एक वोट इनवेलिड होने से मतभेद और मनभेद खुलकर सामने आए
चौबे जी चले थे छब्बे बनने , दुबे जी बनकर आ गए
चंडीगढ़ नगर निगम के लिए सीनियर डिप्टी मेयर एवं डिप्टी मेयर के लिए आज चुनाव हो रहे हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है । जबकि गठबंधन के उम्मीदवारों की करारी हार हुई है ।
पहले आपको बता दे कि पूरा मामला हुआ क्या था
दरअसल मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आम आदमी पार्टी को मेयर की कुर्सी प्राप्त हुई थी मगर तीन पार्षदों के आम आदमी पार्टी छोड़कर के भाजपा ज्वाइन करने के बाद स्थितियां बदल गई थी और सदन में बहुमत बीजेपी का हो गया था । इस तरह भाजपा के पास में सांसद और शिरोमणि अकाली दल का वोट मिलाकर कुल 19 वोट हो गए थे जबकि गठबंधन के प्रत्याशी के पास 17 वॉट थे ।
सीनियर डिप्टी मेयर में गठबंधन का एक वोट रिजेक्ट
सीनियर डिप्टी मेयर चुनाव में मतभेद और मनभेद खुलकर सामने आ गए हैं । जहां बीजेपी उम्मीदवार को पूरे के पूरे 1 18 वोट और शिरोमणि का एक को मिलाकर 19 वोट मिल गए तो गठबंधन की उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह गाबी को 17 वोटो की तो उम्मीद थी ही उम्मीद इस बात की थी भी थी कि शायद कुछ लोग अंतरात्मा की आवाज से हमें वोट कर देंगे हो । मगर एक कहावत है चौबे जी गए थे छब्बे बनने दुबे बनकर आ गए , मतलब गठबंधन को तो अपने वोट मिलने की उम्मीद ही थी कुछ वोट और आने की उम्मीद थी मगर हुआ उल्टा गठबंधन का अपना एक वोट रिजेक्ट हो गया और गठबंधन में उनके उम्मीदवार को मिले 16 वोट
लोकसभा चुनाव में पड़ेगा असर
अगले कुछ दिनों में ही चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव होने हैं और एक वोट इनवेलिड होने का असर निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव पर पढ़ना तय माना जा रहा है । क्योंकि जब यह पता चलेगा कि यह वोट आम आदमी पार्टी के कोटे का रिजेक्ट हुआ या कांग्रेस के कोटे का तब सही मायने में इसका आकलन होगा की मतभेद और मनभेद किसकी तरफ से हुए हैं ।
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