रिश्ते में कलंक : हरियाणा में एक नाबालिग हुई गर्भवती , स्कूलों ने एडमिशन देने से किया इनकार
85% नंबर फिर भी स्कूल नहीं दे रहे ऐडमिशन
खबरी प्रशाद दिल्ली/ पानीपत प्रेरणा ढिंगरा
13 साल की लड़की हुई प्रेगनेंट स्कूल में एडमिशन के लिए अब दर-दर भटकना पड़ रहा है। फुफेरे भाई से हुई थी शादी और अब 3 महीने की गर्भवती। लड़की ने बच्चे को जन्म देने से भी इंकार कर दिया है। स्कूलों ने एडमिशन से पहले अबॉर्शन की मांग रखी।
आपको बता दे की हरियाणा के पानीपत से एक खबर सामने आई है। एक 13 साल की युवती गर्भवती है और इसी कारण उसे किसी भी स्कूल में एडमिशन लेने के लिए तरसना पड़ रहा है। सरकारी हो चाहे प्राइवेट सभी स्कूलों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हाथ खड़े कर दिए है । स्कूलों का कहना है कि अगर इस अवस्था में लड़की को कुछ हो गया तो वह जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं है। बताया जाता है कि लड़की ने सातवीं कक्षा में 85% अंक प्राप्त किए थे और उसे फिलहाल आठवीं कक्षा में होना चाहिए था। कई स्कूलों ने तो कहा कि अगर अबॉर्शन हो जाता है, तब वह एडमिशन देने के लिए राजी है।
जानिए पूरा मामला क्या है
किशोरी की मां का कहना है कि वह 19 साल से पानीपत में रह रही है और उसकी बेटी 13 साल की है। वह जनवरी महीने में अपने ननद के घर उससे मिलने फैजाबाद गई थी। वहां जाकर उसकी बेटी की शादी जबरदस्ती उसके ननद के बेटे के साथ करवा दी गई। मना करने पर उनको जान से मारने की धमकी भी दी।
लड़के का नाम दलीप है। शादी के बाद वह उसकी बेटी को मतलब अपनी घरवाली को जबरदस्ती अपने गावं , जिला कानपुर ले गया। दिलीप ने 15 फरवरी को लड़की वालों के घर फोन करके बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है, वह उसे कानपुर जाकर वापस ले आए। अब बेटी अपने घर वापस आ चुकी थी और मार्च के महीने में उन्हें इस बात का पता चला कि उनकी बेटी पेट से है। यह जानकारी मिलते ही उन्होंने दलीप से बात की। दलीप ने उन्हें कहा कि वह नवरात्रि के बाद आकर उनकी बेटी को वापस ले जाएगा। कुछ समय बीत गया लेकिन दलीप वापस नहीं आया। जब उन लोगों ने दलीप के घर फोन किया तब उन्हें इस बात का पता चला कि दलीप की शादी किसी दूसरी जगह कर दी गई है।
लड़की के माता-पिता का कहना है कि दलीप ने उनकी बेटी का यौन शोषण किया और अब वह गर्भवती है। दलीप उनकी लड़की को स्वीकार करने से मना कर रहा है। अब उनकी बेटी इस बच्चे को नहीं पालन चाहती इसलिए वह गर्भपात चाहती है।
अधिकारियों का क्या कहना है?
अब यह मामला प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता के पास जा चुका है। पीड़िता ने रजनी गुप्ता से इंसाफ की गुहार लगाई। लड़की को पेट दर्द के लिए और चेकअप के लिए पानीपत सिविल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। अधिकारियों का कहना है कि गर्भपात करवाने के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से संपर्क करना पड़ेगा, तभी अबॉर्शन करवाया जाएगा। यह अबॉर्शन सरकारी प्रक्रिया से होगा।
क्या ऐसी स्थिति में स्कूल एडमिशन देने से रोक सकते हैं?
वैसे तो विद्या पर सबका हक है। स्कूल जाने का हर एक बच्चे को अधिकार है, पर कुछ चीजों में स्कूल बच्चों को एडमिशन देने से मना कर सकता है। अगर किसी बच्चे को कोई बीमारी है, जिससे और बच्चों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ऐसी हालत में स्कूल बच्चों को एडमिशन देने से इनकार कर सकता है। एक बच्चे का स्कूल में एडमिशन लेने के लिए स्वस्थ होना भी अनिवार्य है।
अबॉर्शन के लिए कानून क्या कहता है?
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून के तहत अगर एक लड़की चाहे वह नाबालिक हो या 18 साल से ऊपर की , वह 20 हफ्ते तक गर्भपात करवा सकती है। हालांकि, कुछ केस में गर्भपात की अनुमति 24 हफ्ते कर दी गई है। यह अनुमति रेप जैसे केस में मिल सकती है। इसके बाद अगर किसी को भी गर्भपात करवाना है, तो कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। अगर एक लड़की को रेप या नाबालिक प्रेगनेंसी में 20 हफ्ते गुजर जाते हैं, तब कोर्ट से परमिशन लेकर अबॉर्शन करवाया जा सकता है।
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