6 महीने, 5 बड़े हादसे : प्लेन क्रैश से लेकर आतंकी हमले तक, देश को झकझोर देने वाली त्रासदियाँ
350 से अधिक लोगों की जान गई, सुरक्षा और प्रबंधन पर उठे गंभीर सवाल
नई दिल्ली
पिछले छह महीने भारत के लिए हादसों और त्रासदियों से भरे रहे। कभी धार्मिक आयोजन में भीड़ की अफरातफरी, कभी हवाई दुर्घटना, तो कभी आतंकी हमला—इन घटनाओं ने न सिर्फ सैकड़ों जिंदगियां लील लीं, बल्कि पूरे देश को सदमे में डाल दिया। पांच बड़ी घटनाओं में अब तक 350 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं, जिनमें सबसे भयावह अहमदाबाद प्लेन क्रैश रहा।
1. अहमदाबाद प्लेन क्रैश – 12 जून 2025 | 297 मौतें
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गया। विमान एक रिहायशी इमारत से टकराया, जिसमें प्लेन में सवार 242 यात्रियों और इमारत में मौजूद दर्जनों लोगों की मौत हो गई। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। यह भारत के विमानन इतिहास की सबसे भयावह दुर्घटनाओं में से एक बन गई है।
2. महाकुंभ भगदड़ – 28 जनवरी 2025 | 37 मौतें
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या की रात संगम क्षेत्र में भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। बैरिकेडिंग टूटने और प्रशासनिक लापरवाही के कारण 37 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 60 से अधिक घायल हो गए। यह हादसा धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की एक बार फिर पोल खोल गया।
3. पहलगाम आतंकी हमला – अप्रैल 2025 | 26 मौतें
जम्मू-कश्मीर की शांत और खूबसूरत घाटी पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसने देश को हिलाकर रख दिया। मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले बैसरन में छुट्टियां मना रहे पर्यटकों को निशाना बनाया गया। मारे गए लोगों में कर्नाटक, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के नागरिक शामिल थे। हमले ने पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
4. दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ – 15 फरवरी 2025 | 18 मौतें
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन के इंतजार में भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म बदलने की अफवाह और प्रशासनिक अनदेखी के कारण भगदड़ मची, जिसमें 18 यात्रियों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह घटना एक बार फिर रेलवे की आपात स्थितियों में तैयारियों को सवालों के घेरे में ले आई।
5. बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ – मई 2025 | 11 मौतें
आरसीबी की जीत के जश्न में बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में हज़ारों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्टेडियम की क्षमता से कई गुना अधिक लोग पहुंच गए, जिससे अफरातफरी मच गई। भीड़ द्वारा गेट तोड़े जाने के बाद हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
क्या कहती हैं ये घटनाएं?
इन हादसों ने एक बार फिर देश की आपात व्यवस्थाओं, सुरक्षा तंत्र और भीड़ प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चाहे वह अत्याधुनिक हवाई यातायात हो, धार्मिक आयोजन, पर्यटन स्थल या खेल आयोजन—हर स्तर पर प्रशासनिक चूकें सामने आई हैं। ज़रूरत है ठोस नीतियों, तकनीकी उन्नति और बेहतर समन्वय की ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।
इन पांच घटनाओं ने देश के दिल को झकझोर दिया है। सैकड़ों परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है। अब समय है कि इन त्रासदियों से सबक लेकर भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाएं।
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