भारत के पड़ोसियों का विरोधी रुख खतरे का संकेत तो नहीं
वैसे तो भाजपा और केंद्र सरकार दोनों का दावा है कि दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डंका बज रहा है। एक दिन पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत विश्वमित्र बन रहा है। भारत दुनिया में चल रही लड़ाइयां रूकवाने के लिए काम कर रहा है। लेकिन दूसरी ओर पड़ोस के देश ही भारत की अनदेखी कर रहे हैं। पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने किया और अब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली कर रहे हैं। खबर है कि केपी शर्मा ओली अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन जा रहे हैं। गौरतलब है कि भारत के पड़ोसी देशों के बारे में यह अघोषित नियम है कि वहां का नया राष्ट्रपति या नया प्रधानमंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आता है। नेपाल तो वैसे भी भारत का सबसे पुराना और भरोसेमंद सहयोगी है लेकिन वहां भी पिछले कुछ समय से दूसरी बयार चल रही है। तभी पुष्प कमल दहल की जगह प्रधानमंत्री बने केपी शर्मा ओली पहली विदेश यात्रा पर चीन जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे दो से पांच दिसंबर के बीच चीन जा सकते हैं। उसके बाद वे भारत आने का कार्यक्रम बनाएंगे। इससे पहले मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भी भारत विरोधी रुख दिखाया और पहली यात्रा पर चीन गए। हालांकि बाद में वे भारत की तारीफ करने लगे लेकिन उनकी मंशा साफ हो गई है। सो, भारत को अपनी कूटनीति के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। यह मामूली बात नहीं है कि एक के एक करके भारत के सारे पड़ोसी चीन के साथ जा रहे हैं।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!