसी पापी ग्रह का होना भी तलाक के योग बनाता है। अगर कुंडली में चौथे भाव का स्वामी छठे भाव में स्थित हो या छठे भाव का स्वामी चौथे भाव में हो तब भी तलाक होने का योग बनता है। शनि, सूर्य और राहु का सातवें भाव, सप्तमेश और शुक्र पर प्रभाव पड़ रहा हो तब भी पति पत्नी के बीच दूरी बढ़ने लगती है। अगर जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह कृत्तिका, आर्द्रा, मूल या ज्येष्ठा नक्षत्र में बैठा हो तो ऐसे शादीशुदा जातकों की शादी टूटने की संभावना होती है। पराशर सहिता में कुंडली मिलान में नाड़ी भुकुट मिलान ही सफल विवाह हेतु अनिवार्य बताया गया हैं।वर - वधु बदलते परिपेक्ष में सम्पूर्ण सुख चाहते हैं।सुखो की कमी तलाक का बड़ा कारण हैं। लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे - कई बार पति-पत्नी की आपसी रजामंदी से तलाक जल्दी हो जाता है तो कई बार दोनो अपनी ही किसी जिद को लेकर अड़ जाते हैं और कोर्ट में वर्षो तक मुकदमा चलता ही रहता है. ये दोष बिना जन्मपत्री मिलान के विवाह का ही परिणा
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