2000 रुपये तक के पेमेंट पर लग सकता है 18% GST, काउंसिल की बैठक में होगा फैसला
अगर आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करते हैं, तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। जल्द ही कार्ड से किए गए छोटे डिजिटल ट्रांजेक्शंस पर 18% GST लागू हो सकता है। सरकार इस पर विचार कर रही है और 9 सितंबर को होने वाली GST काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर निर्णय लिया जा सकता है।
पेमेंट एग्रीगेटर्स पर लगेगा GST
बैठक में पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों जैसे बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू पर 18% GST लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के पेमेंट पर भी आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ सकता है। यह निर्णय डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रभावित कर सकता है, खासकर छोटे लेन-देन पर, जो आमतौर पर डिजिटल पेमेंट्स का बड़ा हिस्सा होते हैं।
छोटे ट्रांजेक्शंस पर अधिक खर्च
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर्स को GST अधिकारियों की तरफ से नोटिस मिला है, जिसमें उनसे 2000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शंस पर व्यापारियों से लिए गए शुल्क पर GST देने की मांग की गई है। वर्तमान में, डिजिटल पेमेंट्स में 80% से अधिक ट्रांजेक्शंस 2000 रुपये से कम के होते हैं। 2016 में नोटबंदी के दौरान सरकार ने छोटे डिजिटल ट्रांजेक्शंस को बढ़ावा देने के लिए पेमेंट एग्रीगेटर्स को इन सेवाओं पर टैक्स लगाने से रोका था, लेकिन अब यह नीति बदल सकती है।
ग्राहकों पर बढ़ेगा बोझ
अगर GST काउंसिल इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो इसका सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जो डिजिटल पेमेंट्स करते हैं। फिलहाल, पेमेंट एग्रीगेटर्स हर ट्रांजेक्शन पर व्यापारियों से 0.5% से 2% तक का चार्ज लेते हैं। अगर 18% GST लागू होता है, तो व्यापारियों द्वारा यह अतिरिक्त बोझ ग्राहकों पर डालने की संभावना है। इसका मतलब यह है कि ग्राहकों को कार्ड और नेट बैंकिंग से किए गए पेमेंट्स पर ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।
UPI पेमेंट्स पर कोई असर नहीं
इस फैसले का असर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से किए गए पेमेंट्स पर नहीं पड़ेगा। UPI से किए गए ट्रांजेक्शंस पर अभी कोई चार्ज नहीं लिया जाता है और यह नीति आगे भी जारी रह सकती है। यानी UPI के जरिए छोटे पेमेंट्स करने वालों को इस GST प्रस्ताव से राहत मिल सकती है।
GST काउंसिल की बैठक का महत्व
9 सितंबर को होने वाली GST काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठ सकता है। इस बैठक में डिजिटल पेमेंट्स को लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जा सकते हैं, जो देश में डिजिटल लेन-देन के ढांचे को बदल सकते हैं।
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