राजा के घर से हुई चोरी, ना दुख बताया जाए और ना छुपाया जाए
एक राजा के बंगले पर नजर लग गई। एक यूपी के अफसर ने पहाड़ में कोठी खरीदी और वहां से 50 करोड़ कैश चोरी होने की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक उनका रिटायरमेंट हो चुका है और उसके बाद इतना बड़ा झटका मानो पैरों तले जमीन खिसक गई है। ऐसे में सिर्फ एक ही सवाल मन में आता है की कौन कह रहा है इस देश में गरीबी है? किसी अफसर के घर जाकर तो देखो कैश की नदिया ना बहे तो कहना।
आप सबको बता दे कि उत्तर प्रदेश में योगीराज के सबसे चर्चित नौकरशाह रहे जो अब रिटायरमेंट के बाद दूसरी भूमिका में हैं के उत्तराखंड के बंगले से पचास करोड़ की नगदी चोर उड़ा ले गए हैं। फिलहाल यह बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और चर्चा का विषय बन चुकी है। इस अफसर ने इतनी बड़ी रकम चोरी होने की कोई एफआईआर भी नहीं कराई है पर ऐसा क्यों? जहां एक इंसान को 100 का नोट चोरी होते हुए भी दुख लगता है वहीं दूसरी तरफ एक अफसर के घर से 50 करोड़ चोरी हो चुका है और उसे इस बात का कोई दुख भी नहीं है। अफसर की कोठी उत्तराखंड के नैनीताल जनपद की पहाड़ी पर बताई जा रही है। यह खबर सुनकर तो ऐसा लगता है कि छुपाना भी नहीं आता और अपना दुख जताना भी नहीं आता। ऐसे में इंसान क्या करें? जब गम के पहाड़ टूट चुके हो पर किसी को बताने लायक भी ना हो। हालांकि, एक्स की पोस्ट के अनुसार अफसर की पत्नी इस चोरी से बेहद गम में हैं।
समाजवादी पार्टी के मुख्य अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
खबर यह भी है कि समाजवादी पार्टी के मुख्य अखिलेश यादव ने मंगलवार दोपहर अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर उन्होंने मजे लेते हुए लिखा है कि “रिश्ता ये हमजोली-सा है, चोर के घर में चोरी-सा है।” अखिलेश यादव के इस पोस्ट पर कमेंट करने वालों की बाढ़ आ गई है। जिसमें से एक अधिकांश यूजर्स ने कमेंट में लिखा है- “चोर चोर मौसेरे भाई, यूपी में आजकल यही चल रहा है।”
दूसरे यूजर जिनका नाम विशाल ज्योति देव अग्रवाल है उन्होंने लिखा है कि “चोर को सांप सूंघ जाए, वैसा ही मामला है। काली कमाई का हिस्सा ऊपर तक पहुंचा होगा, इसीलिए सब मौन धारण किए हुए हैं।”लगातार कमेंट की बोझार लगी हुई है और यूजर्स के साथ विपक्ष भी इस खबर का पूरा मजा ले रहा है।
अखबार से निकाल कर आया सच सामने
अखिलेश यादव ने जिस अखबार की कटिंग शेयर की है, उसमें लिखा है- “सूबे के एक पूर्व चर्चित नौकरशाह की उत्तराखंड में आलीशान कोठी से 50 करोड़ की चोरी होने की चर्चा इन दिनों नौकरशाही में खूब हो रही है। पर साहब ने चुप्पी की चादर ओढ़ रखी है। खास बात यह है कि इतनी बड़ी चोरी के बाद भी साहब ने न तो मुकदमा दर्ज कराया और ना ही कोई कार्रवाई होने दी। अंदरखाने ही चोरों का पता लगाने की कोशिश जरूर हो रही है। पूरा मामला गोपनीयता के साथ सलटाने के जतन किए जा रहे हैं। इसलिए चोरी से अधिक चर्चा मामले पर चुप्पी को लेकर है।” अमर उजाला के लखनऊ संस्करण के गासिप कालम में यह ख़बर संकेतों में छपी हुई है।
अखबार की कतरन में आगे लिखा है- “गोपनीयता का आलम यह है कि साहब के बगलगीरों को भी इसकी भनक नहीं लगने दी गई। अब तो अफसरों की शाम की पार्टी में भी इस पर चर्चा हो रही है। बताने वाले यहां तक कह रहे हैं कि पूर्व चर्चित नौकरशाह तो बाहर से नॉर्मल दिखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं पर मैडम गहरे सदमे में हैं।”
जिस अखबार में यह खबर छपी है उसमें अफसर का नाम तो नहीं लिखा गया है पर इशारा इसी बात का संकेत देता है कि देश की सबसे बड़ी चोरी हो चुकी है और यूपी की सरकार इस बात पर एक्शन तक नहीं ले सकती। चोरी होना आम बात है पर राजा के घर से चोरी होना राजा को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर सकती है। इसी डर से राजा का चुप्पी बनाए रखना ही समझदारी होगी। पर सवाल तो अभी भी यही है कि इतने पैसे आखिर आए कहां से? क्या यह चोरी भ्रष्टाचार का संकेत देती है? बताया जा रहा है कि यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद इस अफसर की गिनती सबसे ताकतवर नौकरशाह में की जाती थी। तो फिर बात ठीक भी है ताकत पैसा तो लता ही है। शायद तभी नेता जो अपने आप को चुनाव के दौरान आम आदमी बताते हैं और सड़कों पर घूमा करते हैं अक्सर चुनाव जीतने के बाद महल खड़ा कर लेते हैं। फिर उनकी ऊंची इमारत से गरीबों का घर ढक जाता है शायद तभी नेताओं को गरीबी देखने में मुश्किल होती है।
यह खबर इस बात को भी दर्शाती है कि क्या होता है जब चोर के घर में ही चोरी हो जाए। अब अफसर के साथ तो यही खेल हो गया राजा मंत्री चोर सिपाही और चोर सिपाही का पता लगाओ। अब उनकी खुद की पर्ची पर चोर भी लिखा हुआ है और हैरानी की बात तो यह है कि उन्हें ही चोर का पता भी लगाना है। मामला पुलिस में दर्ज नहीं हुआ है लेकिन दोनों राज्यों की गुप्तचर एजेंसियों को चुपचाप चोरों की तलाश में सक्रिय किया बताया जा रहा है। पुलिस विभाग ने फिलहाल इस मामले को लेकर चुप्पी बनाई हुई है।
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