भेड़ियों का उत्तर प्रदेश में खौफ, 6 बच्चों को उतारा मौत के घाट
बहराइच के महसी इलाके में एक जानवर ने अब तक 6 मासूम बच्चों को अपना शिकार बना लिया है। हर जगह फिलहाल दहशत का माहौल देखने को मिल रहा है। बच्चों से लेकर बड़े हर कोई किसी के मन में डर मौजूद है। विधायक सुरेश्वर सिंह ग्रामीणों के साथ गांव में पहरा दे रहे हैं। एक जानवर जो बन सकता है खूंखार।
आपको बता दे की आदमखोर भेड़ियों ने उत्तर प्रदेश के गांव में आतंक मचा रखा है। यूपी के बहराइच के महसी इलाके में पिछले डेढ़ माह से भेड़ियों ने कई बच्चों को शिकार बना लिया है। अब तक 6 बच्चे भेड़ियों की चपेट में आने की खबर सामने आई है। हालांकि, वन विभाग की टीम ने काफी मेहनत कर 3 भेड़ियों को पकड़ा है। इसके बाद से ही राजनीतिक पार्टी एक दूसरे पर हमला करती हुई नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके बारे में कहा है कि ऐसे हादसे भाजपा सरकार की नाकामियों को दर्शाते हैं। हालात को देखते हुए अब वन विभाग ने ऑपरेशन भेड़िया शुरू किया है। 16 टीमों के साथ ही जिला स्तरीय 12 अधिकारी कैंप कर रहे हैं। लोग अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने तक बंद कर चुके हैं। दहशत कमल कुछ इस तरीके से दिखाई दे रहा है कि लोगों ने अपने आप को घरों में कैद कर लिया है। वहां के लोगों का कहना है कि डर है भेड़ियों का, जिन्होंने आतंक मचा रखा है। पहले मार्च से जून तक तो छिटपुट घटनाएं हुईं, लेकिन इधर एक महीने में भेड़ियों के झुंड ने छह बच्चों और एक महिला को मौत के घाट उतार दिया है। रतजगा कर रहे हैं तो महिलाएं बच्चों संग घरों में बंद हैं।
भेड़ियों का खौफ गांव में देखने को मिला
बहराइच जिला देवीपाटन मंडल के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। जिले का उत्तरी भाग तराई क्षेत्र में है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है। चकिया, सुजौली, निशानगारा, मिहींपुरवा, बिछिया और बघौली जिले भी मुख्य वन क्षेत्र हैं। यहां का कतर्नियाघाट भी बहुत प्रसिद्ध है। कतर्नियाघाट के जंगल में हाथी, बाघ और तेंदुआ मौजूद है। जहां अभी तक तीन भेड़िया पकड़े जा चुके हैं और तीन को अभी भी तलाशा जा रहा है। जानकारी के अनुसार भेड़ियों का ये हमला बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र में हो रहा है। खौफ इतना है कि रात भर लोग लाठी लेकर पहरेदारी कर रहे हैं।
दरअसल, बहराइच के ग्रामीण इलाकों में घर जंगल से बिल्कुल अलग बने हुए है, यानि जंगल एक तरफ तो घर दूसरी तरफ और जंगलों में आदमखोर भेड़िये इन्हीं जंगलों में झुंड बनाकर घूमते रहते हैं। रात के वक्त खासतौर से ये आदमखोर भेड़िये घरों की दीवारों को कूद कर अंदर घुस जाते हैं। गांव के घर में किसी भी तरीके का दरवाजा मौजूद नहीं है। बुधवार की रात भी एक आदमखोर भेड़िया घर के अंदर घुस गया था और पति पत्नी के कमरे में जा पहुंचा। तभी वहां पर सोए लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया और बाकी के लोग उठ गए। डर के मारे भेड़िया वहां से भाग गया। घर के लोगों का कहना है कि शुक्र है किसी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। बच्चों का बचाना भेड़ियों से मुश्किल हो गया है क्योंकि भेड़िया अपने मुंह के अंदर बच्चे को दबाकर भाग जाता है।
प्रशासन का क्या कहना है?
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जल्द से जल्द भेड़ियों को पकड़ लिया जाएगा। यहां तक की उन्होंने भेड़ियों को पकड़ने और प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के लिए भी कहां है। डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर आकाश ने बताया है कि “अभी तक तीन भेड़िया पकड़े जा चुके हैं और ऐसा लगता है कि अभी तीन और हैं जिन्हें पकड़ने के लिए ड्रोन और ट्रेंकुलाइजर की मदद ली जा रही है।”
भेडिया के खौफ को देखते हुए उत्तर प्रदेश के वन राज्य मंत्री अरुण सक्सेना भी बहराइच पहुंचे और यहां कई गांव का दौरा भी किया। प्रशासन को आदेश दिया गया है कि हर घर में दरवाजे लगाए जाएं और लाइट लगाई जाए, ताकि अंधेरे में किसी को शौच के लिए न जाना पड़े। यहां तक की लोगों से गुजारिश की जा रही है कि वह रात में घरों के अंदर ही रहें, बाहर न जाए।
वन विभाग का ऑपरेशन भेड़िया है चालू
भेड़ियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन भेड़िए की शुरुआत की गई है। वन विभाग का कहना है की बरसात के दिनों में जंगलों के अंदर पानी भर जाता है जिसके कारण भेड़िए गांव की और आ चुके हैं। योगी सरकार भी इस बात को गंभीरता से ले रही है। वन विभाग की कई टीमें इलाके में तैनात है। करने की संख्या बच्चों की जहां 6 बताई गई है वही सूत्रों के अनुसार पता चला है कि 35 लोग हमले से घायल भी हुए। वन अधिकारियों ने अब इन बेलगाम आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए एक नई रणनीति बनाई है, जिस रणनीति में हाथी के गोबर और यूरिन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसको पानी में मिलाकर ग्रामीण इलाकों के बॉर्डर पर छिड़काव किया जाएगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी दुर्गंध से छोटे जानवर गांव के करीब नहीं आएंगे। चारों दिशा में ड्रोन कैमरे से इन भेड़ियों की लोकेशन पता करने में जुटी है।
आखिर भेड़िया किस तरीके का जानवर है?
क्या आपने कभी सोचा है की भेड़िया किस तरीके का जानवर है? कुत्ते जैसा दिखने वाला यह जानवर आखिर इतना खौफनाक क्यों है? भेड़िये और कुत्ते एक जैसे दिखते हैं, लेकिन असल में वे काफ़ी अलग हैं। भेड़िये अपनी खुद की अनूठी प्रजाति हैं, जिन्हें कैनिस ल्यूपस के नाम से जाना जाता है और कुत्ते ग्रे वुल्फ़ का एक पालतू रूप हैं। हर एक जंगली जानवर की तरह भेड़िया भी खतरनाक होते हैं। पर इंसानों से डरते हैं। खतरा महसूस होते ही वह हमला करते हैं और इंसानों से बचाना पसंद करते हैं। भेड़िये मांसाहारी होते हैं, जिसका मतलब है कि वे मुख्य रूप से मांस खाते हैं। हिरण से लेकर चूहा यह सब खाना पसंद करते हैं और छोटे पक्षियों से लेकर मछलियां भी इनका भोजन बन जाती है।
इनका सर काफी बड़ा और भारी होता है। उनके जबड़े मजबूत होते हैं जो उन्हें भोजन करने में मदद करते हैं। आप पर भेड़िया हमला करता है, तो भागें नहीं। आँख से आँख मिलाएँ, खुद को बड़ा दिखाएँ और ऊँची, डराने वाली आवाज़ें निकालें। जितनी जल्दी हो सके सुरक्षित जगह पर पहुँच जाएँ। हमेशा याद रखें जहां एक भेड़िए होता है वहां और भी भेड़िए मौजूद होंगे। झुंड का सामना करते हुए धीरे-धीरे पीछे हट जाएँ। अगर आप उनसे बचने के लिए दौड़ते हैं तो उन्हें और भी मजा आता है। वह पीछा करना शुरू कर देते हैं। भेड़िये की तरफ़ कदम बढ़ाएँ, शोर मचाएँ, चिल्लाएँ और ताली बजाएँ। जब आप कदम पीछे ले रहे हो तब भी शोर मचाते हैं। उन्हें पीठ नहीं दिखानी चाहिए। हमेशा उनका सामना करते वक्त शांत रहने की कोशिश करें।
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