निजी स्कूलों की मनमानी पर मध्य प्रदेश के जबलपुर प्रशासन का बड़ा एक्शन, अभिभावकों को वापस करने होंगे 81.30 करोड़ रुपये
जिस देश में विद्यालयों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, उस देश में कुछ निजी संस्थान अपने निजी स्वार्थ के लिए बच्चों व अभिभावकों को लूटने का काम कर रहे हैं, एक ऐसी घटना मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आई है, जिसमें हम आपको बता दे की
मध्य प्रदेश के जबलपुर, जिला प्रशासन की ओर से निजी स्कूलों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है, जिसमें यह पाया गया है कि निजी स्कूल, प्रकाशक व पुस्तक विक्रेताओ के साथ मिली भगत करके अभिभावकों को लूटने का काम करते हैं। जिला प्रशासन पिछले दो महीने से मिली शिकायत के आधार पर निजी स्कूलों के खिलाफ एक अभियान चला रखा था, उस अभियान में सामने आया है कि कुछ निजी स्कूल नियम के विरुद्ध अपने मनमानी तरीके से अभिभावकों से अतिरिक्त फीस वसूल करते थे, इसमें जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बताया है कि निजी स्कूल नियम विरुद्ध मनमाने तरीके से अभिभावकों से अतिरिक्त फीस वसूली करते थे और यह निजी स्कूल प्रकाशक व पुस्तक विक्रेताओं के साथ मिली भगत करके अभिभावकों को लूटने का काम भी करते थे, और अभिभावक पर यह दबाब भी बनाते थे कि स्कूल द्वारा निर्धारित की हुई दुकानों से ही स्कूल की यूनिफॉर्म व पुस्तक खरीदना अनिवार्य हैं।
यह सब देखते हुए जिला प्रशासन ने 11 निजी स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हैं, जिसमें से कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। और जो अतिरिक्त फीस मनमाने तरीके से स्कूलों ने वसूल की है,वह फीस अभिभावकों को वापस करनी होगी। अब 11 निजी स्कूल लगभग 21000 बच्चों को 81.30 करोड रुपए अभिभावकों को वापस करेंगे। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अधिक से अधिक कड़ी कार्रवाई होगी। और भविष्य में कोई निजी संस्थान या स्कूल ऐसा करता पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ भी उचित कार्रवाई नियम अनुसार की जाएगी।
इस घटना से सीखने वाली बात यह है कि देश के सभी जिलों में जिला प्रशासन अपने स्तर से निजी स्कूलों की मनमानी को रोके, जिससे बच्चों व अभिभावकों को नियम विरुद्ध बढाई हुई अतिरिक्त फीस न देनी पड़े और उन पर जो दबाब बनाया जाता है कि वह स्कूल की यूनिफॉर्म व किताब सिर्फ स्कूल द्वारा निर्धारित की गई दुकानों से ही खरीदें, इन सब पर भी रोक लगे। शिक्षा पर सभी का अधिकार है,और भारत सरकार भी सबका साथ,सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रही है,और ऐसे में यह निजी संस्थान अपने फायदे के लिए अभिभावकों को लूटने का काम कर रहे हैं। इस घटना से प्रेरित होकर जिला प्रशासन को निजी स्कूलों की जांच की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने पर निजी संस्थानों पर उचित कार्रवाई की जाए,जिससे भविष्य में ऐसा करने की कोई भी संस्थान सोच ना सके।
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